गिरिडीह: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है. गिरिडीह में सोमवार को सर्व सनातन समाज गिरिडीह ने विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान मुख्य वक्ता हजारीबाग के विभाग प्रचारक आशुतोष ने कहा कि बांग्लादेश में लंबे समय से हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. सनातन समाज के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. स्थिति यह है कि 51 फीसदी मंदिरों में पूजा के दौरान हमले हो रहे हैं. पीड़ित न्याय के लिए भटक रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. बांग्लादेश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन किसी भी देश के नेता इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि समाज के लोगों को साथ लेकर पीड़ितों के लिए आवाज उठाएं और उन्हें न्याय दिलाएं.
उन्होंने कहा कि हम एकजुट रहेंगे तभी सुरक्षित रहेंगे. उन्होंने कहा कि जब भी हम असंगठित हुए हैं, हम पर अत्याचार हुए हैं. हम सभी को एकजुट होकर ऐसे अत्याचारों का खुलकर विरोध करना चाहिए. हजारीबाग के धर्माचार्य ने कहा कि देश, धर्म, संस्कृति और संस्कार की रक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है.
तख्ती लिए हुए थे लोग
इस दौरान मौजूद लोग हाथों में तख्तियां लिए हुए थे. तख्तियों पर नारे लिखे थे कि बांग्लादेशी हिंदुओं के सम्मान में हम मैदान में उतरे हैं, बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार बंद करो, संयुक्त राष्ट्र चुप्पी तोड़ो, बांग्लादेश में हिंदुओं को बचाओ आदि. प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने गिरिडीह के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की.
प्रदर्शन के दौरान प्रांत सेवा प्रमुख मुकेश रंजन सिंह, अनूप यादव, विनोद केसरी, दिनेश यादव आदि वक्ताओं ने भी बांग्लादेश पर हो रहे, अत्याचार का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों के लोग इस मामले पर चुप हैं. ऐसे में सनातन समाज के लोग ही जाग सकते हैं और अपने हिंदू समाज की रक्षा कर सकते हैं. प्रदर्शन में कई सनातनी भाइयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
प्रदर्शन का आयोजन नगर प्रभारी सोनू गुप्ता ने किया. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान संतोष खत्री, मृत्युंजय शर्मा, पप्पू शर्मा, महादेव दुबे, प्रकाश सेठ, श्याम प्रसाद, नवीन सिन्हा, राजेश शर्मा, नित्यानंद प्रसाद, महेश्वर नाथ, अमित कुमार समेत बड़ी संख्या में सनातनी मौजूद थे.
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