रांची: पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुई आंदोलन और शेख हसीना वाजेद की सरकार को अपदस्थ करने के बाद से अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ जारी हिंसा और अत्याचार से रांची का बंगाली समुदाय खासा मर्माहत है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा को समाप्त कराने की पीएम मोदी से मांग करते हुए विभिन्न बंगाली संगठनों से जुड़े लोगों ने अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया. बंगाली युवा मंच के आह्वान पर बंगाली समुदाय का यह प्रदर्शन हुआ. यह प्रदर्शन उसी अमर शहीद अल्बर्ट एक्का चौक पर हुआ जिन्होंने बांग्लादेश मुक्ति के दौरान हुई लड़ाई में 3 दिसंबर 1971 में बांग्लादेश को शहादत दे दी थी.
अल्पसंख्यक हिंदुओं के नरसंहार पर देश चुप क्यों?
बंगाली युवा मंच के अध्यक्ष सिद्धार्थ घोष ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश के तमाम हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान कराने की मांग की. इसके अलावा वहां की महिलाओं एवं बच्चों पर हो रहे अत्याचार, अल्पसंख्यकों का नरसंहार, घरों-मंदिरों में तोड़-फोड़ रुकवाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि भारत की छोटी से छोटी घटनाओं पर टिप्पणी और लोकतंत्र की दुहाई देने वाले दुनिया के आर्थिक रूप से सक्षम एवं प्रगति किए हुए देश आज चुप क्यों हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि उनकी चुप्पी से ऐसा लगता है कि बांग्लादेश को नया अस्त्र व्यापार का केंद्र बनाने की उनकी योजना है. बाहरी शक्तियां बांग्लादेश को घाटी बनाकर भारत वर्ष को कमजोर करने की भी साजिश रची जा सकती है. यहीं वजह है कि उनकी सोची आज मानव अधिकार की बात करने वाले चुप हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ भी चुप है.
इन संगठनों के लोग हुए प्रदर्शन में शामिल
बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में रांची के तमाम बंगाली एवं बंगाली संस्थाओं के द्वारा जोरदार विरोध किया गया. विरोध प्रदर्शन में बांगिए सांस्कृतिक परिषद, अपोन जन क्लब हैसाग, हिनू बंगाली पूजा मंडप,वीणापाणि क्लब, कॉसमॉस क्लब,कोकर बोंगो शक्ति, यूनियन क्लब एंड लाइब्रेरी,देशप्रिय क्लब एंड लाइब्रेरी, हरीमती मंदिर, नेताजी नगर कांटा टोली,अनंतपुर निवारणपुर बंगाली समिति,दुर्गा बाड़ी, बैटलिक जैसे रांची के कई संस्थाओं के लोग मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ होगी बड़ी लड़ाई, आदिवासी के साथ-साथ हिंदुओं की संख्या हो रही कम-हिमंता
ये भी पढ़ें: डिप्लोमेसी ही हिंदू समस्या का समाधान, पीएम पर भरोसा, कांग्रेस पर सवाल: हिमंंता बिस्वा सरमा