जांजगीर चांपा : नरियरा में संचालित केएसके महानदी पावर प्लांट के खिलाफ एक बार फिर भू विस्थापितों ने मोर्चा खोला है. भू विस्थापित अपनी 24 सूत्रीय मांगों पर अड़े हैं. केएसके पावर प्लांट के गेट के सामने भू विस्थापित सुबह पांच बजे से प्रदर्शन कर रहे हैं.जिसके कारण पावर प्लांट के अंदर एक भी ट्रक सुबह से नहीं आ सका.इसकी वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गई.
क्या है भूविस्थापितों की मांग : भू विस्थापितों की मुख्य मांग प्लांट प्रबंधन की ओर से उचित मुआवजा देने की है.इसके बाद जमीन के बदले नौकरी और रोगदा डैम को पाटकर किसानों को मिलने वाले पानी की समस्या को दुरुस्त करना है. आपको बता दें कि भू विस्थापितों के आंदोलन के बाद प्लांट की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है.लेकिन प्लांट की ओर से अब तक कोई भी सामने नहीं आया है.
रोगदा डैम को पाटने का आरोप : केएसके महानदी पावर प्लांट ने 18 गांव की जमीन अधिग्रहित की थी.जिसमें रोगदा डैम को भी अपने कब्जे में ले लिया था. डैम के पानी का उपयोग किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए करते थे. लेकिन प्रबंधन ने डैम को पाटकर पानी का संग्रहण बंद कर दिया.जिससे किसानों की फसल प्रभावित हुई.ये मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा था.लेकिन किसानों को राहत नहीं मिली.
'' 11 फरवरी के दिन प्लांट प्रबंधन ने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था.तीन दिन के आंदोलन के बाद ग्रामीणों को जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया था.लेकिन मांगें पूरी नहीं हुई.''- ज्योति नोरगे, अध्यक्ष भूविस्थापित किसान संघ
प्लांट ने मांगों को पूरा करने का दिया था आश्वासन : भू विस्थापित किसान संघ के अध्यक्ष ज्योति नोरगे और संरक्षक सत्य प्रकाश निर्मलकर ने बताया कि इससे पहले 11 फरवरी के दिन प्लांट प्रबंधन के सामने आंदोलन कर अपनी मांग रखी थी. आंदोलनकारी तीन दिन लगातार गेट के सामने आंदोलन किए थे. जिला प्रशासन की दखल के बाद प्रबंधन ने मांग पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक मांग पर विचार नहीं किया गया.