पटना: बिहार में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं और लोगों की जान भी जा रही है. प्रदेश में अब तक गर्मी से 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि आधिकारिक रूप से अभी 26 की ही पुष्टि हुई है.
भीषण गर्मी ले रही जान: औरंगाबाद में सर्वाधिक 19 लोगों की गर्मी से मौत हुई है, जिसमें 12 की अधिकारिक पुष्टि है. इन सब स्थितियों के बीच पटना के अस्पतालों में भी गर्मी बढ़ने से बीमार हो रहे लोगों के एडमिट होने का सिलसिला बढ़ गया है. पटना के आईजीआईएमएस में गर्मी के कारण ब्रेन स्ट्रोक और किडनी संबंधित बीमारी को लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ गई है.
किडनी पेशेंट के लिए आफत बनी गर्मी: आईजीआईएमएस में अभी के समय में प्रतिदिन लगभग ढाई सौ किडनी के मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इसके अलावा अभी के समय ब्रेन स्ट्रोक के 28 मरीज एडमिट हैं. आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि आईजीआईएमएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है तो यहां सुपर स्पेशलिटी के मरीज ही आ रहे हैं.
"क्रॉनिक किडनी डिजीज, क्रॉनिक लिवर डिजीज, ब्रेन हेमरेज के मरीज अभी के समय काफी अधिक संख्या में आ रहे हैं. इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण है और जिसमें गर्मी सबसे बड़ी वजह है. जो क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीज होते हैं उन्हें दिन भर में 200 एमएल पानी पीना होता है. लेकिन अत्यधिक गर्मी के कारण प्यास लगने पर वह 2 लीटर तक पानी पी जा रहे हैं."- डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस
पानी पीने से पहले रखें इस बात का ध्यान: डॉ मनीष मंडल का कहना है कि सामान्य व्यक्ति तीन से चार लीटर पानी पीता है. लेकिन क्रॉनिक किडनी डिजीज के व्यक्ति को पानी काफी कम पीना होता है. ऐसे में ऐसे मरीज जब अधिक पानी पी ले रहे हैं तो उनकी स्थिति बिगड़ जा रही है और अस्पताल में एडमिट होना पड़ रहा है. इन मरीजों के फेफड़ों में काफी अधिक पानी जमा हो जा रहा है. जिस वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लग रही है और सांस फूलने की शिकायत को लेकर के इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं.
मरीजों को हो रही इलेक्ट्रोलाइट की कमी: डॉ मनीष मंडल ने आगे कहा कि जो लोग लीवर के मरीज होते हैं, उन्हें भी पानी कम पीना होता है. अधिक पानी पीने के बाद तबीयत बिगड़ जा रही है और अस्पताल में पहुंचना पड़ रहा है. भीषण गर्मी के कारण पसीना अधिक हो रहा है. ऐसे में शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जा रही है. उन्होंने बताया कि जो लोग गंभीर बीमारी के मरीज हैं, गर्मी के कारण उनकी कॉम्प्लिकेशंस बढ़ जा रही है.
ब्रेन हेमरेज के मामले भी बढ़े: डॉ मनीष मंडल ने बताया कि इस मौसम में अभी के समय ब्रेन हेमरेज के मरीज भी काफी बढ़ गए हैं. चाहे अधिक ठंडा हो या अधिक गर्मी जो ब्लड प्रेशर के मरीज होते हैं उनके शरीर पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. 6 से 18 डिग्री टेंपरेचर में लोग रह रहे हैं और अचानक बाहर निकल रहे हैं तो 45 डिग्री टेंपरेचर के एक्सपोजर में जा रहे हैं. इससे शरीर का ब्लड प्रेशर बहुत फ्लकचुएट हो रहा है और ब्रेन स्ट्रोक की शिकायतें बढ़ रही है. बीते तीन दिनों में 10 से अधिक ब्रेन स्ट्रोक के मामले अस्पताल में आ चुके हैं.
इन बातों का रखें खास ध्यान: अधीक्षक ने बताया कि अभी के समय जरूरी है कि लोग प्रचुर मात्रा में पानी पिएं. शरीर में पसीना के कारण इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो रही है, ऐसे में इसे ठीक करने के लिए मौसमी फलों का जूस पिएं अथवा ओआरएस का घोल सेवन करें.
AC का इस्तेमाल करने के समय बरतें सावधानी: टेंपरेचर वेरिएशन से बचें. यदि कार में एसी ऑन करके जा रहे हैं तो कार से बाहर निकलने से कुछ समय पहले एसी बंद कर दें ताकि बॉडी बाहर के टेंपरेचर से एडजस्ट करना शुरू कर दें. दिन के 11:00 से शाम 4:00 बजे तक धूप के एक्सपोजर से बचें और यदि बाहर निकलना है तो प्रचुर मात्रा में पानी पीकर निकलें और सिर को ढक कर चले.
दो दिनों में 30 से अधिक मरीज एडमिट: ढीले ढाले हल्के रंग के सूती कपड़े पहने और यदि गर्मी के कारण बेचैनी महसूस हो रही है तो तुरंत छांव में जाएं. पानी पिए और अधिक दिक्कत है तो अविलंब चिकित्सीय परामर्श में जाएं. वहीं अगर बात पीएमसीएच की करें तो हीट स्ट्रोक की शिकायत को लेकर आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है. बीते दो दिनों में 30 से अधिक मरीज एडमिट हुए हैं.
बच्चों का भी रखें विशेष ध्यान: चाइल्ड वार्ड में लोग अपने बच्चों को पेट दर्द डिहाइड्रेशन और बुखार की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. चाइल्ड वार्ड के ओपीडी में प्रतिदिन गर्मी से बीमार पड़ने किसी शिकायत को लेकर 50 से अधिक की संख्या में बच्चे पहुंच रहे हैं जिसमें गिने-चुने बच्चों को एडमिट भी करना पड़ जा रहा है. हालांकि आईजीआईएमएस और पीएमसीएच में हीट स्ट्रोक के कारण एक भी मौत दर्ज नहीं हुए हैं.
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