कोरिया: जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से महज सात किमी दूर कसरा का प्राथमिक शाला है. कसरा प्राथमिक शाला के बच्चे पिछले पांच सालों से निजी मकान के बरामदे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सर्दी,गर्मी और बारिश तीनों ही मौसम में ये बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ते हैं. ऐसा नहीं है कि अफसरों को इस बात की जानकारी नहीं है. बावजूद इसके बच्चे इस हाल में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. कलेक्टर ने जरूर ये आश्वासन दिया है कि वो मामले को गंभीरता से देखेंगे. ऐसी लापरवाही पर जरुरत पड़ी तो कार्रवाई भी करेंगे.
ऐसे पढ़ेंगे तो कैसे बढ़ेंगे: साल 2019 में बैकुंठपुर के कसरा में प्राथमिक शाला का भवन जर्जर होकर गिर गया. भवन के जमींदोज होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने स्कूल चलाने के लिए गांव के किसान से मदद मांगी. किसान ने अपनी जमीन पर बने बरामदे को स्कूल चलाने के लिए दे दिया. पांच सालों से अब ये स्कूल इसी बरामदे में संचालित किया जा रहा है. स्कूल भवन की समस्या जस की तस बनी हुई है. बच्चे बड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए यहां पर पढ़ने को मजबूर हैं. बारिश के दिनों में बच्चों के स्कूल बस्ते तक भीग जाते हैं. बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं.
''काफी गंभीर मामला है ये. बच्चों को पढ़ाई में इतनी दिक्कतें आ रही हैं. बच्चों की पढ़ाई लिखाई से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. मैं पूरे मामले को देखूंगी. मेरी कोशिश होगी कि जल्द से जल्द बच्चों को राहत मिल पाए. भवन की समस्या भी दूर हो सके''. - चंदन त्रिपाठी, कलेक्टर, कोरिया
बच्चों के लिए मवेशी भी बने मुश्किल: बच्चों का जहां पर स्कूल चल रहा है वहां पर गांव वाले मवेशी भी बांध देते हैं. मवेशी होने के चलते बच्चे खेल नहीं पाते. गंदगी और घास फूंस के चलते हमेशा सांप बिच्छू के होने का डर भी बना रहता है. बारिश के मौसम में बच्चों को अपने बस्ते और खाने की टिफिन रखने की भी जगह नहीं है. ज्यादा बारिश होने पर बच्चों के बस्ते पानी में भीग जाते हैं. स्कूल भवन के नाम पर दो कमरे जरुर बनाए गए हैं. नए बने दोनों कमरों को अबतक हैंडओव्हर नहीं दिया गया है.