गिरिडीह: आगे-आगे लाल रंग की मारुति ब्रेजा कार, पीछे-पीछे स्कार्पियो पर वर्दीधारी सवार. वाहनों की स्पीड हाई. अत्याधिक रफ्तार में गांव-मुहल्लो से होकर ब्रेजा जब जा पहुंची नक्सलियों के गढ़ में तब गाड़ी गई फंस और पीछे से आ रहे वर्दीधारियों ने वाहन को लिया दबोच. यह घटना किसी फिल्म की सीन की तरह ही है लेकिन वाक्या सच है और इसी अंदाज में उत्पाद विभाग की टीम ने ब्रेजा को पकड़ा है.
ब्रेजा से शराब की बरामदगी की गई परंतु पुरानी कहानी की तरह यहां फिर से कार पर सवार शराब माफिया भाग निकले वह भी पारसनाथ की तराई वाले जंगली इलाके से. यह पूरा प्रकरण उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ के चिरकी से शुरू हुआ और अति उग्रवाद प्रभावित खुखरा थाना इलाके के नौकनिया में खत्म हुआ.
तीन दिनों बाद अधिकारी ने कहा पकड़ी गई है शराब
अवैध शराब लदे इस वाहन को शनिवार को ही पकड़ा गया. वाहन को नौकनिया से लाकर बरमसिया स्थित उत्पाद डिपो में खड़ा कर दिया गया लेकिन 10-20 लीटर महुआ शराब पकड़ाने पर भी प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाली उत्पाद विभाग ने इस मामले में चुप्पी साध ली. इस बीच सोमवार से पीरटांड़ के इलाके में चर्चा शुरू हुई.
ग्रामीणों ने कहा कि बड़ी कार्रवाई हुई है. ईटीवी भारत को भी सूचना मिली. उत्पाद अधीक्षक महेन्द्र देव से फोन पर बात की गई उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि वे छुट्टी पर हैं, पदाधिकारी मनीष से बात कीजिये. उत्पाद पदाधिकारी मनीष से बात हुई उन्होंने कहा कि पीरटांड से वाहन पकड़ाया है सहायक अवर निरीक्षक महेन्द्र की टीम ने पकड़ा है. इसपर एएसआई महेन्द्र से जानकारी ली गई.
उन्होंने बताया कि शनिवार को गुप्त सूचना पर जेएच 10 बीएल - 6395 नंबर की कार को पीछा करते हुए नौकनिया के पास पकड़ा गया. कार में दो पेटी विदेशी शराब और पांच पेटी बियर मिला. इनका कहना है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है. अब सवाल उठता है कि जब तीन दिनों पहले ही सफलता मिली वह भी फिल्मी अंदाज में तो आखिर इस मामले को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया.
पुलिस महकमा भी अनभिज्ञ
चूंकि जिस इलाके में उत्पाद विभाग ने कार्रवाई की वह इलाका नक्सलियों के प्रभाव के क्षेत्र का है. ऐसे में खुखरा थाना प्रभारी निरंजन कच्छप से भी मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया गया. उनसे फोन पर बात की तो बताया कि उत्पाद विभाग ने छापेमारी की है तो इसकी सूचना उन्हें नहीं है. अब यहां फिर से सवाल के घेरे में उत्पाद विभाग की टीम आ गई है.
चूंकि यह इलाका नक्सलियों के प्रभाव वाला है और अभी नक्सली संगठन भाकपा माओवादी शहीद सप्ताह मना रहे हैं ऐसे में स्थानीय थाना को सूचित नहीं करना निश्चित तौर पर चूक कहला सकती है. बहरहाल उत्पाद विभाग की टीम ने भले ही शराब के साथ कार को पकड़ा लिया लेकिन इस प्रकरण के बाद कई तरह की चर्चा क्षेत्र में हो रही है.
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