बूंदी : कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से एयरपोर्ट निर्माण के लिए बूंदी जिले के कैथूदा तुलसी गांव में स्थित करीब 600 साल पुरानी बूंदी के पूर्व राजा राव सूरजमल हाड़ा की छतरी को तोड़ने का मामला सामने आया है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और पूर्व सांसद और कोटा के पूर्व महाराव इज्यराज सिंह ने विरोध जताया है. चौतरफा विरोध के बाद अब केडीए और जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है. इस पूरे मामले में कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने जांच कमेटी गठित कर दी है. इसके साथ ही शनिवार देर रात को एक्शन लेते हुए तीन कार्मिकों को निलंबित भी किया गया है. इनमें तहसीलदार प्रवीण कुमार, भूअभिलेख निरीक्षक मुरलीधर और पटवारी रामनिवास शामिल हैं.
कमेटी आज सौंपेगी रिपोर्ट : वहीं, इस मामले में करणी सेना की भी एंट्री हो गई है. करणी सेना ने रविवार सुबह 11 बजे फिर से सूरजमल हाड़ा की छतरी बनाने की चेतावनी दी है. जिला कलेक्टर और केडीए कमिश्नर डॉ. गोस्वामी के निर्देश पर गठित हुई जांच कमेटी में उपखंड अधिकारी गजेंद्र सिंह, केडीए की विशेषाधिकार की मालविका त्यागी और तहसीलदार लाडपुरा हरिनारायण सोनी को जांच दी गई है. यह कमेटी रविवार को रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपेगी.
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बूँदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा जी की छतरी को तोड़ दिया जाना एक दुखद और व्यथित कर देने वाली घटना है । क्या केडीए ने छतरी का ऐतिहासिक महत्व जानकर भी यह कृत्य किया? इस संदर्भ में पड़ताल और यथेष्ट कार्रवाई आवश्यक है।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) September 21, 2024
जनभावना को सर्वोच्च रखना व्यवस्था संचालकों की नैतिक जिम्मेदारी है।
इन्होंने भी जताया विरोध : वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार और प्रशासन पर यह हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि छतरी को तोड़ दिया जाना एक दुखद और व्यथित कर देने वाली घटना है. क्या केडीए ने छतरी का ऐतिहासिक महत्व जानकर भी यह कृत्य किया? पूर्व राज्य मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह का कहना है कि सरकार राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को संजोकर रखने में विफल रही है. स्मारक को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता था, लेकिन 600 साल पुरानी राव सूरजमल हाड़ा की छतरी को नियम विरुद्ध ध्वस्त किया गया है. कार्मिकों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
कोटा के पूर्व महाराव इज्यराज सिंह का कहना है कि कोटा राज परिवार और क्षेत्र में कई अन्य राजपूत समुदाय भी राव सूरजमल के वंशज हैं. हाड़ा चौहानों और बूंदी के शासकों के बलिदान और बहादुरी के बिना बूंदी और कोटा के शहर आज जैसे नहीं होते. यह छतरी स्थल अत्यधिक पूजनीय थी और इसका बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है. इसको तोड़ने से समुदाय के आक्रोश है.