जयपुर : राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के बैनर तले सोमवार को जलदाय कर्मचारियों ने जल भवन पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जल भवन पर सभा करने के बाद अचानक कर्मचारियों ने सीएम हाउस की तरफ कूच कर दिया. पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की तो पुलिस और कर्मचारियों में धक्का मुक्की भी हुई.
कर्मचारियों का अस्तित्व खत्म किया जा रहा : राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने कहा कि यह काला कानून है. हमारी मांग है कि इसके बिंदु 23 को हटाया जाए. आरडब्ल्यूएसएससी में कर्मचारियों को बर्खास्त करने का प्रावधान है. एक नोटिस के जरिए उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है. बोर्ड बनने से कर्मचारियों को तो नुकसान है ही, साथ ही आम जनता का बिल भी कई गुना बढ़ जाएगा. RWSSC बोर्ड बनाकर कर्मचारियों का अस्तित्व खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से वार्ता के लिए कोई निमंत्रण नहीं आया. सरकार ने सीएम आवास तक कूच करने के लिए हमें मजबूर किया है, इसीलिए हमने सीएम हाउस तक कूच किया. आंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा, यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो अगले 15 दिनों में फिर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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जलदाय विभाग का निजीकरण करने का विरोध : राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव और महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में जलदाय कर्मचारी जल भवन पर एकत्र हुए. यहां उन्होंने जलदाय विभाग का निजीकरण करने का विरोध किया. साथ ही आरडब्ल्यूएसएससी का भी विरोध जताया और कहा कि जब तक सरकार बोर्ड बनाने की अधिसूचना को वापस नहीं लेती है तब तक इनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. जल भवन पर प्रदर्शन के बाद कर्मचारी सिविल लाइंस स्थित सीएम हाउस की तरफ बढ़ने लगे और रास्ते में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
आरडब्ल्यूएसएससी के अधिसूचना की होली जलाई : पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद जलदाय कर्मचारियों को रोका. इस दौरान दोनों के बीच धक्का मुक्की भी देखने को मिली. पीडब्ल्यूडी के सामने कर्मचारियों ने आरडब्ल्यूएसएससी के अधिसूचना की होली भी जलाई. इसके बाद कर्मचारी समझाइश के बाद जल भवन वापस पहुंच गए. जल भवन लौटने के बाद जलदाय कर्मचारियों ने जलदाय मंत्री, विभाग के शासन सचिव और अन्य अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की.