जयपुर : एक और देश में जहां समान नागरिकता कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है, वहीं दूसरी और प्रदेश की भजन लाल सरकार समान नागरिकता संहिता विधेयक लाने की तैयारी में है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान आज बीजेपी के विधायक के एक सवाल के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार समान नागरिकता संहिता विधेयक लाने के विषय में विचार कर रही है. उचित समय पर सदन में बिल लाया जाएगा.
इसके साथ ओल्ड पेंशन स्कीम सहित कुछ सवाल स्थगित होने पर सदन में विपक्ष की और से हंगामा किया गया. पक्ष-विपक्ष के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई. इसके साथ प्रश्नकाल में किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के थानों में दर्ज मामलों, लालसोट सवाई माधोपुर स्टेट हाइवे पर टोल वसूली, धोद विधानसभा के चिकित्सालय में अधिक पदों और नकली, बीज व खाद से जुड़े प्रश्नों पर सवाल-जवाब हुआ.
नागरिकता संहिता विधेयक आएगा : दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने राजस्थान में समान नागरिकता संहिता विधेयक लाने की सरकार की मंशा को लेकर सवाल किया. जिस पर विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब देते हुए कि राज्य सरकार समान नागरिकता संहिता विधेयक लाने पर विषय में विचार कर रही है. बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक पास होने के बाद पिछले दिनों राजस्थान सरकार ने भी इस दिशा में कवायद शुरू कर दी थी. सरकार उत्तराखंड के विधेयक का अध्ययन करने के बाद ड्राफ्ट तैयार करने पर विचार कर रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर मंत्रियों व अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी, कमेटी की अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद सरकार प्रदेश में समान नागरिकता संहिता विधेयक लेकर आएगी.
सवाल स्थगित होने पर हंगामा : प्रश्नकाल के दौरान राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर सवाल स्थगित होने पर सदन में हंगामा हो गया. दरअसल कांग्रेस के विधायक हरिमोहन शर्मा की ओर से पिछली सरकार ने 2004 के बाद नियुक्त राज्य कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया गया, योजना में कितने लाभान्वित हुए, संख्या सदन के पटल पर रखने के लिए कहा, लेकिन इस बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रश्न स्थगित होने की जानकारी दी.
देवनानी ने कहा कि वित्त आयोग की टीम आई हुई है. प्रदेश की विशेष कार्य योजना उनके सामने प्रस्तुत की जानी है. मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री सहित पूरा विभाग उलझा हुआ है. विशेष स्थिति को देखते हुए 339, 341 और 349 प्रश्न को स्थगित किया जाता है. इसके बाद विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि मंत्री मंजू बागमार हर जगह अच्छा जवाब दे रही है. मेहरबानी करके इनसे ही जवाब दिलवा देते. इसी सत्र में इस प्रश्न का जवाब आ जाना चाहिए. इस पर अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री वित्त मंत्री नहीं संपूर्ण वित्त विभाग बिजी है तो कैसे जवाब आ सकता है. विपक्षी सदस्य सवाल निरस्त करने को लेकर जवाब मांगने लगे, इससे शोरगुल हो गया. इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और सदन के सदस्य गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि मेरा स्वास्थ्य का सवाल स्थगित क्यों किया, कितने दिन सरकार को बचाओगे ? बाद में अध्यक्ष ने मामले को शांत कराया.
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प्रश्नकाल में ये हुए सवाल-जवाब : विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के थानों में दर्ज मामलों को लेकर विधायक विकास चौधरी ने गृहमंत्री से पूछा. जिसके जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि चोरी की 138 प्रकरण दर्ज हुए हैं. डकैती का कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ, वाहन चोरी के 66 प्रकरण दर्ज हुए, 13 वाहन बरामद हुए शेष प्रकरण में बरामद नहीं हो पाए. इसके बाद मंत्री ने कहा हर जिले पर विशेष टीम गठित है, गस्त बढ़ा रहे हैं और हिस्ट्रीशीटर पर नजर रख रहे हैं.
उधर विधायक रामविलास मीणा ने लालसोट सवाई माधोपुर स्टेट हाईवे पर टोल वसूली को लेकर सवाल किया कि बगड़ी टोल नाके और सवाई माधोपुर टोल नाके की दूरी 28 किलोमीटर है, उसके बावजूद टोल वसूल किया जा रहा है. इस पर मंत्री मंजू ने कहा कि 2002 की पॉलिसी के अनुसार टोल में दूरी का कोई प्रावधान नहीं किया गया था. राज्य सरकार ने सर्कुलर निकाला था, उसके आधार पर चेक बैरियर लगाया था. दो टोल के मध्य दूरी बताई गई वह 40 किलोमीटर की दूरी तय की गई है, अब मामले की जानकारी आने पर इसका परीक्षण करा लिया जाएगा.
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दो टोल के बीच 40 किमी की दूरी हो : इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि ऐसे कितने टोल है जो नियम अनुसार निश्चित दूरी पर नहीं है, ऐसे कितने टोल है जहां पर नियमों की पालना कराई जाती है. इस पर मंत्री डॉ मंजू बाघमार ने जवाब दिया केवल तीन ही टोल प्लाजा ऐसे हैं जिनमें पॉलिसी के अनुसार दूरी कम है. यह भी नियमों के अनुसार है लेकिन चेक बैरियर बना रखा है. 2015 की पॉलिसी के अनुसार दो टोल के बीच 40 किलोमीटर दूरी तय है. विधायक गोवर्धन ने धोद विधानसभा के चिकित्सालय में अधिक पदों को भरने का मुद्दा उठाया जिसके जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजपत्रित कार्यरत 32 हैं, रिक्त पद 16 है, अराजपत्रित 356 पद हैं. पूर्ण चिकित्सा उपलब्ध होने पर भरने के प्रयास किए जाएंगे.
जल्द भरे जाएंगे चिकित्सा अधिकारी के पद : उन्होंने कहा कि चिकित्सा अधिकारी के 1220 पदों को भरने के लिए आरयूएचएस विश्वविद्यालय को विज्ञप्ति भेजी गई है. विधायक ने कहा कि चिकित्सा सुविधा कब उपलब्ध करवा देंगे. इसके बाद मंत्री खींवसर ने कहा कि चिकित्सा पद और उपकरण दोनों की मांग की गई है. धोद विधानसभा बेहतरीन क्षेत्र है यहां सब सेंटर 96 है. पीएचसी 16 और सीएससी पांच है. डॉक्टर के 48 पद हैं और रिक्त पद केवल 16 है. उन्होंने कहा कि हमें पूर्व सरकार से विरासत में रिक्त पद ही रिक्त पद मिले हैं, रिक्त पदों को जल्द ही भरा जाएगा.