रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में आपदा में ध्वस्त पुल को डीडीएमए और लोनिवि ने फिर से तैयार कर लिया है. डीएम सौरभ गहरवार के नेतृत्व में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने विपरीत परिस्थितियों के बीच रिकॉर्ड समय में पुल का निर्माण पूरा कर दिया है. जिस पर मंगलवार यानी 1 अक्टूबर से आवाजाही भी शुरू हो गई है.
केदारघाटी आपदा में बह गया था रामबाड़ा पुल: बता दें कि केदारघाटी में बीती 31 जुलाई को भारी बारिश से आपदा जैसे हालात हो गए थे. जिसके चलते कई जगहों पर केदारनाथ यात्रा रूट को काफी नुकसान पहुंचा था. पैदल यात्रा मार्ग 17 स्थानों पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसमें अहम रामबाड़ा का पुल भी शामिल था, जो बह गया था.
केदारघाटी में हुई अतिवृष्टि के बाद से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा गढ़वाल कमिश्नर सहित आपदा सचिव को भी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से पैदल यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ाव रामबाड़ा में… pic.twitter.com/zZK0KpWprw
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) October 1, 2024
ऐसे में पुल न होने की वजह से यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से ज्यादा दूरी तय कर केदारनाथ जाना पड़ रहा था. विभिन्न स्थानों पर रास्ते क्षतिग्रस्त होने के चलते घोड़े-खच्चरों का संचालन भी बंद था, जिसके चलते पुल से जुड़ी सामग्री समय पर नहीं पहुंच पा रही थी. बावजूद इसके संबधित विभाग ने कम समय में काम पूरा कर यात्रा बहाल की.
उधर, केदारघाटी में अतिवृष्टि के बाद से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार मामले पर अपडेट ले रहे हैं. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय समेत आपदा सचिव को भी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है. यही वजह है कि केदारघाटी में आपदा पुनर्निर्माण का काम में तेजी आई.
डीडीएमए अधिशासी अभियंता ने दी ये जानकारी: डीडीएमए अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि आपदा के बाद से दोबारा पुल निर्माण की कार्रवाई शुरू की गई. रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बनाए गए इस अस्थायी पुल की ऊंचाई पहले की तुलना में चार मीटर और बढ़ाई गई है.
इसके तहत अब पुल निर्माण के बाद एप्रोच समेत अन्य काम भी किया जा रहे हैं. 21 मीटर स्पान का यह पुल सुरक्षात्मक कार्यों के साथ मिलाकर करीब 75 लाख में बनकर तैयार हुआ है. यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालु और घोड़े-खच्चरों का आवागमन शुरू करवा दिया गया है.
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