ETV Bharat / state

प्रियंका को क्यों जाना पड़ा वायनाड? जबकि, नेहरू-गांधी फैमिली के हर नेता ने यूपी से शुरू की राजनीतिक पारी - Priyanka Gandhi Vadra - PRIYANKA GANDHI VADRA

देश की राजनीति में परिवार वाद हावी है. इसी कड़ी में गांधी परिवार से 10वें सदस्य की अब राजनीति में एंट्री होने वाली है. इंदिरा गांधी की पोती और सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा केरल की वायनाड सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी होंगी. आईए जानते हैं गांधी परिवार से कितने लोग अब तक राजनीति में आ चुके हैं.

Etv Bharat
द ग्रेट गांधी फैमिली. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 20, 2024, 6:13 AM IST

Updated : Jun 20, 2024, 4:29 PM IST

लखनऊ: राजनीति और परिवारवाद एक सिक्के के दो पहलू माने जाते हैं. देश का कोई राज्य ऐसा नहीं है, जहां राजनीति में परिवारवाद हावी न रहता हो. इसी कड़ी में गांधी परिवार से एक और सदस्य की राजनीति में एंट्री कराने की तैयारी है. प्रियंका गांधी वाड्रा को केरल की वायनाड सीट से उपचुनाव में उतारने की तैयारी है. प्रियंका गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी जो राजनीति में आ रही हैं. यहां ये दिलचस्प है कि अब तक नेहरू-गांधी परिवार के हर सदस्य ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत उत्तर प्रदेश से की. प्रियंका इकलौती हैं जो दक्षिण भारत से पॉलिटिकल डेब्यू करने जा रही हैं. क्या इसके पीछे कांग्रेस पार्टी की कोई बड़ी रणनीति है.

प्रियंका गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
प्रियंका गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

वायनाड से ही क्यों डेब्यू कर रहीं प्रियंका: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट के साथ यूपी की रायबरेली सीट से जीत दर्ज की है. इसके बाद राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने और रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला लिया है. इसी के चलते खाली हुई वायनाड सीट से प्रियंका का राजनीति में डेब्यू हो सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसकी घोषणा भी कर दी है.

उत्तर प्रदेश में प्रियंका की चली 10 साल ट्रेनिंग: प्रियंका गांधी वाड्रा करीब एक दशक से यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं. लेकिन कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा. बस कांग्रेस का कामकाज देखती रही हैं. इस दौरान वह रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी और अमेठी में अपने भाई राहुल के चुनाव अभियानों में सहायक की भूमिका में रहीं.

2019 में प्रियंका को मिला यूपी में पद: प्रियंका ने औपचारिक रूप से सक्रिय राजनीति में तब एंट्री की जब उन्हें 23 जनवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लिए कांग्रेस पार्टी का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया. 11 सितंबर, 2020 को उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया.

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में फ्लॉप हुई प्रियंका की रणनीति: विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया था. इसमें अखिलेश यादव और राहुल गांधी को साथ लाने में प्रियंका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अखिलेश यादव और राहुल गांधी को लेकर 'यूपी को ये साथ पसंद है' का नारा भी दिया था. लेकिन, यह गठबंधन और नारा दोनों ही बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए.

2022 के विधानसभा चुनाव में भी नहीं मिली सफलता: प्रियंका के ही नेतृत्व में 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा गया. इसमें 40% टिकट महिलाओं को दिए गए. महिला वोटों और राजनीति में उनकी भागीदारी पर जोर देते हुए प्रियंका ने राज्य में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' अभियान की शुरुआत की. इन सबके बावजूद, कांग्रेस पार्टी को 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा. वह 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 2 सीटें जीत सकी.

2024 में सपा को इंडी गठबंधन में लाने में निभाई अहम भूमिका: फिर आई लोकसभा चुनाव 2024 की बारी. इसमें प्रियंका यूपी की प्रभारी तो नहीं रहीं लेकिन, सपा को इंडी गठबंधन में शामिल कराने में उनकी अहम भूमिका रही. इसमें सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 लोकसभा सीटें जीतीं.

कांग्रेस का चेहरा राहुल ही!: प्रियंका को दक्षिण से लड़ाने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस का चेहरा राहुल गांधी ही रहेंगे. पार्टी सोची समझी रणनीति के तहत वह यूपी पर केंद्रित राजनीति करेंगे ताकि प्रधानमंत्री मोदी के समकक्ष होकर उन्हें और भाजपा को चुनौती दे सकें.

जवाहर लाल नेहरू के बारे में अहम जानकारियां.
जवाहर लाल नेहरू के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

जवाहर लाल नेहरू: पंडित जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे और उनके पिता भी राजनीति में थे. वह आजाद भारत से पहले कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. नेहरू 1912 में सक्रिय राजनीति में आए, लेकिन उनकी चुनावी पारी का आगाज आजाद भारत की पहली लोकसभा के लिए हुए चुनाव से हुआ. उस वक्त नेहरू की उम्र 62 साल थी. नेहरू 1947 में देश की आजादी से लेकर अगले 16 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे. नेहरू तीन बार प्रधानमंत्री बने और तीनों ही बार यूपी की फूलपुर सीट से सांसद चुने गए.

इंदिरा गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
इंदिरा गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

इंदिरा गांधी: जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. उन्होंने चुनावी राजनीति की शुरुआत साल 1967 में यूपी की रायबरेली सीट से चुनाव लड़कर की. इंदिरा गांधी ने साल 1966-77 तक और फिर साल 1980-84 तक देश की प्रधानमंत्री के रूप में काम किया.

फिरोज गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
फिरोज गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

फिरोज गांधी: इंदिरा के पति फिरोज गांधी स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े रहे. देश के पहले लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर प्रतापगढ़-रायबरेली सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. साल 1957 में देश के दूसरे लोकसभा चुनाव में भी वह रायबरेली सीट से सांसद चुने गए.

संजय गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
संजय गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

संजय गांधी: इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. आपातकाल के बाद वे उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. हालांकि इसके बाद साल 1980 के लोकसभा चुनाव में फिर से संजय गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर सांसद बने.

मेनका गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
मेनका गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

मेनका गांधी: संजय गांधी ने मेनका गांधी से 1974 में शादी की थी. संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी और मेनका गांधी के बीच संबंध ठीक नहीं रहे, जिसके बाद मेनका गांधी ने घर छोड़ दिया और कांग्रेस से इतर अपनी सियासी पारी शुरू की. मेनका गांधी ने राष्ट्रीय संजय मंच नाम से अलग पार्टी बनाई और 1984 के लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया. उस चुनाव में मेनका गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद मेनका गांधी जनता दल में शामिल हो गईं और पीलीभीत सीट से दो बार सांसद रहीं. मेनका गांधी ने 1998 में पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता. फिर मेनका गांधी भाजपा में आ गईं. सुलतानपुर से भी वह दो बार सांसद बनीं. लेकिन, 2024 का चुनाव हार गईं.

वरुण गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
वरुण गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

वरुण गांधी: मेनका-संजय गांधी के बेटे वरुण गांधी की राजनीति की शुरुआत 2004 में भाजपा की सदस्यता के साथ हुई थी. जल्द ही वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बन गए. महज 29 साल की उम्र में वरुण गांधी पीलीभीत सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद वरुण गांधी सुलतानपुर सीट से भी सांसद चुने गए. लेकिन, 2024 के चुनाव में भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया.

राजीव गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
राजीव गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

राजीव गांधी: साल 1981 में हुए अमेठी उप-चुनाव में राजीव गांधी ने जीत हासिल कर अपनी चुनाव पारी का आगाज किया था. संजय गांधी की मौत के बाद ये सीट खाली हुई थी. इसके बाद 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया. वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए. दिसंबर 1984 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत हासिल किया और तत्कालीन 514 लोकसभा सीटों में से 404 पर जीत हासिल की थी. साल 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई.

सोनिया गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
सोनिया गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

सोनिया गांधी: राजीव गांधी ने 1968 में सोनिया गांधी से शादी की थी. राजीव गांधी से शादी के कई साल बाद 1983 में सोनिया गांधी ने भारत की नागरिकता ली. साल 1997 में वे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनीं और साल 1998 में पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं. सोनिया गांधी ने साल 1999 में पहली बार कांग्रेस की पारंपरिक अमेठी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा. साल 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए ने केंद्र में सरकार बनाई और 10 साल तक सत्ता में रहीं. अमेठी के बाद सोनिया गांधी साल 2004 में रायबरेली से सांसद चुनी गईं और 2024 तक यहां से सांसद रहीं. फिलहाल वह राज्यसभा सदस्य हैं.

राहुल गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
राहुल गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

राहुल गांधी: राहुल गांधी की चुनावी पारी का आगाज साल 2004 में हुआ, जब वह अमेठी से सांसद चुने गए. इसके बाद वह लगातार तीन लोकसभा चुनाव में अमेठी से सांसद चुने गए. 2019 में उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी के सामने हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2019 के चुनाव में ही वह केरल की वायनाड सीट से सांसद चुने गए. 2024 के चुनाव में भी राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली सीट से चुनाव लड़े और दोनों जगह से जीते.

ये भी पढ़ेंः 54 साल के हुए राहुल गांधी: जानिए जिंदगी से जुड़ी 10 खास बातें, एक क्लिक में पढ़िए आखिर ये बर्थडे क्यों खास बना

ये भी पढ़ेंः आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, कांग्रेस को हिंदुओं पर भरोसा नहीं इसलिए प्रियंका को वायनाड से टिकट दिया

लखनऊ: राजनीति और परिवारवाद एक सिक्के के दो पहलू माने जाते हैं. देश का कोई राज्य ऐसा नहीं है, जहां राजनीति में परिवारवाद हावी न रहता हो. इसी कड़ी में गांधी परिवार से एक और सदस्य की राजनीति में एंट्री कराने की तैयारी है. प्रियंका गांधी वाड्रा को केरल की वायनाड सीट से उपचुनाव में उतारने की तैयारी है. प्रियंका गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी जो राजनीति में आ रही हैं. यहां ये दिलचस्प है कि अब तक नेहरू-गांधी परिवार के हर सदस्य ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत उत्तर प्रदेश से की. प्रियंका इकलौती हैं जो दक्षिण भारत से पॉलिटिकल डेब्यू करने जा रही हैं. क्या इसके पीछे कांग्रेस पार्टी की कोई बड़ी रणनीति है.

प्रियंका गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
प्रियंका गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

वायनाड से ही क्यों डेब्यू कर रहीं प्रियंका: लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की वायनाड सीट के साथ यूपी की रायबरेली सीट से जीत दर्ज की है. इसके बाद राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने और रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला लिया है. इसी के चलते खाली हुई वायनाड सीट से प्रियंका का राजनीति में डेब्यू हो सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसकी घोषणा भी कर दी है.

उत्तर प्रदेश में प्रियंका की चली 10 साल ट्रेनिंग: प्रियंका गांधी वाड्रा करीब एक दशक से यूपी की राजनीति में सक्रिय हैं. लेकिन कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा. बस कांग्रेस का कामकाज देखती रही हैं. इस दौरान वह रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी और अमेठी में अपने भाई राहुल के चुनाव अभियानों में सहायक की भूमिका में रहीं.

2019 में प्रियंका को मिला यूपी में पद: प्रियंका ने औपचारिक रूप से सक्रिय राजनीति में तब एंट्री की जब उन्हें 23 जनवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के लिए कांग्रेस पार्टी का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया. 11 सितंबर, 2020 को उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया.

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में फ्लॉप हुई प्रियंका की रणनीति: विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया था. इसमें अखिलेश यादव और राहुल गांधी को साथ लाने में प्रियंका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अखिलेश यादव और राहुल गांधी को लेकर 'यूपी को ये साथ पसंद है' का नारा भी दिया था. लेकिन, यह गठबंधन और नारा दोनों ही बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए.

2022 के विधानसभा चुनाव में भी नहीं मिली सफलता: प्रियंका के ही नेतृत्व में 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा गया. इसमें 40% टिकट महिलाओं को दिए गए. महिला वोटों और राजनीति में उनकी भागीदारी पर जोर देते हुए प्रियंका ने राज्य में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' अभियान की शुरुआत की. इन सबके बावजूद, कांग्रेस पार्टी को 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा. वह 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 2 सीटें जीत सकी.

2024 में सपा को इंडी गठबंधन में लाने में निभाई अहम भूमिका: फिर आई लोकसभा चुनाव 2024 की बारी. इसमें प्रियंका यूपी की प्रभारी तो नहीं रहीं लेकिन, सपा को इंडी गठबंधन में शामिल कराने में उनकी अहम भूमिका रही. इसमें सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 लोकसभा सीटें जीतीं.

कांग्रेस का चेहरा राहुल ही!: प्रियंका को दक्षिण से लड़ाने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस का चेहरा राहुल गांधी ही रहेंगे. पार्टी सोची समझी रणनीति के तहत वह यूपी पर केंद्रित राजनीति करेंगे ताकि प्रधानमंत्री मोदी के समकक्ष होकर उन्हें और भाजपा को चुनौती दे सकें.

जवाहर लाल नेहरू के बारे में अहम जानकारियां.
जवाहर लाल नेहरू के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

जवाहर लाल नेहरू: पंडित जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे और उनके पिता भी राजनीति में थे. वह आजाद भारत से पहले कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. नेहरू 1912 में सक्रिय राजनीति में आए, लेकिन उनकी चुनावी पारी का आगाज आजाद भारत की पहली लोकसभा के लिए हुए चुनाव से हुआ. उस वक्त नेहरू की उम्र 62 साल थी. नेहरू 1947 में देश की आजादी से लेकर अगले 16 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे. नेहरू तीन बार प्रधानमंत्री बने और तीनों ही बार यूपी की फूलपुर सीट से सांसद चुने गए.

इंदिरा गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
इंदिरा गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

इंदिरा गांधी: जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. उन्होंने चुनावी राजनीति की शुरुआत साल 1967 में यूपी की रायबरेली सीट से चुनाव लड़कर की. इंदिरा गांधी ने साल 1966-77 तक और फिर साल 1980-84 तक देश की प्रधानमंत्री के रूप में काम किया.

फिरोज गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
फिरोज गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

फिरोज गांधी: इंदिरा के पति फिरोज गांधी स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े रहे. देश के पहले लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर प्रतापगढ़-रायबरेली सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. साल 1957 में देश के दूसरे लोकसभा चुनाव में भी वह रायबरेली सीट से सांसद चुने गए.

संजय गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
संजय गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

संजय गांधी: इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. आपातकाल के बाद वे उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. हालांकि इसके बाद साल 1980 के लोकसभा चुनाव में फिर से संजय गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर सांसद बने.

मेनका गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
मेनका गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

मेनका गांधी: संजय गांधी ने मेनका गांधी से 1974 में शादी की थी. संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी और मेनका गांधी के बीच संबंध ठीक नहीं रहे, जिसके बाद मेनका गांधी ने घर छोड़ दिया और कांग्रेस से इतर अपनी सियासी पारी शुरू की. मेनका गांधी ने राष्ट्रीय संजय मंच नाम से अलग पार्टी बनाई और 1984 के लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया. उस चुनाव में मेनका गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद मेनका गांधी जनता दल में शामिल हो गईं और पीलीभीत सीट से दो बार सांसद रहीं. मेनका गांधी ने 1998 में पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीता. फिर मेनका गांधी भाजपा में आ गईं. सुलतानपुर से भी वह दो बार सांसद बनीं. लेकिन, 2024 का चुनाव हार गईं.

वरुण गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
वरुण गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

वरुण गांधी: मेनका-संजय गांधी के बेटे वरुण गांधी की राजनीति की शुरुआत 2004 में भाजपा की सदस्यता के साथ हुई थी. जल्द ही वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बन गए. महज 29 साल की उम्र में वरुण गांधी पीलीभीत सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद वरुण गांधी सुलतानपुर सीट से भी सांसद चुने गए. लेकिन, 2024 के चुनाव में भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया.

राजीव गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
राजीव गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

राजीव गांधी: साल 1981 में हुए अमेठी उप-चुनाव में राजीव गांधी ने जीत हासिल कर अपनी चुनाव पारी का आगाज किया था. संजय गांधी की मौत के बाद ये सीट खाली हुई थी. इसके बाद 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया. वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए. दिसंबर 1984 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत हासिल किया और तत्कालीन 514 लोकसभा सीटों में से 404 पर जीत हासिल की थी. साल 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या कर दी गई.

सोनिया गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
सोनिया गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

सोनिया गांधी: राजीव गांधी ने 1968 में सोनिया गांधी से शादी की थी. राजीव गांधी से शादी के कई साल बाद 1983 में सोनिया गांधी ने भारत की नागरिकता ली. साल 1997 में वे कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनीं और साल 1998 में पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं. सोनिया गांधी ने साल 1999 में पहली बार कांग्रेस की पारंपरिक अमेठी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा. साल 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए ने केंद्र में सरकार बनाई और 10 साल तक सत्ता में रहीं. अमेठी के बाद सोनिया गांधी साल 2004 में रायबरेली से सांसद चुनी गईं और 2024 तक यहां से सांसद रहीं. फिलहाल वह राज्यसभा सदस्य हैं.

राहुल गांधी के बारे में अहम जानकारियां.
राहुल गांधी के बारे में अहम जानकारियां. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Graphics)

राहुल गांधी: राहुल गांधी की चुनावी पारी का आगाज साल 2004 में हुआ, जब वह अमेठी से सांसद चुने गए. इसके बाद वह लगातार तीन लोकसभा चुनाव में अमेठी से सांसद चुने गए. 2019 में उन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी के सामने हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2019 के चुनाव में ही वह केरल की वायनाड सीट से सांसद चुने गए. 2024 के चुनाव में भी राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली सीट से चुनाव लड़े और दोनों जगह से जीते.

ये भी पढ़ेंः 54 साल के हुए राहुल गांधी: जानिए जिंदगी से जुड़ी 10 खास बातें, एक क्लिक में पढ़िए आखिर ये बर्थडे क्यों खास बना

ये भी पढ़ेंः आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, कांग्रेस को हिंदुओं पर भरोसा नहीं इसलिए प्रियंका को वायनाड से टिकट दिया

Last Updated : Jun 20, 2024, 4:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.