नई दिल्ली: दिल्ली में 27 जुलाई को एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 3 छात्रों की हुई मौत के बाद से यूपीएससी अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. हर साल हज़ारों की संख्या में देशभर से छात्र और छात्राएं राजधानी में UPSC की तैयारी करने आते हैं. इसकी तैयारी करने वाले स्टूडेंट विशेष समय सारिणी के मुताबिक पढ़ाई करते हैं. ऐसे में उनका प्रदर्शन में शामिल होना मुश्किल है. सवाल उठता है कि स्टूडेंट्ड किस तरह से प्रदर्शन को आगे बढ़ाएंगे? इस सवाल पर ETV भारत ने प्रदर्शन स्थल पर मौजूद छात्रों से बातचीत की,आइये जानते हैं उन्होंने क्या बताया ?
हादसे के बाद सरकार से 6 मांग, अब तक नहीं हुई पूरी इसलिए आंदोलन जारी
Rau's IAS कोचिंग के छात्र ने बताया कि हादसे के बाद सरकार से 6 मांग हुई थी, लेकिन अभी तक सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. कुछ मांगों को लेकर आश्वासन जरूर दिया गया है. Rau's कोचिंग के मालिक ने बच्चों को 50 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया था. जिसमें प्रदर्शन स्थल पर आये उनके वकील ने कहा था कि मृत बच्चों के परिवार वालों को 25 लाख रुपए तत्काल दे दिए जायेंगे और 25 लाख जेल से छूटने के बाद दिए जायेंगे. प्रदर्शन पर बैठे छात्रों ने इस मांग को खारिज कर दिया था. इसके अलावा ड्रेनज को साफ करने की बात भी कही गयी थी. इस पर ठीक से काम नहीं हुआ है.
मृतक छात्रों के परिवार वालों को कितना मुआवजा मिलेगा, ये अब तक साफ नहीं
लखनऊ से दिल्ली UPSC की तैयारी करने आये वैभव सिंह चौहान ने बताया कि कुछ मांगों को माना गया है. इसमें बेसमेंट में चलने वाले कोचिंग सेंटर को बंद कर दिया गया है. लेकिन अभी तक यह नहीं बताया गया है कि मृतक छात्रों के परिवार वालों को कितना मुआवजा दिया जायेगा ? इसके अलावा छात्रों की मांग थी कि एक विशेष कमिटी का गठन किया जाना चाहिए. कमेटी का गठन हो गया है लेकिन अभी तक उसको सार्वजनिक नहीं किया गया है. अब छात्रों की यही मांग है कि सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाये ताकि UPSC की तैयारी करने आये छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे पाएं.
स्टूडेंट्स ने शिफ्ट के अनुसार धरने पर बैठ कर प्रदर्शन को रखा है जारी
बता दें कि एक छात्र ने बताया कि सभी स्टूडेंट्स का फोकस उनकी पढ़ाई पर है. प्रदर्शन स्थल पर स्टूडेंट्स शिफ्ट के अनुसार रहते हैं. जैसे कुछ स्टूडेंट सुबह से शाम तक रहते हैं और कुछ स्टूडेंट शाम से सुबह तक रहते है. कुछ छात्र ऐसे भी हैं, जो 24 घंटे प्रदर्शन स्थल पर रहते हैं. छात्रों का कहना है कि मांग पूरी होने तक स्टूडेंट प्रोटेस्ट करते रहेंगे.गौरतलब है कि 8 अगस्त को हादसे को 13 दिन पूरे होने पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एक किलोमीटर लंबा कैंडल मार्च निकाला. यह मार्च प्रदर्शनस्थल से लेकर ओल्ड राजेंद्र नगर के गोल चक्कर और फिर उससे वापस प्रदर्शन स्थल तक निकाला गया. इस दिन मृत चार छात्रों की पुण्यतिथि के तौर पर मनाया गया. छात्रों को प्रदर्शन करते हुए 13 दिन हो गए है.
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छात्र और छात्राएं आपस में पैसा इकट्ठा कर चला रहे व्यवस्था
प्रोटेस्ट में कई बदलाव आए हैं. अब यहां प्रदर्शनकारी रोज़ मोमबत्तियां जलाते हैं. पानी की व्यवस्था करते है. 6 दिनों से प्रदर्नकारियों के लिए खाने का भी इंतज़ाम किया जा रहा है. छात्र हर्ष ने बताया कि इस सबका खर्च छात्रों द्वारा ही किया जा रहा है. छात्र और छात्राएं आपस में पैसा इकट्ठा कर व्यवस्था करते हैं. इसके लिए कहीं से कोई भी धन राशि नहीं आ रही है. कभी कभार कुछ कोचिंग सेंटर पानी की मदद कर देते हैं. लेकिन खाने का इंतज़ाम गुरुद्वारों की और से किया जा रहा है.
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