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सोलर कम्पनियां काट रहीं खेजड़ी, लोगों ने जताया विरोध, पूर्व विधायक बोले-सरकार तक पहुंचाएंगे बात - Protest Against Cutting Khejri Tree - PROTEST AGAINST CUTTING KHEJRI TREE

बीकानेर की नोखा दैया जयमलसर गांव में सोलर कंपनी की ओर से खेजड़ी वृक्ष काटे जाने के विरोध में लगातार 34वें दिन लोगों का धरना जारी रहा. पूर्व विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि इस मामले को सरकार तक पहुंचाएंगे.

Protest Against Cutting Khejri Tree
खेजड़ी वृक्ष काटे जाने के विरोध में धरना (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 20, 2024, 7:52 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 11:18 PM IST

खेजड़ी वृक्ष काटे जाने के विरोध में 34वें दिन धरना जारी (ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: राजस्थान के राज्य वृक्ष का दर्जा प्राप्त खेजड़ी वृक्ष को लेकर उदासीनता और लापरवाही के मामले कई बार सामने आ रहे हैं. हाल के वर्षों में पश्चिमी राजस्थान खासतौर से बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर जिलों में सोलर प्लांट की स्थापना के दौरान खेजड़ी वृक्ष की कटाई के कई बार मामले सामने आए हैं. इसको लेकर ग्रामीणों ने भी विरोध जताया है. बीकानेर के नोखा दैया जयमलसर गांव में खेजड़ला की रोही में लगातार 34वें दिन ग्रामीणों का धरना जारी रहा और मंगलवार को धरने में नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी भी शामिल हुए. इस दौरान एक स्वर में पर्यावरण प्रेमियों ने इस बात को लेकर आक्रोश बताया कि खेजड़ी के वृक्ष को लेकर उदासीनता बढ़ती जा रही है और सोलर कंपनियां मनमानी कर रही हैं.

पीएम-सीएम तक पहुंचाएंगे बात: उधर सोलर कंपनियों की ओर से लगातार खेजड़ी के वृक्षों को काटे जाने के मामले में धरने में शामिल हुए पूर्व विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि एक और हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लगातार पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण करने की बात कहते हैं और वहीं दूसरी और सिस्टम की लापरवाही के चलते खेजड़ी के वृक्षों को काटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इन वृक्षों ने ही हमारी जान बचाई और सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की पड़ी और जो कि इन पेड़ों से मिलती है. उन्होंने कहा कि हम सोलर का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन अगर कहीं जरूरत पड़ती है, तो एक के बदले 10 पेड़ लगने चाहिए. उन्होंने का इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे.

पढ़ें: जयपुर से कुछ किलोमीटर दूर खुलेआम हो रही राज्य वृक्ष की कटाई, सिस्टम दिख रहा है मौन - Khejri trees are being cut

राज्य वृक्ष है खेजड़ी: 31 अक्टूबर, 1983 में खेजड़ी को सरकार ने राज्य वृक्ष के रूप में घोषित किया था. लेकिन इस वृक्ष को काटने पर लेकर सरकार की ओर से कोई कठोर कानून नहीं बना. जबकि करीब 400 साल पहले मां अमृता देवी ने सैकड़ों लोगों के साथ मिलकर खेजड़ी की कटाई को रोकने के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया.

पढ़ें: खेजड़ी को राज्य वृक्ष का दर्जा दिए बीते 40 साल, संरक्षण के अभाव में घट रही संख्या

मिलती है सांगरी: राजस्थान का ड्राई फ्रूट कहा जाने वाली सब्जी सांगरी खेजड़ी के वृक्ष की ही देन है. खेजड़ी की पत्तियों से पशुओं का चारा हो जाता है. वहीं सांगरी को बेचकर किसान अपना पेट पाल सकता है. राजस्थान के मौसम के अनुकूल होने के साथ ही पर्यावरण संतुलन के लिए खेजड़ी का अपना एक महत्व है.

खेजड़ी वृक्ष काटे जाने के विरोध में 34वें दिन धरना जारी (ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: राजस्थान के राज्य वृक्ष का दर्जा प्राप्त खेजड़ी वृक्ष को लेकर उदासीनता और लापरवाही के मामले कई बार सामने आ रहे हैं. हाल के वर्षों में पश्चिमी राजस्थान खासतौर से बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर जिलों में सोलर प्लांट की स्थापना के दौरान खेजड़ी वृक्ष की कटाई के कई बार मामले सामने आए हैं. इसको लेकर ग्रामीणों ने भी विरोध जताया है. बीकानेर के नोखा दैया जयमलसर गांव में खेजड़ला की रोही में लगातार 34वें दिन ग्रामीणों का धरना जारी रहा और मंगलवार को धरने में नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी भी शामिल हुए. इस दौरान एक स्वर में पर्यावरण प्रेमियों ने इस बात को लेकर आक्रोश बताया कि खेजड़ी के वृक्ष को लेकर उदासीनता बढ़ती जा रही है और सोलर कंपनियां मनमानी कर रही हैं.

पीएम-सीएम तक पहुंचाएंगे बात: उधर सोलर कंपनियों की ओर से लगातार खेजड़ी के वृक्षों को काटे जाने के मामले में धरने में शामिल हुए पूर्व विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि एक और हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लगातार पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण करने की बात कहते हैं और वहीं दूसरी और सिस्टम की लापरवाही के चलते खेजड़ी के वृक्षों को काटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इन वृक्षों ने ही हमारी जान बचाई और सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की पड़ी और जो कि इन पेड़ों से मिलती है. उन्होंने कहा कि हम सोलर का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन अगर कहीं जरूरत पड़ती है, तो एक के बदले 10 पेड़ लगने चाहिए. उन्होंने का इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे.

पढ़ें: जयपुर से कुछ किलोमीटर दूर खुलेआम हो रही राज्य वृक्ष की कटाई, सिस्टम दिख रहा है मौन - Khejri trees are being cut

राज्य वृक्ष है खेजड़ी: 31 अक्टूबर, 1983 में खेजड़ी को सरकार ने राज्य वृक्ष के रूप में घोषित किया था. लेकिन इस वृक्ष को काटने पर लेकर सरकार की ओर से कोई कठोर कानून नहीं बना. जबकि करीब 400 साल पहले मां अमृता देवी ने सैकड़ों लोगों के साथ मिलकर खेजड़ी की कटाई को रोकने के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया.

पढ़ें: खेजड़ी को राज्य वृक्ष का दर्जा दिए बीते 40 साल, संरक्षण के अभाव में घट रही संख्या

मिलती है सांगरी: राजस्थान का ड्राई फ्रूट कहा जाने वाली सब्जी सांगरी खेजड़ी के वृक्ष की ही देन है. खेजड़ी की पत्तियों से पशुओं का चारा हो जाता है. वहीं सांगरी को बेचकर किसान अपना पेट पाल सकता है. राजस्थान के मौसम के अनुकूल होने के साथ ही पर्यावरण संतुलन के लिए खेजड़ी का अपना एक महत्व है.

Last Updated : Aug 20, 2024, 11:18 PM IST
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