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रेलवे कर्मचारी नेता ज्ञापन विवाद, झांसी रेल मंडल के ADRM हटाए गए, कार्रवाई से मची खलबली - Jhansi Railway Letter Dispute

झांसी रेल मंडल में एडीआरएम ने कर्मचारियों नेताओं का ज्ञापन लेने से मना कर दिया था. कर्मचारी नेताओं ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी. इसके बाद इसकी शिकायत बड़े अफसरों से कर दी थी.

झांसी रेलवे मंडल के एडीआरएम पर कार्रवाई.
झांसी रेलवे मंडल के एडीआरएम पर कार्रवाई. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 6:25 AM IST

झांसी : जिले में ज्ञापन देने गए रेलवे कर्मचारी नेताओं के साथ अभद्रता करना एडीआरएम को महंगा पड़ गया. कर्मचारी नेताओं ने अभद्रता की शिकायत रेलवे बोर्ड से कर दी. इसके बाद रेलवे बोर्ड ने एडीआरएम विवेक मिश्रा को हटा दिया. रेलवे बोर्ड की कार्रवाई से उत्तर मध्य रेलवे में खलबली मची है. यह इस तरह का पहला मामला माना जा रहा है जब कर्मचारी नेताओं की शिकायत पर रेलवे के किसी बड़े अफसर पर गाज गिरी है. रेलवे कर्मचारी नेताओं ने इसे अपनी जीत बताई है. वहीं इस मामले को लेकर भारतीय मजदूर संघ का एक पोस्टर भी चर्चा में है.

भारतीय मजदूर संघ के नेता और संगठन मंत्री सीके चतुर्वेदी ने बताया कि 18 जुलाई 2024 को पूरे देश के सभी जोन व मंडल में ओपीएस और दूसरे मुद्दों काे लेकर वित्तमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा था. उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने मंडल रेल प्रबंधक झांसी मंडल को प्रदर्शन के बाद ज्ञापन देने की सूचना दी.

रेलवे की ओर से जारी किया गया आदेश.
रेलवे की ओर से जारी किया गया आदेश. (Photo Credit; ETV Bharat)

तय कार्यक्रम के अनुसार रेलवे के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद वह मंडल रेल प्रबंधक झांसी को ज्ञापन देने पहुंचे. इस पर मंडल रेल प्रबंधक झांसी ने व्यस्तता बताते हुए कर्मचारी नेताओं को एडीआरएम विवेक मिश्रा को ज्ञापन देने के लिए कहा. इस पर कर्मचारी नेता एडीआरएम के पास पहुंचे.

चैंबर से बाहर आकर एडीआरएम ने कर्मचारी नेताओं से उनका परिचय पूछा. इस पर कर्मचारी नेताओं ने बताया कि वह भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता हैं. आरोप है कि इस पर एडीआरएम ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ मान्यता प्राप्त नहीं है. यदि आप एनसीआरईएस, एनएफआईआर या एनसीआरएमयू या एआईआरएफ से हों तो ज्ञापन ले सकते हैं.

इसके बाद विवाद बढ़ गया. इस पूरे मामले को संगठन के उच्च स्तर पर भारतीय मजदूर संघ के नेताओं को अवगत कराया गया. बात दिल्ली तक और रेलमंत्री तक पहुंची. मामले को लेकर भारतीय रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री हेमंत विश्वकर्मा ने लिखित शिकायत की और संगठन में ऊपर तक अपनी बात रखी. मजदूर संघ के नेताओं का दावा है कि उनकी शिकायत को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से लिया.

यह भी पढ़ें : बलिया में अब बिजली विभाग के दो अफसरों पर कार्रवाई, ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता से पैसे मांगने में जेई और विजिलेंस प्रभारी को किया सस्पेंड

झांसी : जिले में ज्ञापन देने गए रेलवे कर्मचारी नेताओं के साथ अभद्रता करना एडीआरएम को महंगा पड़ गया. कर्मचारी नेताओं ने अभद्रता की शिकायत रेलवे बोर्ड से कर दी. इसके बाद रेलवे बोर्ड ने एडीआरएम विवेक मिश्रा को हटा दिया. रेलवे बोर्ड की कार्रवाई से उत्तर मध्य रेलवे में खलबली मची है. यह इस तरह का पहला मामला माना जा रहा है जब कर्मचारी नेताओं की शिकायत पर रेलवे के किसी बड़े अफसर पर गाज गिरी है. रेलवे कर्मचारी नेताओं ने इसे अपनी जीत बताई है. वहीं इस मामले को लेकर भारतीय मजदूर संघ का एक पोस्टर भी चर्चा में है.

भारतीय मजदूर संघ के नेता और संगठन मंत्री सीके चतुर्वेदी ने बताया कि 18 जुलाई 2024 को पूरे देश के सभी जोन व मंडल में ओपीएस और दूसरे मुद्दों काे लेकर वित्तमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा था. उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ ने मंडल रेल प्रबंधक झांसी मंडल को प्रदर्शन के बाद ज्ञापन देने की सूचना दी.

रेलवे की ओर से जारी किया गया आदेश.
रेलवे की ओर से जारी किया गया आदेश. (Photo Credit; ETV Bharat)

तय कार्यक्रम के अनुसार रेलवे के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद वह मंडल रेल प्रबंधक झांसी को ज्ञापन देने पहुंचे. इस पर मंडल रेल प्रबंधक झांसी ने व्यस्तता बताते हुए कर्मचारी नेताओं को एडीआरएम विवेक मिश्रा को ज्ञापन देने के लिए कहा. इस पर कर्मचारी नेता एडीआरएम के पास पहुंचे.

चैंबर से बाहर आकर एडीआरएम ने कर्मचारी नेताओं से उनका परिचय पूछा. इस पर कर्मचारी नेताओं ने बताया कि वह भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता हैं. आरोप है कि इस पर एडीआरएम ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ मान्यता प्राप्त नहीं है. यदि आप एनसीआरईएस, एनएफआईआर या एनसीआरएमयू या एआईआरएफ से हों तो ज्ञापन ले सकते हैं.

इसके बाद विवाद बढ़ गया. इस पूरे मामले को संगठन के उच्च स्तर पर भारतीय मजदूर संघ के नेताओं को अवगत कराया गया. बात दिल्ली तक और रेलमंत्री तक पहुंची. मामले को लेकर भारतीय रेलवे मजदूर संघ के महामंत्री हेमंत विश्वकर्मा ने लिखित शिकायत की और संगठन में ऊपर तक अपनी बात रखी. मजदूर संघ के नेताओं का दावा है कि उनकी शिकायत को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से लिया.

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