शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद को लेकर प्रदर्शनकारियों ने हजारों की संख्या में पहुंचकर अपना विरोध जताया है. संजौली में धारा 163 के बाद प्रदर्शन की अनुमति न मिलने के बाद भी हजारों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता, स्थानीय लोग जमा हो गए हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए संजौली में कई जगहों पर बैरिकेडिंग की थी.
मस्जिद विवाद के चलते क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है. संजौली में आज धारा 163 लागू की गई है. संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है. संजौली को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है. एक जगह पर पांच या पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठे होने की मनाही है. इसके बाद भी भारी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए.
प्रदर्शनकारियों ने ढली सब्जी मंडी के पास इकट्ठे होने का आह्वान किया था, जिसके बाद वहां पर भारी संख्या में लोग इकट्ठे होने लगे. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ढली टनल की ओर बढ़ने लगे थे. प्रदर्शनकारियों द्वारा एसपी शिमला और डीसी शिमला के मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे.
प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाकर ढली टनल के अंदर घुस गए और संजौली मस्जिद की तरफ कूच करने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस ने आगे बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हल्का लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस दौरान पथराव और झड़प होने के कारण 6 पुलिसकर्मी और 5 प्रदर्शनकारियों के घायल होने की सूचना है.
लाठीचार्ज के दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी सड़क पर ही डटे रहे.
बुधवार के समय जब संजौली में प्रदर्शन हो रहा था उस समय एंबुलेंस कई बार जाम में फंसी. हालांकि पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी इसको निकालने में लग रहे, लेकिन मरीज को अस्पताल पहुंचने में सामान्य समय से काफी ज्यादा समय लगा. इस दौरान प्रदर्शन में घायल लोगों को भी अस्पताल ले जाने में भी परेशानी रही. पुलिस के कर्मचारियों को भी अस्पताल पहुंचाने में देरी हुई.
प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल रहीं. महिलाओं ने कहा कि अवैध रूप से रह रहे प्रवासी उनके और युवतियों के साथ गलत व्यवहार करते हैं. उनका महिलाओं के साथ बर्ताव सही नहीं हैं. इसलिए वो प्रदर्शन में शामिल होने आई हैं.
प्रदर्शनकारी लाठीचार्ज होने के बाद सड़क पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया. पुलिस के मनाने के बाद लोग सड़कों से हटे.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बैरिकेडिंग और जवानों की तैतानती की थी. इस दौरान हजारों की संख्या में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. हालांकि सुबह के समय दुकानें खुली हुई थी, लेकिन दोपहर को लाठीचार्ज के बाद भीड़ उग्र हो गई थी. इसके बाद कुछ दुकानें बंद हुई थीं.
बैरिकेंडिंग और रास्तों के बंद होने के कारण स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कई परिजनों को छोटे बच्चों के साथ पैदल घर तक पहुंचना चाहा. इस दौरान परिजनों ने अपनी भड़ास निकालते हुए इसे प्रशासन और सरकार का फेलयोर बताया. संजौली में प्रदर्शन की वजह से कुछ परिजन अपने बच्चों को लेने स्कूल नहीं पहुंच पाए, जिससे परिजनों को अपने बच्चे को चिंता सताने लगी.
संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारी कई घंटों से संजौली में डटे रहे. पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारी प्रदर्शनकारियों को वापस लौटने के लिए समझाते रहे, लेकिन प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हुए.
कैसे शुरू हुआ विवाद ?
शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है. कुछ दिनों पहले शिमला के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था. जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था. जबकि कुछ अन्य लोगों से भी मारपीट की थी. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और लोगों का गुस्सा बीते दिनों शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की थी.