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दिल्ली: खुद ही कूड़े-कचरे से अटे पड़े हैं PWD के स्टॉर्म वॉटर पंप हाउस, प्रशासन की बेरूखी से हालत दयनीय - STORM WATER PUMP Delhi Waterlogging - STORM WATER PUMP DELHI WATERLOGGING

द‍िल्‍ली सरकार के लोक न‍िर्माण व‍िभाग (PWD) के सीवेज एंड स्टॉर्म वाटर पंप हाऊस बदहाल हैं. इन पर प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान देने वाला नहीं है.

PWD के स्टॉर्म वॉटर पंप हाऊस बदहाल
PWD के स्टॉर्म वॉटर पंप हाऊस बदहाल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 30, 2024, 9:18 PM IST

Updated : Jun 30, 2024, 10:25 PM IST

PWD के स्टॉर्म वॉटर पंप हाऊस बदहाल (Etv bharat)

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली में बीते शुक्रवार को हुई भीषण बार‍िश ने मॉनसून से न‍िपटने को लेकर क‍िए गए सभी सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी है. राजनीत‍िक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्‍यारोप लगा रहे हैं. बीजेपी-कांग्रेस जहां सत्‍तारूढ़ आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल हुए हैं. दूसरी तरफ द‍िल्‍ली सरकार और द‍िल्‍ली नगर न‍िगम में काब‍िज AAP और उसके सीन‍ियर नेता, मंत्री और व‍िधायक एक सुर में 88 साल के बाद पहली बार हुई इतनी बार‍िश का हवाला देकर इत‍िश्री कर रहे हैं.

हकीकत यह है क‍ि द‍िल्‍ली सरकार के अधीनस्‍थ लोक न‍िर्माण व‍िभाग (PWD) के सीवेज एंड स्टॉर्म वाटर पंप हाउस की हालात बेहद दयनीय है. हमने शाहदरा इलाके के कई पंप हाउस का ग्राउंड हकीकत जानने की कोशिश की जहां तमाम खाम‍ियां पायी गईं.

ये भी पढ़ें: मॉनसून से न‍िपटने की अधूरी तैयार‍ियों को पूरा करेंगे अफसर, आज से कैंस‍िल हुई सीन‍ियर अफसरों की छुट्ट‍ियां

गोकलपुरी लोनी गोल चक्‍कर पर पीडब्‍ल्‍यूडी के सीवेज एंड स्टॉर्म वॉटर पंप हाऊस में का जायजा ल‍िया तो यहां पर 7 स्टॉर्म वाटर पंप लगाए गए हैं. लेक‍िन हैरान करने वाली बात यह है क‍ि इन पंपों को हमेशा डेंट पेंट कर चमका द‍िया जाता है. इन सात पंपों में से अक्‍सर 2-3 पंप ही बरसात के दौरान काम करते हैं. ये पंप भी बार‍िश के दौरान जब इलाकों में भरे पानी को खींचते हैं तो मात्र 10 म‍िनट के बाद बंद हो जाते हैं. इसकी बड़ी वजह इनका काफी पुराना होना और चलने की क्षमता ज्‍यादा नहीं होना है. पुराने होने के चलते चालू हालत वाले पंप भी पानी खींचने का अच्‍छा प्रेशर नहीं बना पाते हैं, ज‍िसकी वजह से इलाकों में जलभराव को दूर करने में काफी वक्‍त लग जाता है. सम्‍प वेलों में भरे कचरे की वजह से पानी खींचते वक्‍त पंपों में कचरा फंस जाता है ज‍िसका समाधान करने की जरूरत नहीं समझी जाती.

पता चला है क‍ि पीडब्‍ल्यूडी के अध‍िकारी पंप ऑपरेटर्स से 8 से 10 घंटे की ड्यूटी कराने की बजाय 24 से लेकर 36 घंटे तक ही ड्यूटी कराते हैं. ज‍िसका असर काम पर नजर आता है. गोकलपुरी पंप हाऊस पर गोकलपुरी व‍िधानसभा, रोहताश नगर व‍िधानसभा और बाबरपुर व‍िधानसभा के नालों का पानी कनेक्‍ट होता है. इसकी वजह से उस पर प्रेशर भी रहता है. जबक‍ि, इसके ल‍िए स‍िर्फ रोहताश नगर व‍िधानसभा के एलआईजी फ्लैट्स और एमआईजी फ्लैट्स ईस्‍ट ऑफ लोनी रोड, अशोक नगर इलाके के पानी को खींचने की व्‍यवस्‍था होनी चाह‍िए.

इसके अलावा शाहदरा के लोनी रोड स्‍थ‍ित कबूल नगर के सीवेज एंड स्टॉर्म वाटर पंप हाउस की हालत तो बेहद खराब मिली. आसपास के कई इलाकों के जलभराव को दूर करने के ल‍िए लगाए गए 5 पंपों में से स‍िर्फ दो ही सही तरह से काम कर रहे हैं. लोनी रोड के पानी को खींचने के ल‍िए लगे दो पंप तो बंद ही पड़े हैं. पंप हाऊस में बने सम्‍प वैल की हालात देखकर लगता है क‍ि वह कोई कूड़ा घर हैं.

सम्‍प वैलों पूरी तरह से दयनीय हालत में हैं, उनको कवर नहीं क‍िये जाने की वजह से वे कूड़े के ढ़ेर से अटे पड़े हैं. सम्‍प वैल में कूड़ा कचरा, गाद और प्‍लास्‍ट‍िक की बोतलों की भरमार देखी गई. फाउंडेशन पूरी तरह से जर्जर बनी हुई है. पड़ताल के दौरान पंप हाऊस का ऑपरेटर छुट्टी पर म‍िला ज‍िसका नाम रेनू बताया गया. एक अन्‍य व्‍यक्‍त‍ि राम स‍िंह जो ऑपरेटिंग का काम कर रहे थे, बताया क‍ि वह इन पंपों को नहीं देखते हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि उनको ऑपरेटर के बारे में कोई ज्‍यादा जानकारी नहीं है.

बार‍िश में अक्‍सर इन इलाकों में होता है जलभराव

इस बीच देखा जाए तो हर बार बार‍िश में अक्‍सर लोनी रोड, अशोक नगर, एलआईजी फ्लैट्स, एमआईजी फ्लैट्स, राम नगर, रोहताश नगर, कबूल नगर, लोनी गोल चक्‍कर, दुर्गापुरी, नत्‍थू कालोनी, हरदेव पुरी, ज्‍योत‍ि कालोनी, ज्‍योत‍ि नगर समेत तमाम इलाकों में बार‍िश के दौरान जलभराव की स्‍थ‍ित‍ि पैदा हो जाती है लेक‍िन सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई ध्‍यान नहीं द‍िया जाता है.

पीडब्‍लूडी को ठोस समाधान न‍िकालने में लगेंगे 6 माह

एमसीडी कमिश्नर अश्वनी कुमार भी द‍िल्‍ली के मंत्र‍ियों की इमरजेंसी मीट‍िंग में शुक्रवार को इस बात को जोर शोर से उठा चुके हैं क‍ि जमा पानी को बाहर निकालने के लिए पंपिंग मशीनों की जरूरत होती है. इसलिए अल्पकालीन तौर पर स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग मशीनों को पूरी तरीके से चालू किया जाना बेहद जरूरी है. चीफ सेक्रेटरी का कहना है क‍ि पीडब्‍ल्‍यूडी समस्या के दीर्घकालिक समाधान न‍िकालने में जुटा है ज‍िसमें करीब 6 माह का समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें: 'ग्राउंड र‍ियल‍िटी' चेक करने को सड़क पर उतरे द‍िल्‍ली LG वीके सक्‍सेना, इलाकों के दौरे पर अफसरों को द‍िए ये न‍िर्देश

PWD के स्टॉर्म वॉटर पंप हाऊस बदहाल (Etv bharat)

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली में बीते शुक्रवार को हुई भीषण बार‍िश ने मॉनसून से न‍िपटने को लेकर क‍िए गए सभी सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी है. राजनीत‍िक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्‍यारोप लगा रहे हैं. बीजेपी-कांग्रेस जहां सत्‍तारूढ़ आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल हुए हैं. दूसरी तरफ द‍िल्‍ली सरकार और द‍िल्‍ली नगर न‍िगम में काब‍िज AAP और उसके सीन‍ियर नेता, मंत्री और व‍िधायक एक सुर में 88 साल के बाद पहली बार हुई इतनी बार‍िश का हवाला देकर इत‍िश्री कर रहे हैं.

हकीकत यह है क‍ि द‍िल्‍ली सरकार के अधीनस्‍थ लोक न‍िर्माण व‍िभाग (PWD) के सीवेज एंड स्टॉर्म वाटर पंप हाउस की हालात बेहद दयनीय है. हमने शाहदरा इलाके के कई पंप हाउस का ग्राउंड हकीकत जानने की कोशिश की जहां तमाम खाम‍ियां पायी गईं.

ये भी पढ़ें: मॉनसून से न‍िपटने की अधूरी तैयार‍ियों को पूरा करेंगे अफसर, आज से कैंस‍िल हुई सीन‍ियर अफसरों की छुट्ट‍ियां

गोकलपुरी लोनी गोल चक्‍कर पर पीडब्‍ल्‍यूडी के सीवेज एंड स्टॉर्म वॉटर पंप हाऊस में का जायजा ल‍िया तो यहां पर 7 स्टॉर्म वाटर पंप लगाए गए हैं. लेक‍िन हैरान करने वाली बात यह है क‍ि इन पंपों को हमेशा डेंट पेंट कर चमका द‍िया जाता है. इन सात पंपों में से अक्‍सर 2-3 पंप ही बरसात के दौरान काम करते हैं. ये पंप भी बार‍िश के दौरान जब इलाकों में भरे पानी को खींचते हैं तो मात्र 10 म‍िनट के बाद बंद हो जाते हैं. इसकी बड़ी वजह इनका काफी पुराना होना और चलने की क्षमता ज्‍यादा नहीं होना है. पुराने होने के चलते चालू हालत वाले पंप भी पानी खींचने का अच्‍छा प्रेशर नहीं बना पाते हैं, ज‍िसकी वजह से इलाकों में जलभराव को दूर करने में काफी वक्‍त लग जाता है. सम्‍प वेलों में भरे कचरे की वजह से पानी खींचते वक्‍त पंपों में कचरा फंस जाता है ज‍िसका समाधान करने की जरूरत नहीं समझी जाती.

पता चला है क‍ि पीडब्‍ल्यूडी के अध‍िकारी पंप ऑपरेटर्स से 8 से 10 घंटे की ड्यूटी कराने की बजाय 24 से लेकर 36 घंटे तक ही ड्यूटी कराते हैं. ज‍िसका असर काम पर नजर आता है. गोकलपुरी पंप हाऊस पर गोकलपुरी व‍िधानसभा, रोहताश नगर व‍िधानसभा और बाबरपुर व‍िधानसभा के नालों का पानी कनेक्‍ट होता है. इसकी वजह से उस पर प्रेशर भी रहता है. जबक‍ि, इसके ल‍िए स‍िर्फ रोहताश नगर व‍िधानसभा के एलआईजी फ्लैट्स और एमआईजी फ्लैट्स ईस्‍ट ऑफ लोनी रोड, अशोक नगर इलाके के पानी को खींचने की व्‍यवस्‍था होनी चाह‍िए.

इसके अलावा शाहदरा के लोनी रोड स्‍थ‍ित कबूल नगर के सीवेज एंड स्टॉर्म वाटर पंप हाउस की हालत तो बेहद खराब मिली. आसपास के कई इलाकों के जलभराव को दूर करने के ल‍िए लगाए गए 5 पंपों में से स‍िर्फ दो ही सही तरह से काम कर रहे हैं. लोनी रोड के पानी को खींचने के ल‍िए लगे दो पंप तो बंद ही पड़े हैं. पंप हाऊस में बने सम्‍प वैल की हालात देखकर लगता है क‍ि वह कोई कूड़ा घर हैं.

सम्‍प वैलों पूरी तरह से दयनीय हालत में हैं, उनको कवर नहीं क‍िये जाने की वजह से वे कूड़े के ढ़ेर से अटे पड़े हैं. सम्‍प वैल में कूड़ा कचरा, गाद और प्‍लास्‍ट‍िक की बोतलों की भरमार देखी गई. फाउंडेशन पूरी तरह से जर्जर बनी हुई है. पड़ताल के दौरान पंप हाऊस का ऑपरेटर छुट्टी पर म‍िला ज‍िसका नाम रेनू बताया गया. एक अन्‍य व्‍यक्‍त‍ि राम स‍िंह जो ऑपरेटिंग का काम कर रहे थे, बताया क‍ि वह इन पंपों को नहीं देखते हैं. उन्‍होंने बताया क‍ि उनको ऑपरेटर के बारे में कोई ज्‍यादा जानकारी नहीं है.

बार‍िश में अक्‍सर इन इलाकों में होता है जलभराव

इस बीच देखा जाए तो हर बार बार‍िश में अक्‍सर लोनी रोड, अशोक नगर, एलआईजी फ्लैट्स, एमआईजी फ्लैट्स, राम नगर, रोहताश नगर, कबूल नगर, लोनी गोल चक्‍कर, दुर्गापुरी, नत्‍थू कालोनी, हरदेव पुरी, ज्‍योत‍ि कालोनी, ज्‍योत‍ि नगर समेत तमाम इलाकों में बार‍िश के दौरान जलभराव की स्‍थ‍ित‍ि पैदा हो जाती है लेक‍िन सरकार और प्रशासन की तरफ से कोई ध्‍यान नहीं द‍िया जाता है.

पीडब्‍लूडी को ठोस समाधान न‍िकालने में लगेंगे 6 माह

एमसीडी कमिश्नर अश्वनी कुमार भी द‍िल्‍ली के मंत्र‍ियों की इमरजेंसी मीट‍िंग में शुक्रवार को इस बात को जोर शोर से उठा चुके हैं क‍ि जमा पानी को बाहर निकालने के लिए पंपिंग मशीनों की जरूरत होती है. इसलिए अल्पकालीन तौर पर स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग मशीनों को पूरी तरीके से चालू किया जाना बेहद जरूरी है. चीफ सेक्रेटरी का कहना है क‍ि पीडब्‍ल्‍यूडी समस्या के दीर्घकालिक समाधान न‍िकालने में जुटा है ज‍िसमें करीब 6 माह का समय लग सकता है.

ये भी पढ़ें: 'ग्राउंड र‍ियल‍िटी' चेक करने को सड़क पर उतरे द‍िल्‍ली LG वीके सक्‍सेना, इलाकों के दौरे पर अफसरों को द‍िए ये न‍िर्देश

Last Updated : Jun 30, 2024, 10:25 PM IST
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