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खुशखबरी: उत्तराखंड में ग्राम प्रहरी और चौकीदार को सरकार देने जा रही तोहफा, जानें क्या

उत्तराखंड में ग्राम प्रहरियों और चौकीदारों के मानदेय बढ़ाई जाने की तैयारी की जा रही है. खबर है कि इसको लेकर अब वित्त के अनुमोदन का इंतजार है और ऐसा होने के बाद ग्राम प्रहरियों के मानदेय को दोगुना किया जा सकेगा. फिलहाल प्रस्ताव तैयार हो चुका है और अब वित्त के बाद मुख्यमंत्री से भी इसका अनुमोदन लिया जाना है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 12, 2024, 9:59 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के तमाम गांवों में ग्राम प्रहरी या ग्राम चौकीदार के पद पर तैनात लोगों को सरकार तोहफा देने जा रही है. इन सभी के मानदेय को दोगुना करने के प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए गृह विभाग से प्रस्ताव भी बनाया जा चुका है जिसे अब वित्त की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. हालांकि इस पर अंतिम मोहर वित्त की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगानी है.

कौन है ग्राम प्रहरी और चौकीदार: प्रदेश के तमाम गांव में विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने या सूचनाएं पहुंचाने समेत गांव की चौकीदारी का जिम्मा ग्राम प्रहरी और ग्राम चौकीदार को दिया गया है. राज्य भर में इनकी संख्या करीब 6900 बताई गई है. जिसमें करीब 2100 ग्राम चौकीदार भी शामिल हैं. फिलहाल इन्हें 2 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है जिसे प्रस्ताव के रूप में देखा जाए तो 4 हजार रुपए किए जाने का प्लान है.

तीरथ सरकार में बढ़ा था मानदेय: इससे पहले इनका मानदेय 1200 रुपए था. जिसे तीरथ सिंह रावत की सरकार के दौरान 2 हजार रुपए किया गया था. इस दौरान इन्हें प्रशिक्षण दिए जाने की भी तैयारी की जा रही है. ताकि उनके ग्राम स्तर पर योगदान को और भी बेहतर किया जा सके. राज्य भर में विभिन्न ग्राम सभाओं में ग्रामीण विकास, राजस्व और पुलिस विभाग के अंतर्गत इनकी तैनाती की गई है. हालांकि इसका प्रस्ताव पुलिस विभाग द्वारा तैयार किया गया है जो कि फिलहाल वित्त विभाग में मंजूरी के लिए गया है. जानकारी के मुताबिक, इनका मानदेय दोगुना हुआ तो राज्य पर करीब 5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.

राज्य में हिम प्रहरी के प्रस्ताव पर भी हो रहा विचार: उत्तराखंड में हिम प्रहरी तैनात किए जाने को लेकर भी फिलहाल काम चल रहा है. इससे जुड़ा प्रस्ताव उत्तराखंड शासन ने केंद्र को भेज दिया है. केंद्रीय गृह विभाग के स्तर पर ही अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े राज्यों में हिम प्रहरी की व्यवस्था किए जाने को लेकर सुझाव दिया गया था और इसी के आधार पर राज्य में गृह विभाग द्वारा केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया गया है. हालांकि अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन माना जा रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हिम प्रहरी के तौर पर एक नई व्यवस्था को केंद्र की मंजूरी के बाद लागू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः ग्राम प्रहरियों ने तानी मुट्ठी, बोले- ₹2 हजार से नहीं होता गुजारा, PRD के बराबर दें मानदेय

देहरादूनः उत्तराखंड के तमाम गांवों में ग्राम प्रहरी या ग्राम चौकीदार के पद पर तैनात लोगों को सरकार तोहफा देने जा रही है. इन सभी के मानदेय को दोगुना करने के प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए गृह विभाग से प्रस्ताव भी बनाया जा चुका है जिसे अब वित्त की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. हालांकि इस पर अंतिम मोहर वित्त की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लगानी है.

कौन है ग्राम प्रहरी और चौकीदार: प्रदेश के तमाम गांव में विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने या सूचनाएं पहुंचाने समेत गांव की चौकीदारी का जिम्मा ग्राम प्रहरी और ग्राम चौकीदार को दिया गया है. राज्य भर में इनकी संख्या करीब 6900 बताई गई है. जिसमें करीब 2100 ग्राम चौकीदार भी शामिल हैं. फिलहाल इन्हें 2 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है जिसे प्रस्ताव के रूप में देखा जाए तो 4 हजार रुपए किए जाने का प्लान है.

तीरथ सरकार में बढ़ा था मानदेय: इससे पहले इनका मानदेय 1200 रुपए था. जिसे तीरथ सिंह रावत की सरकार के दौरान 2 हजार रुपए किया गया था. इस दौरान इन्हें प्रशिक्षण दिए जाने की भी तैयारी की जा रही है. ताकि उनके ग्राम स्तर पर योगदान को और भी बेहतर किया जा सके. राज्य भर में विभिन्न ग्राम सभाओं में ग्रामीण विकास, राजस्व और पुलिस विभाग के अंतर्गत इनकी तैनाती की गई है. हालांकि इसका प्रस्ताव पुलिस विभाग द्वारा तैयार किया गया है जो कि फिलहाल वित्त विभाग में मंजूरी के लिए गया है. जानकारी के मुताबिक, इनका मानदेय दोगुना हुआ तो राज्य पर करीब 5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.

राज्य में हिम प्रहरी के प्रस्ताव पर भी हो रहा विचार: उत्तराखंड में हिम प्रहरी तैनात किए जाने को लेकर भी फिलहाल काम चल रहा है. इससे जुड़ा प्रस्ताव उत्तराखंड शासन ने केंद्र को भेज दिया है. केंद्रीय गृह विभाग के स्तर पर ही अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े राज्यों में हिम प्रहरी की व्यवस्था किए जाने को लेकर सुझाव दिया गया था और इसी के आधार पर राज्य में गृह विभाग द्वारा केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया गया है. हालांकि अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. लेकिन माना जा रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हिम प्रहरी के तौर पर एक नई व्यवस्था को केंद्र की मंजूरी के बाद लागू किया जा सकता है.

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