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हाईकोर्ट ने कहा- शादी का वादा शोषण के औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता - Allahabad High Court Order

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 8:10 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने एक अहम आदेश में कहा कि शादी का वादा शोषण के औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी के झूठा वादा कर रेप के आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि शादी के वादे को शोषण के साधन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रवि कुमार भारती उर्फ बिट्टू की अर्जी खारिज करते हुए दिया.

गौतम बुद्ध नगर के फेज तीन थाने में जनवरी 2019 में एक महिला प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि आरोपी ने कई साल पहले फेसबुक और वाट्सएप पर उससे दोस्ती की और बाद में उसे शादी का प्रस्ताव दिया, जिस पर उसने सहमति जताई. आरोपी ने शादी के बहाने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. महिला का दावा है कि इस दौरान वह दो बार गर्भवती हुई और दोनों मौकों पर आरोपी ने उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया. आरोप है कि जब पीड़िता को पता चला कि आरोपी दूसरी महिलाओं के साथ संबंध बना रहा है और उसने उससे इस बारे में बात की.

इस पर आरोपी ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. इसके बाद उसने एफआईआर दर्ज कराई, जिसके कारण आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू हुई. आरोपी ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर गौतमबुद्ध नगर की सीजेएम कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने और आगे की कार्यवाही को रोकने की मांग की. कहा गया कि संबंध सहमति से बने थे, इसलिए आईपीसी की धारा 376 के तहत कोई अपराध नहीं बनता.

अभियोजन पक्ष ने अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी ने पीड़िता का बार-बार शोषण करने के लिए शादी के वादे का इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में किया था, जो आईपीसी की धारा 376 के तहत गलत प्रलोभन था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद हैं, जो शिकायतकर्ता को धोखा देने और उसका शोषण करने के स्पष्ट इरादे की ओर इशारा करते हैं.

टाइटस हाई स्कूल की भूमि का पट्टा निरस्त करने के आदेश पर रोक
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टाइटस हाई स्कूल की जमीन के पट्टे को निरस्त करने के डीएम मुरादाबाद के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट जब्त की गई संपत्ति मुक्त करने का डीएम को निर्देश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने विवादित भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण करने और भूमि की प्रकृति और चरित्र बदलने पर भी रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी शराफ व न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की पीठ ने मुरादाबाद रेजिनल कान्फ्रेंस मुरादाबाद व अन्य की याचिका पर दिया. 1940 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने पट्टा दिया था.

ये भी पढ़ें- चंदौली में कोतवाली की पानी टंकी में मिली दरोगा की लाश, सिर नीचे और पैर हवा में थे - Body of inspector found in tank

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी के झूठा वादा कर रेप के आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि शादी के वादे को शोषण के साधन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रवि कुमार भारती उर्फ बिट्टू की अर्जी खारिज करते हुए दिया.

गौतम बुद्ध नगर के फेज तीन थाने में जनवरी 2019 में एक महिला प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि आरोपी ने कई साल पहले फेसबुक और वाट्सएप पर उससे दोस्ती की और बाद में उसे शादी का प्रस्ताव दिया, जिस पर उसने सहमति जताई. आरोपी ने शादी के बहाने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. महिला का दावा है कि इस दौरान वह दो बार गर्भवती हुई और दोनों मौकों पर आरोपी ने उसे गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया. आरोप है कि जब पीड़िता को पता चला कि आरोपी दूसरी महिलाओं के साथ संबंध बना रहा है और उसने उससे इस बारे में बात की.

इस पर आरोपी ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. इसके बाद उसने एफआईआर दर्ज कराई, जिसके कारण आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू हुई. आरोपी ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर गौतमबुद्ध नगर की सीजेएम कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने और आगे की कार्यवाही को रोकने की मांग की. कहा गया कि संबंध सहमति से बने थे, इसलिए आईपीसी की धारा 376 के तहत कोई अपराध नहीं बनता.

अभियोजन पक्ष ने अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी ने पीड़िता का बार-बार शोषण करने के लिए शादी के वादे का इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में किया था, जो आईपीसी की धारा 376 के तहत गलत प्रलोभन था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्टया साक्ष्य मौजूद हैं, जो शिकायतकर्ता को धोखा देने और उसका शोषण करने के स्पष्ट इरादे की ओर इशारा करते हैं.

टाइटस हाई स्कूल की भूमि का पट्टा निरस्त करने के आदेश पर रोक
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टाइटस हाई स्कूल की जमीन के पट्टे को निरस्त करने के डीएम मुरादाबाद के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट जब्त की गई संपत्ति मुक्त करने का डीएम को निर्देश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने विवादित भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण करने और भूमि की प्रकृति और चरित्र बदलने पर भी रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी शराफ व न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की पीठ ने मुरादाबाद रेजिनल कान्फ्रेंस मुरादाबाद व अन्य की याचिका पर दिया. 1940 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने पट्टा दिया था.

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