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क्या रमेश बैस की राजनीतिक पारी में लग गया ब्रेक, पार्टी में भूमिका को लेकर अब उठे सवाल - Ramesh Bais political Career

Ramesh Bais political retirement रमेश बैस को महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटाया गया. लेकिन इस बार उन्हें नई जिम्मेदारी नहीं दी गई.आपको बता दें कि रमेश बैस बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं.जो कई बार सांसद रह चुके हैं. ऐसे में उन्हें पद से हटाने के बाद कोई नई जिम्मेदारी ना देना कई सवाल खड़े कर रहा है.कहीं ऐसा तो नहीं कि रमेश बैस की राजनीतिक पारी अब यही खत्म हो गई. या फिर आने वाले दिनों में बीजेपी कोई बड़ा पद देकर सभी को चौंका सकती है.

Ramesh Bais political Career
रमेश बैस के राजनीतिक भविष्य पर उठे सवाल (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 30, 2024, 7:52 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनीति में अपना अमिट नाम की छाप छोड़ने वाले रमेश बैस अब महाराष्ट्र के राज्यपाल नहीं रहे.उनकी जगह पर सीपी राधाकृष्णन को राज्यपाल नियुक्त किया गया है.हर बार रमेश बैस को राज्यपाल की कुर्सी से हटाकर नया राज्य सौंपा जाता था.लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.ऐसा पहली बार है जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता को कोई पद ना दिया गया हो. रमेश बैस महाराष्ट्र के 22वें राज्यपाल बने थे. महाराष्ट्र से पहले बैस झारखंड और त्रिपुरा के राज्यपाल थे.वहीं राज्यपाल बनने से पहले रमेश बैस रायपुर से सात बार सांसद भी रह चुके हैं. रमेश बैस को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में काम करने का मौका भी मिला था.

क्या रमेश बैस की राजनीतिक पारी में लग गया ब्रेक (ETV Bharat Chhattisgarh)

नरेंद्र मोदी की सरकार में शुरु हुई दूसरी पारी : नरेंद्र मोदी सरकार की केंद्र में दूसरी पारी शुरू होने के साथ ही रमेश बैस के राजनीति की दूसरी पारी की शुरुआत हुई थी. रमेश बैस को 2019 में त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया. जहां रमेश बैस ने दो साल बिताया. जुलाई 2021 में बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया. वहां झामुमो गठबंधन की सरकार में बैस की भूमिका ने कई टकराव और विवाद भी हुए थे. वर्तमान में रमेश बैस को महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटाया गया है.लेकिन इस बार नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. यही वजह है कि अब कयास लगाया जा रहा है कि रमेश बैस की राजनीति की पारी से रिटायरमेंट हो गया है. उनके करियर को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

Ramesh Bais political retirement
पीएम मोदी के साथ रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)

सीनियर नेताओं से बीजेपी कर रही किनारा : राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की परिपाटी रही है कि वह वरिष्ठ नेताओं से किनारे करके युवाओं को मौका दिया जा रहा है.ठीक उसी परिपाटी में रमेश बैस को किनारे किया गया है.राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान में सबसे सीनियर बीजेपी नेता रमेश बैस हैं. वह विधायक, मंत्री, सांसद रह चुके हैं. कई राज्य में राज्यपाल भी रह चुके हैं. वो काफी उम्र दराज भी हो चुके हैं,उनकी लगभग 77 वर्ष की आयु है. ऐसे में अब लग रहा है कि रमेश बैस को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जा सकता है, जितने भी सीनियर हैं अब उनसे बीजेपी एक तरह से किनारा कर रही है.

Ramesh Bais political retirement
त्रिपुरा में राज्यपाल की शपथ लेते रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)

''बीजेपी नए युवा नई पीढ़ी, नई जनरेशन पर विश्वास ज्यादा कर रही है.पिछले 5-10 सालों में जो देखने को मिला, उस आधार पर कहा जा सकता है कि अब रमेश बैस के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ प्रदेश में संगठन मार्गदर्शक के रूप में लेगा. अब रमेश बैस को किसी बड़ी राजनीतिक भूमिका में रखा जाएगा , इसकी संभावना कम ही लगती है.'' उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

Ramesh Bais political retirement
पूर्व सीएम रमन सिंह और रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)

रमेश बैस का राजनीतिक करियर : रमेश बैस पहली बार 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए थे. बैस ने 1980 में मंदिर हसौद निर्वाचन क्षेत्र से एमपी विधानसभा चुनाव जीता. लेकिन 1985 के विधानसभा चुनाव में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सत्यनारायण शर्मा से हार गए. वे 1989 में रायपुर से 9वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में पहली बार भारतीय संसद के लिए चुने गए. फिर 1996 से लगातार 11वीं , 12वीं , 13वीं , 14वीं , 15वीं और 16वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए. इस तरह वे सात बार लोकसभा सांसद चुने गए.

Ramesh Bais political retirement
राष्ट्रपति का अभिवादन करते रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)
कहां कहां बनाए गए राज्यपाल : आईए आपको बताते हैं कि रमेश बैस को कहां-कहां बनाया गया राज्यपालजुलाई, 2019 से जुलाई 2021: त्रिपुरा के 18वें राज्यपाल नियुक्त जुलाई 2021 से फरवरी 2023 : झारखंड के 10वें राज्यपाल नियुक्त फरवरी 2023 से जुलाई 2024 : महाराष्ट्र के 23वें राज्यपाल नियुक्त

रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनीति में अपना अमिट नाम की छाप छोड़ने वाले रमेश बैस अब महाराष्ट्र के राज्यपाल नहीं रहे.उनकी जगह पर सीपी राधाकृष्णन को राज्यपाल नियुक्त किया गया है.हर बार रमेश बैस को राज्यपाल की कुर्सी से हटाकर नया राज्य सौंपा जाता था.लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.ऐसा पहली बार है जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता को कोई पद ना दिया गया हो. रमेश बैस महाराष्ट्र के 22वें राज्यपाल बने थे. महाराष्ट्र से पहले बैस झारखंड और त्रिपुरा के राज्यपाल थे.वहीं राज्यपाल बनने से पहले रमेश बैस रायपुर से सात बार सांसद भी रह चुके हैं. रमेश बैस को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में काम करने का मौका भी मिला था.

क्या रमेश बैस की राजनीतिक पारी में लग गया ब्रेक (ETV Bharat Chhattisgarh)

नरेंद्र मोदी की सरकार में शुरु हुई दूसरी पारी : नरेंद्र मोदी सरकार की केंद्र में दूसरी पारी शुरू होने के साथ ही रमेश बैस के राजनीति की दूसरी पारी की शुरुआत हुई थी. रमेश बैस को 2019 में त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया. जहां रमेश बैस ने दो साल बिताया. जुलाई 2021 में बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया. वहां झामुमो गठबंधन की सरकार में बैस की भूमिका ने कई टकराव और विवाद भी हुए थे. वर्तमान में रमेश बैस को महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटाया गया है.लेकिन इस बार नई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. यही वजह है कि अब कयास लगाया जा रहा है कि रमेश बैस की राजनीति की पारी से रिटायरमेंट हो गया है. उनके करियर को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

Ramesh Bais political retirement
पीएम मोदी के साथ रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)

सीनियर नेताओं से बीजेपी कर रही किनारा : राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की परिपाटी रही है कि वह वरिष्ठ नेताओं से किनारे करके युवाओं को मौका दिया जा रहा है.ठीक उसी परिपाटी में रमेश बैस को किनारे किया गया है.राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान में सबसे सीनियर बीजेपी नेता रमेश बैस हैं. वह विधायक, मंत्री, सांसद रह चुके हैं. कई राज्य में राज्यपाल भी रह चुके हैं. वो काफी उम्र दराज भी हो चुके हैं,उनकी लगभग 77 वर्ष की आयु है. ऐसे में अब लग रहा है कि रमेश बैस को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जा सकता है, जितने भी सीनियर हैं अब उनसे बीजेपी एक तरह से किनारा कर रही है.

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त्रिपुरा में राज्यपाल की शपथ लेते रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)

''बीजेपी नए युवा नई पीढ़ी, नई जनरेशन पर विश्वास ज्यादा कर रही है.पिछले 5-10 सालों में जो देखने को मिला, उस आधार पर कहा जा सकता है कि अब रमेश बैस के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ प्रदेश में संगठन मार्गदर्शक के रूप में लेगा. अब रमेश बैस को किसी बड़ी राजनीतिक भूमिका में रखा जाएगा , इसकी संभावना कम ही लगती है.'' उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार

Ramesh Bais political retirement
पूर्व सीएम रमन सिंह और रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)

रमेश बैस का राजनीतिक करियर : रमेश बैस पहली बार 1978 में रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए थे. बैस ने 1980 में मंदिर हसौद निर्वाचन क्षेत्र से एमपी विधानसभा चुनाव जीता. लेकिन 1985 के विधानसभा चुनाव में अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सत्यनारायण शर्मा से हार गए. वे 1989 में रायपुर से 9वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में पहली बार भारतीय संसद के लिए चुने गए. फिर 1996 से लगातार 11वीं , 12वीं , 13वीं , 14वीं , 15वीं और 16वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए. इस तरह वे सात बार लोकसभा सांसद चुने गए.

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राष्ट्रपति का अभिवादन करते रमेश बैस (ETV Bharat Chhattisgarh)
कहां कहां बनाए गए राज्यपाल : आईए आपको बताते हैं कि रमेश बैस को कहां-कहां बनाया गया राज्यपालजुलाई, 2019 से जुलाई 2021: त्रिपुरा के 18वें राज्यपाल नियुक्त जुलाई 2021 से फरवरी 2023 : झारखंड के 10वें राज्यपाल नियुक्त फरवरी 2023 से जुलाई 2024 : महाराष्ट्र के 23वें राज्यपाल नियुक्त
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