मेरठ: जिले में दो माह के डॉगी के बच्चे को 22 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया. 32 फीट गहराई नीचे बोरवेल में गिरे पिल्ले को जेसीबी और मैन्युअली खोदाई करके सुरक्षित निकाला गया.
गंगोत्री कॉलोनी के ट्यूबवेल के बोरवेल का पाइप खुला हुआ था. उस पाइप में अचानक से रविवार रात को एक डॉगी का पिल्ला घूमते-घूमते वहां गिर गया. सुबह पपी की मां वहीं घूमकर-घूमकर भौंक रही थी. काफी देर बाद भी जब वह शांत नहीं हुई तो लोगों ने उसे वहां से भगाया. लेकिन, वह फिर आकर बोरबेल के पास ही भोंकती रही. स्थानीय लोगों ने समझा कि शायद वह भूखी है, इसलिए उसको भोजन भी दिया. लेकिन, उसने कुछ भी नहीं खाया. वह बार-बार बोरवेल के पास जाती और फिर तेज-तेज चिल्लाती. इस पर कॉलोनी वालों ने देखा कि उसका एक पिल्ला नहीं दिख रहा था. पाइप के पास जब लोगों ने जाकर देखा तो उन्हें पिल्ले की आवाज सुनाई आई. इसके बाद लोग समझे कि बोरवेल में उसका बच्चा गिर गया है.
कॉलोनी के लोगों ने एनिमल केयर सोसाइटी एनजीओ को इस बारे में जानकारी दी. उसके बाद पिल्ले को बचाने के लिए एनीमल केयर सोसायटी की टीम ने जेसीबी से खोदाई कराई. सोसायटी के जनरल सेक्रेटरी अंशुमाली वशिष्ठ ने बताया कि जेसीबी भी महज सात से आठ फीट ही खोदाई कर पाई थी. उसके बाद एनजीओ के लोग स्वयं नीचे गड्ढे में उतरे और मैनुअली लगातार 8 घंटे तक उस गड्ढे के पाइप के पास 32 फीट गहराई तक खोदाई की. इसके बाद पिल्ले को बोरवेल से बाहर निकाला.
उन्होंने बताया कि पाइप में पहले हुक बना हुआ एक सरिया डाला गया था. सरिया से काम नहीं चला तो सरिया में वहीं पास में पड़े चाइनीज मंजे को बांधा गया और मंजे समेत सरिया बोरवेल में पुनः डालकर हल्का सा घुमाया तो पिल्ला मंजे में और हुक में फंस गया. इसके बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.
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