जींद: जेल की लॉन्ड्री में कैदी के शव मिलने का मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया. बता दें कि उम्र कैद की सजा काट रहे कैदी का शव शुक्रवार को जेल की लॉड्री में फंदे से लटका मिला था. मामले में शनिवार को उस समय हंगामा हुआ. जब परिजनों ने जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन किया. परिजनों ने शव को लेने से मना कर दिया और जेल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की.
कैदी की मौत मामले में परिजनों ने किया हंगामा: परिजनों के प्रदर्शन की सूचना पाकर सिविल लाइन थाना तथा शहर थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए और परिजनों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि मामले की जांच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की जा रही है. जिसमें पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं है. समझाने के बाद परिजन शव को मोर्चरी से उठाने के लिए राजी हो गए. जिसके बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली.
चिकित्सक बोर्ड से हुआ पोस्टमार्टम: जिला कारागार की लॉन्ड्री में शुक्रवार को उम्र कैद की सजा काट रहे संत नगर निवासी शुभम (26) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे पर लटका मिला था. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की देखरेख में शव को फांसी के फंदे से उतार कर नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया. शनिवार को वीडियोग्राफी के साथ चिकित्सक बोर्ड से शुभम का पोस्टमार्टम कराया गया. जिसके बिसरे को जांच के लिए लेबोरेटरी भेज दिया गया.
परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाया आरोप: मृतक के पिता दलबीर ने बताया कि शुभम 7 साल से जेल में बंद था. उसे 2020 में उम्र कैद की सजा हो गई थी. जेल के फोन से बातचीत भी होती थी. कोई परेशानी उसे नहीं थी. अब शुभम की मौत का जिम्मेदार जेल प्रशासन है. बिना कारण के कोई जान नहीं दे सकता. मेरा बेटा साजिश का शिकार हुआ. जब तक जेल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होता, तब तक शव को नहीं उठाएंगे.
सिविल लाइन थाना प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा की जा रही है. परिजनों को समझा दिया गया कि इससे बड़ी तथा निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती. जिस पर परिजन शांत हो गए और शव को उनके हवाले कर दिया गया.
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