भरतपुर : जगन्नाथ पहाडिया मेडिकल कॉलेज भरतपुर में रैगिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. बीते दो दिनों में रैगिंग की दो घटनाएं सामने आई हैं. सोमवार को तो कॉमन रूम में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की 13 छात्राओं को एक साथ खड़ा करके सीनियर छात्राओं ने रैगिंग ली. रैगिंग की घटनाओं से मेडिकल कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए दीपावली बाद सभी विद्यार्थियों के परिजनों को कॉलेज में तलब किया है. दीपावली बाद कॉलेज प्रशासन मेडिकल छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों से रैगिंग के संबंध में लिखित शपथ पत्र लेगा.
कॉलेज प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि रैगिंग के दो मामले सामने आए हैं. पहले मामले में पता चला कि कुछ छात्र रैगिंग ले रहे हैं, जिसके बाद एंटी रैगिंग कमेटी को एक्टिव किया. कुछ समय में ही रैगिंग लेने वाले छात्रों को ऑफिस लेकर आए. इस संबंध में सभी छात्रों के परिजनों को पत्र लिखकर बुलाया गया है. सोमवार को कॉलेज के कॉमन रूम में छात्रों की रैगिंग का भी मामला सामने आया है.
प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि मंगलवार को छात्र-छात्राओं को रैगिंग नहीं लेने के लिए जागरूक किया है. रैगिंग के नियम और पेनल्टी से भी अवगत कराया है. यदि छात्र-छात्राओं का रैगिंग लेने की पुष्टि हो गई तो उन्हें जेल तक जाना पड़ सकता है. साथ ही एमबीबीएस की पढ़ाई में भी परेशानी खड़ी हो सकती है.
लेंगे लिखित शपथ पत्र : प्राचार्य तरुणलाल ने बताया कि रैगिंग पर सख्ती से लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. दीपावली बाद 6 से 10 नवंबर के बीच सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों को कॉलेज बुलाया गया है. परिजनों के साथ बैठक की जाएगी, साथ ही रैगिंग के संबंध में सभी परिजन और विद्यार्थियों से लिखित शपथ पत्र लिया जाएगा. प्राचार्य ने बताया कि रैगिंग की पुष्टि होने पर एक साल तक के लिए कॉलेज से बर्खास्त और जेल तक हो सकती है.
गौरतलब है कि मार्च 2024 में भी रैगिंग मामले में तीन छात्रों को तीन माह के लिए निलंबित कर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना और एक अन्य छात्र को एक माह के लिए निलंबित किया जा चुका था.