भिवानी/चरखी दादरी/जींद : हरियाणा के कई जिलों में सोमवार अल सुबह बारिश हुई. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 2-3 दिनों में और बारिश हो सकती है. इससे तापमान में गिरावट के साथ-साथ ठंड बढ़ने का अनुमान है. इसका सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होने जा रहा है. खेतों में लगी गेहूं, तिलहन व अन्य फसलों के साथ बागवानी करने वाले किसानों को तत्काल लाभ होगा. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश के कारण एक सिंचाई कम करनी होगी. इससे सिंचाई पर होने वाला खर्च, समय और मेहनत तीनों बचेगी.
पहली बारिश से किसान खुशः भिवानी से मिली रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह जिले में हुई हल्की बारिश किसानों के लिए वरदान साबित होगी. पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव से अब 25 दिसंबर के बाद भी बरसात की संभवानाएं कृषि वैज्ञानिक बता रहे है. इस बरसात से जहां दिन का तापमान कम होगा, वही रात्रि के तापमान में बढ़ोत्तरी होगी. किसानों ने इस मौसम की इस पहली बरसात पर खुशी जाहिर करते हुए इस बरसात को अत्यंत लाभकारी बताया है. किसान मैनपाल, रामनिवास व सुरेश ने बताया कि बारिश का हम किसान इंतजार कर रहे थे. ये बारिश सभी प्रकार की फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद है.
बारिश बड़े क्षेत्र में हुई है. बारिश से सरसों, गेहूं की फसलों को अब सिंचाई की जरूरत नहीं होगी. किसानों का डीजल और सिंचाई में होने वाला खर्च और मेहनत बची है. उन्होंने बताया कि इस बरसात के बाद अब आने वाले दिनों में जहां ठंड और धुंध में बढ़ोत्तरी होगी. वो भी रबी की फसलों के लिए लाभदायक साबित होगी. इस बरसात से फसलों की ग्रोथ तेजी से होगी. ये बरसात ना केवल गेहूं व सरसो की फसलों, बल्कि इस सीजन की सभी फसलों के लिए लाभकारी है.-विनोद फोगाट, कृषि उप निदेशक, भिवानी
बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कानः चरखी दादरी से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले में सोमवार सुबह से दिनभर रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रही. कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि ये बारिश सोने पर सुहागा है. रबी सीजन की फसल गेहूं, सरसों, जौ, चना, मटर आदि फसलों के लिए ये बारिश काफी फायदेमंद मानी जा रही है. बारिश भले ही कम मात्रा में हुई है लेकिन इससे किसान बेहद खुश नजर आ रहे हैं. कृषि विशेषज्ञ भी इस बारिश को फसलों के लिए संजीवनी के समान मान रहे हैं. दूसरी ओर बारिश के बाद हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा.
कुदरत से यही उम्मीद थी कि बारिश हो. इस बारिश से तिलहन, सब्जी, बागवानी को फायदा होगा. गेहूं की फसल के लिए किसानों को पानी नहीं देना पड़ेगा. बारिश से फसलों के द्वारा पोषक तत्वों का इनटेक बढ़ जाएगा. जिन किसानों ने अभी तक नाइट्रोजन युक्त उर्वरक नहीं डाला है, वे अभी डाल सकते हैं. उम्मीद है कि यह एक सिंचाई का काम करेगा. मौसम के मिजाज से उम्मीद है कि 2-3 दिन ऐसा मौसम रहेगा.- डॉ. चंद्रभान श्योराण, वैज्ञानिक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, चरखी दादरी
जींद में बारिश, फसलों को होगा फायदाः जींद से मिली रिपोर्ट के अनुसार रबी फसल की बुआई के बाद से बूंदाबांदी तो दूर, धुंध तथा कोहरा भी नहीं पड़ रहा था. सूखी ठंड का असर स्वास्थ्य के साथ फसलों पर भी देखने को मिल रहा था. कोहरे का खतरा लगातार बना हुआ था. बारिश ने फसलों को संजीवनी देने का काम किया है. किसानों का कहना है कि अगर अच्छी बारिश होती है तो फसलों को और ज्यादा फायदा होगा.
पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव आया है. बूंदाबांदी से फसलों को फायदा पहुंचा है. सूखी ठंड से कुछ राहत मिली है. अब सर्दी बढ़ेगी. 26 दिसंबर को फिर बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं. किसान अभी ही फसलों में खाद का प्रयोग करें.- डॉ. राजेश, मौसम वैज्ञानिक