जामताड़ा: मां चंचला देवी के तीन दिवसीय महोत्सव को लेकर जामताड़ा में भव्य मंगल कलश यात्रा निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं माथे पर मंगल कलश लेकर शामिल हुईं. श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. गाजे बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली गई. इसमें महिला ढाकी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना रहा.
भव्य मंगल कलश यात्रा के साथ तीन दिवसीय मां चंचला महोत्सव का शुभारंभ
जामताड़ा के प्रसिद्ध जागृत मां चंचला देवी के तीन दिवसीय महोत्सव को लेकर धूमधाम के साथ मंगल कलश यात्रा और शोभा यात्रा निकाली गई. गाजे बाजे के साथ मां चंचला देवी के मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई. मंगल कलश शोभा यात्रा चंचला मंदिर से निकलकर पूरे बाजार भ्रमण करते हुए मां के मंदिर में आकर समाप्त हो गयी.
करीब 11000 महिला श्रद्धालु मंगल कलश यात्रा में हुईं शामिल
मां चंचला महोत्सव को लेकर निकाली गई शोभायात्रा में करीब 11000 महिला श्रद्धालु शामिल हुईं, जिसमें छोटे बच्चों के से लेकर महिलाओं ने भाग लिया और माथे पर मंगल कलश लेकर जयकारा लगाते हुए चलती रहीं.
महिला ढाकी रहा प्रमूख आकर्षण का केंद्र
शोभायात्रा में आदिवासी ढोल, नगाड़ा, बैंड पार्टी आदिवासी नृत्य तथा झांकी में पश्चिम बंगाल से आई 'महिला ढाकी' प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी रही. महिलाएं ढाकी बजाकर शोभा यात्रा की शोभा बढ़ा रही थीं.
महोत्सव को लेकर भक्तिमय माहौल
16, 17 व 18 जनवरी, यह महोत्सव 3 दिन तक मनाया जाता है. तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव को लेकर जामताड़ा भक्तिमय माहौल में डूबा रहता है. भक्ति जागरण, चंडी पाठ हवन होता है. भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है.
मां चंचल देवी महोत्सव प्रत्येक वर्ष काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं. 3 दिन तक महोत्सव को लेकर माहौल भक्तिमय बना रहता है और काफी दूर-दूर से श्रद्धालु इस महोत्सव में भाग लेने पहुंचते हैं. माता के मंदिर में माथा टेकते हैं तथा यहां पूजा अर्चना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि माता चंचला देवी के मंदिर में जो भी श्रद्धा और आस्था से मनोकामना करते हैं उसे मां पूरा करती है.
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