ETV Bharat / state

वाराणसी में पहली बार बनेगा बैलास्टलेस तकनीक से रेलवे ट्रैक, प्लेटफार्म पर 30 किमी/घंटे की रफ़्तार से चलेगी ट्रेन - Railway track in Varanasi

वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर लगातार रिमाॅडलिंग का काम (Railway track in Varanasi) जारी है. इसी क्रम में अब नई तकनीक के साथ बैलास्टलेस ट्रैक बनाया जाएगा. जिसकी शुरूआत जल्द होने जा रही है.

बैलास्टलेस तकनीक से बनेगा रेलवे ट्रैक
बैलास्टलेस तकनीक से बनेगा रेलवे ट्रैक (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 9:37 AM IST

बैलास्टलेस तकनीक से बनेगा रेलवे ट्रैक (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी : कैंट रेलवे स्टेशन के रिमॉडलिंग का काम लगातार जारी है. एक बार फिर से स्टेशन पर ट्रैक को रिमॉडल करने के लिए 60 दिन का ब्लॉक लेने की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन इस बार बनारस का पहला ऐसा रेलवे ट्रैक होगा जो बैलास्टलेस तकनीक से बनेगा. जिससे अब तक इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि तीस के रफ्तार से ट्रेन प्लेटफार्म पर आ सकेगी.



बता दें कि, लगातर रेलवे को बेहतर बनाने के साथ उसे आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है. इसी क्रम में कैंट रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का कार्य जारी है. कायाकल्प में अब नई तकनीक के साथ बैलास्टलेस ट्रैक बनाने की शुरुआत होने जा रही है. ये पूर्वांचल में पहला मौका होगा जब इस तकनीक से वाराणसी में ट्रैक पर ट्रेन बढ़े रफ़्तार से दौड़ेगी.

15 नहीं 30 के स्पीड से प्लेटफार्म पर दौड़ेगी ट्रेन : इस बारे में लखनऊ डीआरएम एसएन शर्मा बताते हैं कि, रिमॉडलिंग के तहत यह ट्रैक काफी मजबूत होगा. कम मेंटेंस में यह वर्षों तक चलेगा. बड़ी बात यह है कि प्लेटफार्म पर पंद्रह की स्पीड पर चलने वाली ट्रेन अब तीस की स्पीड से चलेगी. वाराणसी में इसके लिए कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच को चिन्हित किया गया है, जहां ट्रैक के साथ-साथ पूरे प्लेटफार्म को नये तकनीक और विशेष सुविधाओं के साथ बनाया जाएगा. इस ट्रैक को बिना गिट्टियों के बनाया जाता है, जो पड़ता तो महंगा है, लेकिन इसका मेंटेनेंस काफी कम होता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए 60 दिन का ब्लॉक भी लिया गया है. इस योजना में इस ट्रैक के साथ ही प्लेटफार्म नंबर पांच को आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा.




अब तक मेट्रो में होता था इस तकनीक का उपयोग : बताते चलें कि बैलास्टलेस ट्रैक मेट्रो ट्रेन के उपयोग किए जाते हैं, लेकिन अब रेलवे भी अपने ट्रेनों के आवाजाही के लिए ऐसे ट्रैक का उपयोग कर रहा है. देश के कई प्लेटफार्म पर ऐसे ट्रैक की शुरुआत हो चुकी है और अब वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर भी शुरू होने जा रहा है. वहीं, यार्ड रिमॉडलिंग की बात करें तो कैंट रेलवे स्टेशन पर लगभग 568 करोड़ रुपए से स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है. इसके तहत 150 योजनाओं को भी संचालित किया जा रहा है. बीते साल सितंबर में 45 दिन का ब्लॉक भी लिया गया था. 1994 के बाद अब स्टेशन का विकास हो रहा है.

यह भी पढ़ें : 5 नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर मुंबई ले जा रही थी गाजीपुर की महिला, प्रयागराज में पुलिस ने सभी को ट्रेन से किया बरामद - 5 minor girls recovered

यह भी पढ़ें : इस ट्रेन में मुफ्त करें सफर, न टिकट लगेगा न किराया, पाकिस्तान में बने थे कोच - bhakra nangal train

बैलास्टलेस तकनीक से बनेगा रेलवे ट्रैक (Video credit: ETV Bharat)

वाराणसी : कैंट रेलवे स्टेशन के रिमॉडलिंग का काम लगातार जारी है. एक बार फिर से स्टेशन पर ट्रैक को रिमॉडल करने के लिए 60 दिन का ब्लॉक लेने की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन इस बार बनारस का पहला ऐसा रेलवे ट्रैक होगा जो बैलास्टलेस तकनीक से बनेगा. जिससे अब तक इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि तीस के रफ्तार से ट्रेन प्लेटफार्म पर आ सकेगी.



बता दें कि, लगातर रेलवे को बेहतर बनाने के साथ उसे आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है. इसी क्रम में कैंट रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का कार्य जारी है. कायाकल्प में अब नई तकनीक के साथ बैलास्टलेस ट्रैक बनाने की शुरुआत होने जा रही है. ये पूर्वांचल में पहला मौका होगा जब इस तकनीक से वाराणसी में ट्रैक पर ट्रेन बढ़े रफ़्तार से दौड़ेगी.

15 नहीं 30 के स्पीड से प्लेटफार्म पर दौड़ेगी ट्रेन : इस बारे में लखनऊ डीआरएम एसएन शर्मा बताते हैं कि, रिमॉडलिंग के तहत यह ट्रैक काफी मजबूत होगा. कम मेंटेंस में यह वर्षों तक चलेगा. बड़ी बात यह है कि प्लेटफार्म पर पंद्रह की स्पीड पर चलने वाली ट्रेन अब तीस की स्पीड से चलेगी. वाराणसी में इसके लिए कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच को चिन्हित किया गया है, जहां ट्रैक के साथ-साथ पूरे प्लेटफार्म को नये तकनीक और विशेष सुविधाओं के साथ बनाया जाएगा. इस ट्रैक को बिना गिट्टियों के बनाया जाता है, जो पड़ता तो महंगा है, लेकिन इसका मेंटेनेंस काफी कम होता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए 60 दिन का ब्लॉक भी लिया गया है. इस योजना में इस ट्रैक के साथ ही प्लेटफार्म नंबर पांच को आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा.




अब तक मेट्रो में होता था इस तकनीक का उपयोग : बताते चलें कि बैलास्टलेस ट्रैक मेट्रो ट्रेन के उपयोग किए जाते हैं, लेकिन अब रेलवे भी अपने ट्रेनों के आवाजाही के लिए ऐसे ट्रैक का उपयोग कर रहा है. देश के कई प्लेटफार्म पर ऐसे ट्रैक की शुरुआत हो चुकी है और अब वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर भी शुरू होने जा रहा है. वहीं, यार्ड रिमॉडलिंग की बात करें तो कैंट रेलवे स्टेशन पर लगभग 568 करोड़ रुपए से स्टेशन को आधुनिक बनाया जा रहा है. इसके तहत 150 योजनाओं को भी संचालित किया जा रहा है. बीते साल सितंबर में 45 दिन का ब्लॉक भी लिया गया था. 1994 के बाद अब स्टेशन का विकास हो रहा है.

यह भी पढ़ें : 5 नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर मुंबई ले जा रही थी गाजीपुर की महिला, प्रयागराज में पुलिस ने सभी को ट्रेन से किया बरामद - 5 minor girls recovered

यह भी पढ़ें : इस ट्रेन में मुफ्त करें सफर, न टिकट लगेगा न किराया, पाकिस्तान में बने थे कोच - bhakra nangal train

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.