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मनेंद्रगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना रेफरल सेंटर, मंत्री ने माना डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला - DOCTOR PROBLEM IN HOSPITAL

मनेंद्रगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रेफरल सेंटर बन गया है.यहां आने वाले मरीजों को दूसरे जिलों में भेज दिया जाता है.

Questions raised on health system
मनेंद्रगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना रेफरल सेंटर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 16, 2025, 4:05 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति अब सियासी मुद्दा बन चुकी है. एमबीबीएस डॉक्टरों की भारी कमी, स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ का अभाव, और विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित कर दिया है.प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल और पूर्व विधायक गुलाब कमरों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.

डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है जिला : स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले मनेंद्रगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 'सिर्फ रेफरल सेंटर' बनकर रह गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ना तो डॉक्टर उपलब्ध हैं, ना ही मरीजों का सही इलाज हो रहा है. पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने मंत्री से आग्रह किया था कि कम से कम अपने गृह जिले में डॉक्टरों की नियुक्ति करवाएं. मेरे ससुर एक्सीडेंट का शिकार हुए, लेकिन अस्पताल में सिर्फ दो डॉक्टर मिले. बाकी डॉक्टर छुट्टी पर हैं. मरीजों को रायपुर या बिलासपुर रेफर किया जा रहा है.

मनेंद्रगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना रेफरल सेंटर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)


मीडिया में बयान देने से काम नहीं चलेगा. मंत्री को अपने गृह जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना चाहिए और व्यवस्था सुधारनी चाहिए. जब उनके ही जिले की ये हालत है, तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा- गुलाब कमरो, पूर्व विधायक

स्वास्थ्य मंत्री ने सुधार का दिया भरोसा : इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने समस्या को स्वीकारते हुए कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी है. लेकिन हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. एमबीबीएस डॉक्टरों की भर्ती हो चुकी है और विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए वेतन बढ़ा दिया गया है. दूसरे राज्यों से डॉक्टरों को लाने पर भी विचार किया जा रहा है.

कुछ डॉक्टरों की छुट्टियां और मातृत्व अवकाश जैसे कारणों से अस्पतालों में समस्या हो रही है. हम डॉक्टरों से बात करेंगे और उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करेंगे- श्याम बिहारी जायसवाल,स्वास्थ्य मंत्री

छोटे जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था की टूटी कमर : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी का मुद्दा गहराता जा रहा है. सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. हालात ये हैं कि छोटे जिलों के अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर बन गए हैं, जहां मरीजों को बड़े शहरों में भेजा जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं की इस बदतर स्थिति ने प्रदेशवासियों को गुस्से और निराशा से भर दिया है. राजनीतिक बयानबाजी और वादों के बीच असल सवाल यह है कि क्या जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएंगी या फिर यह समस्या केवल सियासी मुद्दा बनकर रह जाएगी.


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मनेंद्रगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना रेफरल सेंटर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)


मीडिया में बयान देने से काम नहीं चलेगा. मंत्री को अपने गृह जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना चाहिए और व्यवस्था सुधारनी चाहिए. जब उनके ही जिले की ये हालत है, तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा- गुलाब कमरो, पूर्व विधायक

स्वास्थ्य मंत्री ने सुधार का दिया भरोसा : इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने समस्या को स्वीकारते हुए कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी है. लेकिन हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. एमबीबीएस डॉक्टरों की भर्ती हो चुकी है और विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए वेतन बढ़ा दिया गया है. दूसरे राज्यों से डॉक्टरों को लाने पर भी विचार किया जा रहा है.

कुछ डॉक्टरों की छुट्टियां और मातृत्व अवकाश जैसे कारणों से अस्पतालों में समस्या हो रही है. हम डॉक्टरों से बात करेंगे और उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करेंगे- श्याम बिहारी जायसवाल,स्वास्थ्य मंत्री

छोटे जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था की टूटी कमर : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी का मुद्दा गहराता जा रहा है. सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. हालात ये हैं कि छोटे जिलों के अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर बन गए हैं, जहां मरीजों को बड़े शहरों में भेजा जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं की इस बदतर स्थिति ने प्रदेशवासियों को गुस्से और निराशा से भर दिया है. राजनीतिक बयानबाजी और वादों के बीच असल सवाल यह है कि क्या जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाएंगी या फिर यह समस्या केवल सियासी मुद्दा बनकर रह जाएगी.


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