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बारिश ने तोड़ा काशी के क्योटो बनने का भ्रम, शहर के अधिकांश इलाके जलमग्न, निगम के दावों की खुली पोल - Rain exposes Varanasi Municipal

मानसून की पहली जबरदस्त बरसात में बनारस के क्योटो होने की हकीकत से पर्दा उठा दिया है. काशी शहर के अधिकांश इलाकों की सड़कें जलमग्न हो गई हैं, उनके निकासी के कोई इंतजाम नहीं होने से लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हो गये.

बारिश ने खोली निगम के दावों की पोल
बारिश ने खोली निगम के दावों की पोल (PHOTO credits ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 8:39 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 11:02 PM IST

काशी की गलियों में बारिश का पानी (video credits ETV Bharat)

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी को क्योटो बनाने का सपना, सपना ही रह गया. मानसून की पहली जोरदार बारिश ने बनारस के क्योटो बनाये जाने के दावों की पोल खोल कर रख दिया है. शहर के अधिकांश इलाके जलमग्न हो गए. काशी के पक्के महाल से लेकर कॉलोनी तक की सड़कों पर पानी जमा हो गया है. जल जमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. अधिकांश इलाका वॉटर लॉगिंग की जद में है और लोग परेशान हैं.

वाराणसी में उफान पर गंगा (video credits ETV Bharat)

दरअसल वाराणसी में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिससे यहां काे मौसम का मिजाज बदला हुआ है. शुक्रवार सुबह से ही रुक रुक कर लगातार हो रही बरसात के बीच अचानक से मूसलाधार बारिश होने लगी. जिसके बाद सड़कों पर जल जमाव होने लगा. शहर के अधिकांश इलाकों में पानी लगने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई. बारिश अभी भी जारी है और बरसात के बीच लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं.

शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें
शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें (PHOTO credits ETV Bharat)

शहर के नई सड़क, गोदौलिया, रथयात्रा, साकेत नगर, भेलूपुर सहित वरुणा पार के कई इलाकों में सड़क पर पानी जमा होने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मानसून के पहले नगर निगम के लंबे चौड़े दावे थे कि शहर के अधिकांश इलाकों के नाले और नालियों की सफाई लगभग 80% से ज्यादा पूरी कर ली गई है. लेकिन इन दावों की हकीकत अब सामने आने लगी है.

शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें
शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें (PHOTO credits ETV Bharat)

नगर निगम की लापरवाही के नतीजा रहे कि शहर के अधिकांश इलाकों में इस मानसून की पहली जबरदस्त बारिश में ही जलमग्न करने का काम किया है. यह परेशानी अभी आगे और बढ़ सकती है क्योंकि शुक्रवार सुबह से ही लगातार बारिश जारी है, ऐसे ही बारिश होती रही तो शहर में लोगों को नाव से आवाजाही करनी पड़ सकती है.

शहर के घाट भी जलमग्न
शहर के घाट भी जलमग्न (PHOTO credits ETV Bharat)

वाराणसी में गंगा का जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार बढ़ रहा है. हालांकि शुक्रवार सुबह केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों में गंगा का जलस्तर घटने लगा है. लेकिन यह घटाव बहुत ही धीमा है. दशाश्वमेध घाट सहित अन्य घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं. नमो घाट पूरी तरह से पानी में है. नमो घाट पर लगे नमस्ते का स्ट्रक्चर भी पूरी तरह से पानी में डूबता नजर आ रहा है. अस्सी घाट पर पानी सड़कों तक आ गया है और इसे लेकर प्रशासन भी अब अलर्ट मोड में दिखाई दे रहा है.

वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिगम और अपर पुलिस कमिश्नर एस. चिनप्पा के साथ एनडीआरएफ की टीम ने मोटर बोट से नमो घाट से पुराना पुल तक के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने प्राथमिक विद्यालय सरैंया के राहत शिविर का भी निरीक्षण कर वहां रह रहे लोगों से चर्चा की. मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया. बाढ़ पीड़ितों से चिकित्सा व्यवस्था, राशन वितरण और राहत कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य में कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया.

प्रयागराज में भी उफान पर गंगा यमुना: संगम नगरी प्रयागराज में तेजी से बढ़ते गंगा और यमुना के जल स्तर की रफ्तार थम गयी है. तीन दिनों से बढ़ते हुए गंगा यमुना जलस्तर में ठहराव आ गया है. लेकिन बाढ़ के पानी की वजह से कई निचले इलाकों में पानी भर गया था. जिससे सलोरी बघाड़ा इलाके में रहने वाले छात्र अपने कमरों को छोड़कर चले गए हैं. हालांकि बाढ़ की रफ्तार रुकने से इन छात्रों ने राहत की सांस ली है. छात्रों का कहना है कि, आने वाले दिनों में कई भर्ती परीक्षाएं होनी है. जिसकी वजह से वो शहर छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं. गुरुवार तक जहां दोनों नदियों का जलस्तर 82 मीटर के पार हो गया था. वही जलस्तर अब घटकर 82 मीटर के नीचे आ गया है.

रायबरेली: यूपी के रायबरेली जिले के बछरावां में शुक्रवार को हुई जोरदार बारिश से एक घर की छत अचानक भरभराकर गिर गई. छत गिरने से मलबे के अंदर दो महिलाएं दब गई. आसपास के लोगों ने तुरंत रेस्क्यू कर दोनों महिलाओं को निकालने का प्रयास किया. लेकिन जब तक महिलाओं को मलबे से बाहर निकालते उसके पहले एक महिला जीनत बानो(22) की मौत हो चुकी थी. वहीं दूसरी घायल महिला का इलाज चल रहा है.

ये भी पढ़ें: काशी में 'मौत के घर'; जर्जर मकानों में सैकड़ों परिवार, क्या जिम्मेदारों को है हादसे का इंतजार?

काशी की गलियों में बारिश का पानी (video credits ETV Bharat)

वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी को क्योटो बनाने का सपना, सपना ही रह गया. मानसून की पहली जोरदार बारिश ने बनारस के क्योटो बनाये जाने के दावों की पोल खोल कर रख दिया है. शहर के अधिकांश इलाके जलमग्न हो गए. काशी के पक्के महाल से लेकर कॉलोनी तक की सड़कों पर पानी जमा हो गया है. जल जमाव से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. अधिकांश इलाका वॉटर लॉगिंग की जद में है और लोग परेशान हैं.

वाराणसी में उफान पर गंगा (video credits ETV Bharat)

दरअसल वाराणसी में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिससे यहां काे मौसम का मिजाज बदला हुआ है. शुक्रवार सुबह से ही रुक रुक कर लगातार हो रही बरसात के बीच अचानक से मूसलाधार बारिश होने लगी. जिसके बाद सड़कों पर जल जमाव होने लगा. शहर के अधिकांश इलाकों में पानी लगने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई. बारिश अभी भी जारी है और बरसात के बीच लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं.

शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें
शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें (PHOTO credits ETV Bharat)

शहर के नई सड़क, गोदौलिया, रथयात्रा, साकेत नगर, भेलूपुर सहित वरुणा पार के कई इलाकों में सड़क पर पानी जमा होने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मानसून के पहले नगर निगम के लंबे चौड़े दावे थे कि शहर के अधिकांश इलाकों के नाले और नालियों की सफाई लगभग 80% से ज्यादा पूरी कर ली गई है. लेकिन इन दावों की हकीकत अब सामने आने लगी है.

शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें
शहर में भारी जल जमाव की तस्वीरें (PHOTO credits ETV Bharat)

नगर निगम की लापरवाही के नतीजा रहे कि शहर के अधिकांश इलाकों में इस मानसून की पहली जबरदस्त बारिश में ही जलमग्न करने का काम किया है. यह परेशानी अभी आगे और बढ़ सकती है क्योंकि शुक्रवार सुबह से ही लगातार बारिश जारी है, ऐसे ही बारिश होती रही तो शहर में लोगों को नाव से आवाजाही करनी पड़ सकती है.

शहर के घाट भी जलमग्न
शहर के घाट भी जलमग्न (PHOTO credits ETV Bharat)

वाराणसी में गंगा का जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार बढ़ रहा है. हालांकि शुक्रवार सुबह केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों में गंगा का जलस्तर घटने लगा है. लेकिन यह घटाव बहुत ही धीमा है. दशाश्वमेध घाट सहित अन्य घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं. नमो घाट पूरी तरह से पानी में है. नमो घाट पर लगे नमस्ते का स्ट्रक्चर भी पूरी तरह से पानी में डूबता नजर आ रहा है. अस्सी घाट पर पानी सड़कों तक आ गया है और इसे लेकर प्रशासन भी अब अलर्ट मोड में दिखाई दे रहा है.

वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिगम और अपर पुलिस कमिश्नर एस. चिनप्पा के साथ एनडीआरएफ की टीम ने मोटर बोट से नमो घाट से पुराना पुल तक के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने प्राथमिक विद्यालय सरैंया के राहत शिविर का भी निरीक्षण कर वहां रह रहे लोगों से चर्चा की. मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया. बाढ़ पीड़ितों से चिकित्सा व्यवस्था, राशन वितरण और राहत कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य में कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया.

प्रयागराज में भी उफान पर गंगा यमुना: संगम नगरी प्रयागराज में तेजी से बढ़ते गंगा और यमुना के जल स्तर की रफ्तार थम गयी है. तीन दिनों से बढ़ते हुए गंगा यमुना जलस्तर में ठहराव आ गया है. लेकिन बाढ़ के पानी की वजह से कई निचले इलाकों में पानी भर गया था. जिससे सलोरी बघाड़ा इलाके में रहने वाले छात्र अपने कमरों को छोड़कर चले गए हैं. हालांकि बाढ़ की रफ्तार रुकने से इन छात्रों ने राहत की सांस ली है. छात्रों का कहना है कि, आने वाले दिनों में कई भर्ती परीक्षाएं होनी है. जिसकी वजह से वो शहर छोड़कर नहीं जाना चाहते हैं. गुरुवार तक जहां दोनों नदियों का जलस्तर 82 मीटर के पार हो गया था. वही जलस्तर अब घटकर 82 मीटर के नीचे आ गया है.

रायबरेली: यूपी के रायबरेली जिले के बछरावां में शुक्रवार को हुई जोरदार बारिश से एक घर की छत अचानक भरभराकर गिर गई. छत गिरने से मलबे के अंदर दो महिलाएं दब गई. आसपास के लोगों ने तुरंत रेस्क्यू कर दोनों महिलाओं को निकालने का प्रयास किया. लेकिन जब तक महिलाओं को मलबे से बाहर निकालते उसके पहले एक महिला जीनत बानो(22) की मौत हो चुकी थी. वहीं दूसरी घायल महिला का इलाज चल रहा है.

ये भी पढ़ें: काशी में 'मौत के घर'; जर्जर मकानों में सैकड़ों परिवार, क्या जिम्मेदारों को है हादसे का इंतजार?

Last Updated : Aug 9, 2024, 11:02 PM IST
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