बस्तर: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर बस्तर के कांगेर वेली नेशनल पार्क के भीतर मौजूद कोटमसर गुफा को पर्यटकों के लिए खोला जा रहा था. लेकिन गुफा को खोलने पहुंचे प्रबंधक को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. सुबह 5 बजे से गांव के लोग नेशनल पार्क के मुख्य द्वार पर बैठ गए.
कोटमसर गुफा खोलने का विरोध क्यों: कोटमसर गुफा खोलने का विरोध करने वाले ग्रामीण कोटमसर गांव के लोग है. बीते सालों में कोटमसर गुफा जाने के लिए टिकट काउंटर गांव के अंदर बनाया गया. गांव के ही आसपास बाहरी वाहनों के लिए पार्किंग स्थल भी बनाया गया. इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलता था. पर्यटकों को गांव के लोग ही आदिवासी व्यंजन बनाकर देते थे. स्थानीय आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन भी किया जाता था. जिससे ग्रामीणों को अच्छी आमदनी होती थी. लेकिन इस साल 5 किलोमीटर पहले नेशनल हाइवे के नजदीक टिकट काउंटर बना दिया गया है. जिससे गांव वालों का रोजगार छिन गया. इसके विरोध में कोटमसर गांव के लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.
ग्रामीणों ने लगाया रोजगार छीनने का आरोप: ग्रामीणों ने बताया कि कांगेरवेल्ली नेशनल पार्क में तीरथगढ़ जलप्रपात, धूड़मारास, कैलाश गुफा तक सीधे बाहरी वाहन नेशनल हाईवे से इंट्री करते हैं जिसके बाद स्थानीय आदिवासी उनके लिए पार्किंग की व्यवस्था करते हैं. यही व्यवस्था बीते सालों में कोटमसर गांव को भी मिली थी, लेकिन इस साल नियम का हवाला देकर बाकी पर्यटन स्थलों के लिए अलग नियम और कोटमसर गांव के लिए अलग नियम बना दिए गए हैं.
गांव वालों ने बताया कि इस मामले को लेकर DFO कांगेरवेल्ली और CCF बस्तर रेंज से भी आवेदन देकर निवेदन किया गया. उन्होंने भी कुछ नहीं सुना. जिसके कारण मजबूरन ग्रामीणों को सड़क में बैठकर धरना प्रदर्शन करना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी. तब तक गुफा बंद रहेगी और प्रदर्शन जारी रहेगा.
कोटमसर गुफा देखने पहुंचे पर्यटक हुए मायूस: गुफा देखने पहुंचे रायपुर के पर्यटक शेख अफसर बताते हैं कि उन्होंने कोटमसर गुफा देखने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक किया था. लेकिन गुफा देखने को नहीं मिला. ऑनलाइन कटी राशि के लिए आवेदन किया जाएगा. जिसके बाद राशि मिलने की बात कही. हम लोग सात लोग आए थे.
कोटमसर गुफा देखने आए पर्यटकों में व्यवस्था को लेकर नाराजगी: जबलपुर से आए पर्यटक ने बताया कि कोटमसर गुफा के विषय में यह सुना था कि काफी बड़ा है. लाइम स्टोन की गुफा है. काफी प्राचीन है. जिसे देखने काफी दूर से पहुंचे थे. लेकिन प्रशासन और ग्रामीणों के बीच विवाद है. जिसके कारण गुफा देख नहीं पाए. प्रशासन को चाहिए कि इसकी जानकारी सभी को दी जाए कि कब यह गुफा खुलेगी. अन्यथा पर्यटक देखने आएंगे और निराश होकर चले जाएंगे. इससे पर्यटन विभाग और प्रशासन दोनों की बदनामी होगी.
सरकार के आदेश पर हाइवे में काटा जा रहा टिकट: इधर कांगेरवेल्ली नेशनल पार्क के डीएफओ चूड़ामणि सिंह ने कहा कि सरकार का निर्देश है कि नेशलन हाइवे से ही टिकट काटा जाए. जिसका पालन किया जा रहा है. गुफा को जल्द खोलने का प्रयास किया जायेगा.