जींद: नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ऑल ड्राइवर-कल्याण संघ के आह्वान पर सोमवार को चालकों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी चालकों ने राज्य प्रधान मोहम्मद सरताज को तुरंत प्रभाव से रिहा करने और उनके ऊपर बनाए गए झूठे मुकदमे रद्द किए जाने की मांग की. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोहम्मद सरताज को भाजपा सरकार ने ड्राइवर के आंदोलन को दबाने के लिए झूठे केस बना कर जेल में डाला है. जिसे ड्राइवर समाज सहन नहीं करेगा. बाद में चालकों ने नायब तहसीलदार को मांगपत्र भी सौंपा.
एक जनवरी से हड़ताल पर ड्राइवर: प्रदर्शन से पहले ऑल इंडिया ड्राइवर कल्याण संघ के आह्वान पर चालक नेहरू पार्क में एकत्रित हुए और रोष सभा की. यहां चालकों को संबोधित करते हुए जिला प्रधान नरेंद्र बुआना ने कहा कि 26 दिसंबर को लोकसभा में हिट एंड रन संशोधन बिल पास किया गया. इसके लागू होने से देश और प्रदेश भर का चालक वर्ग बर्बाद हो जाएगा. इसके विरोध में चालकों की एक जनवरी से हड़ताल चल रही है.
'हिट एंड रन काला कानून': विरोधी चालकों की मुख्य मांग हिट एंड रन संशोधन बिल को तुरंत रद्द की है. आजाद पांचाल ने बताया कि इस बिल में प्रावधान है कि अगर कहीं पर कोई दुर्घटना हो जाती है, तो बड़े वाहन चालक को घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना होगा. अगर वह ऐसा नहीं करता तो 10 साल की सजा व सात लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा. पूरे देश के चालक इस बिल का विरोध कर रहे हैं.
ये है ड्राइवरों की मांगें: उन्होंने मांग की कि राज्य प्रधान मोहम्मद सरताज को तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए. हिट एंड रन संशोधन बिल को तुरंत रद्द किया जाए. देश के 22 करोड़ चालकों को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय चालक आयोग प्रदेश चालक आयोग का गठन किया जाए. एक सितंबर को सरकार की ओर से राष्ट्रीय चालक दिवस की घोषणा की जाए और सरकारी कैलेंडर में लागू किया जाए. व्यवसाय चालकों की हर तीन साल बाद ली जाने वाली नवीनीकरण की प्रक्रिया पांच साल निर्धारित की जाए. यदि चालक दुर्घटना में पूर्वकालिक अपंग हो जाता है, तो उसके भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा 10 लाख का मुआवजा प्रदान किया जाए.
नायबर तहसीलदार को सौंपा मांगपत्र: चालकों की मांग है कि ठेका, आउटसोर्सिंग में कार्य कर रहे व्यवसायी चालकों को समान वेतन के तहत नियमितीकरण किया जाए. व्यवसाय चालकों के लिए भी 60 वर्ष के ऊपर प्रति माह न्यूनतम वेतन 10 हजार पेंशन निर्धारित की जाए. चालक को 20 लाख रुपये मेजोरिटी बीमा दिया जाए. चालक को 10 लाख का एक्सीडेंट मेडिकल बीमा दिया जाए. ओला, उबर जैसी एप बेस कंपनियों को सरकारी कानून के अधीन ही संचालन करें. चालक को सम्मान मिले और सबकी कॉमन पॉलिसी बने. डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के साथ जोड़ा जाए.
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