पंचकूला: 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में किया जा रहा है. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून से किया था. लेकिन हरियाणा के पुरुष व महिला खिलाड़ियों की हैंडबॉल टीमों के चयन में गड़बड़ियां सामने आई हैं. इन अनियमितताओं को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट ने दोनों टीमों के चयन में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. साथ ही हरियाणा ओलंपिक संघ को अपने अधीन दोबारा ट्रायल आयोजित करने का आदेश दिया है.
निष्पक्ष चयन के लिए अब 4 को ट्रायल: हाईकोर्ट ने पुरानी चयन प्रक्रिया में जुड़े प्रशिक्षकों, खेल संघ के पदाधिकारियों व अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 4 फरवरी को नए ट्रायल आयोजित करवाने का निर्देश दिया है, ताकि 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए पुरुष और महिला इंडोर हैंडबॉल टीमों का निष्पक्ष चयन किया जा सके. उत्तराखंड में चल रहे राष्ट्रीय खेलों का समापन 14 फरवरी को हल्द्वानी में होना है. हैंडबॉल के मुकाबले उत्तराखंड के रूद्रपुर में 7 फरवरी से 11 फरवरी तक होने हैं. जिनमें अब पुरुष और महिला खिलाड़ियों की नव चयनित टीम शामिल होंगी.
खिलाड़ियों को चयन प्रक्रिया से अनजान रखा: हिसार निवासी कैफी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हैंडबॉल की टीमों के चयन में अनियमितताएं बरतने, पक्षपात करने और खिलाड़ियों को चयन प्रक्रिया से अनजान रखने के आरोप लगाए. हाईकोर्ट में दावा किया गया की चयन समिति ने ट्रायल की तारीख और स्थान की कोई सार्वजनिक सूचना नहीं दी थी और प्रक्रिया को कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों के पक्ष में करने के लिए पारदर्शिता की अनदेखी की गई. याची का आरोप था कि चयन प्रक्रिया में मनमानी कर ट्रायल की सूचना केवल कुछ खास खिलाड़ियों तक सीमित रखी गई. जिससे अन्य योग्य खिलाड़ियों को ट्रायल में हिस्सा लेने का मौका ही नहीं मिला. याची ने कोर्ट से चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक नई चयन समिति गठित करने और नए सिरे से ट्रायल आयोजित करने का अनुरोध किया.
हरियाणा सरकार व चयन समिति की दलील: हरियाणा सरकार और चयन समिति की ओर से कोर्ट में दलील दी गई की ट्रायल निर्धारित प्रक्रिया के तहत कराए गए. साथ ही भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन की गाइडलाइन का अनुपालन किया गया. प्रदेश सरकार ने यह दावा भी किया कि 5 जनवरी 2025 को ट्रायल आयोजित किए गए थे और 3 जनवरी को सभी जिला खेल अधिकारियों को ईमेल के जरिए सूचना भेजी गई थी.
चीन प्रक्रिया पक्षपाती और अपारदर्शी: हाईकोर्ट ने चयन प्रक्रिया को पक्षपाती और अपारदर्शी करार दिया है. जस्टिस कुलदीप तिवारी ने आदेश में स्पष्ट किया कि ट्रायल्स की सूचना केवल 3 जनवरी को भेजी गई, जबकि चार और पांच जनवरी को सरकारी छुट्टियां थी. इससे जिला खेल अधिकारियों को इसे खिलाड़ियों तक पहुंचाने का उचित समय नहीं मिला. अखबारों में ट्रायल की सूचना को भी उसी दिन प्रकाशित किया गया, जिस दिन ट्रायल होने थे. इससे खिलाड़ियों को समय पर जानकारी नहीं मिल पाई. चयन समिति ने जान-बूझकर प्रक्रिया को कुछ खिलाड़ियों के पक्ष में करने की कोशिश की, जिससे कई योग्य खिलाड़ी ट्रायल्स में भाग नहीं ले सके.
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