पलामू: बांग्लादेश से उठा साइक्लोनिक सर्कुलेशन झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल समते कई राज्यों में अपना कहर बरपा रहा है. झारखंड में पिछले तीन दिनों लगातर जोरदार बारिश हो रही है. कई नदियां डेंजर जोन से ऊपर आ चुकी हैं, तो कहीं बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग ने कई जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है. पलामू जिले में भी साइक्लोनिक सर्कुलेशन का दबाव बना हुआ है, जिसके चलते भारी बारिश हो रही है.
मंगलवार को दबाव का क्षेत्र डाल्टनगंज से करीब 50 किलोमीटर दूरी पर बना हुआ है, जो देर रात तक दबाव का क्षेत्र छत्तीसगढ़ के इलाके में शिफ्ट हो जाएगा. जिसके बाद इलाके में बारिश में कमी आएगी. पिछले तीन दिनों से पलामू में भारी बारिश हो रही है, जिससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है. कई निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है तो कई घरों में पानी घुस गया है. भारी बारिश के कारण जगह-जगह की सड़कें टूट गई है, जिससे डालटनगंज-महुआडांड़ रोड पर सफर करना खतरनाक हो गया है.
इस दौरान 250 मिली मीटर से भी अधिक बारिश हुई है. बारिश के कारण पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाकों में तीन से अधिक मौतें भी हुई है. लातेहार के गारू इलाके में बूढ़ा नदी पार करने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हुई थी. वहीं, पलामू के इलाके में वज्रपात से दो लोगों की मौत हुई थी.
गढ़वा के इलाके में एक शिक्षक नदी पार करने के दौरान बह गए थे. लगातार बारिश को लेकर जिला प्रशासन के तरफ से हाई अलर्ट जारी किया गया है और तटीय क्षेत्रों में स्थानीय कर्मचारियों की तैनाती की गई है. बारिश के कारण छोटी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि कोयल, औरंगा, अमानत जैसी नदियां उफान पर है.
मेदिनीनगर के सदर एसडीएम अनुराग तिवारी ने बताया कि तटीय क्षेत्र में लगातार निगरानी रखी जा रही है. सदर अंचल पदाधिकारी और कर्मचारी इलाके में नजर बनाए हुए हैं. आम लोगों से भी सावधान रहने की अपील की गई है. महुआडांड़ रोड पर सफर करने वाले रिंकू नामक युवक ने बताया कि रोड पर चलना काफी मुश्किल हो गया है. कई जगह बहने की स्थिति में हो गई है.
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