देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंची. इस दौरान उन्होंने छात्रों को उपाधियां और मेधावियों छात्रों को मेडल देकर सम्मानित किया. इसके बाद वो परमार्थ निकेतन पहुंचकर गंगा घाट पर गंगा आरती में शामिल हुई.
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्राओं की सराहना: अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्राप्त करने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक है. यह एक सामाजिक बदलाव का संकेत है. उन्होंने कहा कि देशभर में बेहतर इलाज करने के कारण ही एम्स संस्थानों की विशिष्ट पहचान है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र केवल एक प्रोफेशन ही नहीं, बल्कि यह एक मिशन भी है. इसके अलावा राष्ट्रपति ने देश में बढ़ रहे डाइबिटिज के मरीजों और धूप की कमी से महिलाओं में बढ़ रही एनिमिया की बीमारी के उपचार और इस दिशा में एम्स संस्थानों से अनुसंधान का आह्वान किया है.
राष्ट्रपति ने एम्स ऋषिकेश की सराहना: राष्ट्रपति ने कहा कि संपन्न व सक्षम व्यक्ति के पास अपना उपचार कराने के अनेक माध्यम हैं, ऐसे में चिकित्सकों को प्रत्येक गरीब व अक्षम व्यक्ति के इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने एम्स ऋषिकेश की चिकित्सकीय सेवाओं की सराहना की और कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से एम्स, ऋषिकेश की विशेष पहचान है.
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598 छात्रों को दी गई उपाधि: बता दें कि दीक्षांत समारोह में मेडिकल के 598 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई. जबकि, टॉपर छात्र-छात्राओं को 14 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 कांस्य समेत 16 पदकों से नवाजा गया. कार्यक्रम में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एमबीबीएस 2013 बैच से एक, 2015 बैच से 1 और 2017 बैच के 98 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. इसके अलावा बीएसएसी नर्सिंग 2017 बैच के 57, बीएससी नर्सिंग 2018 बैच के 97 और बीएससी नर्सिंग 2019 बैच के 100 छात्र-छात्राओं को उपाधियों से सम्मानित किया गया है. एमएससी नर्सिंग के 2021 बैच के कुल 9 छात्र-छात्राओं को भी डिग्री प्रदान की गई. समारोह में एमडी/एमएस में 2020 बैच के 4, 2021 बैच के 111, डीएम/एमसीएच में 2021 बैच के 31, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ 2022 बैच के 10 और बीएससी एलाईड हेल्थ साइंस 2019-20 बैच के 67 स्टूडेंट्स सहित पीएचडी करने वाले वर्ष 2017-19 बैच के 12 छात्र-छात्राओं को उपाधि देकर सम्मानित किया गया है.
गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली छात्राएं
- डॉ. दीपिका मेहता, एमबीबीएस 2017 बैच
- डॉ. कार्तिक के. डीएम, हेमेटोलॉजी 2021 बैच
- डॉ. फलक ढाका , एमबीबीएस 2017 बैच
- डॉ. अंजलि यादव, एमबीबीएस 2017 बैच
- डॉ. अक्षत ककानी, एमबीबीएस 2017 बैच
- कुं. मंजीत, एमएससी नर्सिंग 2021 बैच
- ललिता शर्मा, बीएससी नर्सिंग 2017 बैच
- नंदनी भाटिया, बीएससी नर्सिंग 2018 बैच
- सनमीत कौर, बीएससी नर्सिंग 2019 बैच
- विप्रा, बीएससी पेरामेडिकल 2020 बैच
इन छात्राओं को मिला सिल्वर और कास्य पदक: एमबीबीएस 2017 बैच की छात्रा डॉ. फलक ढाका को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया है, जबकि 2017 बैच की डॉ. अंजलि यादव को कांस्य पदक मिला है.
एम्स ऋषिकेश प्रोजेक्ट तीर्थयात्रियों के लिए जीवन रेखा: राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि यह समारोह स्नातक चिकित्सकों, नर्सों की उपलब्धियों का उत्सव है. एम्स ऋषिकेश पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है. पहले गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज के लिए राज्यवासियों को दिल्ली व चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, लेकिन ऋषिकेश में एम्स की स्थापना से राज्य को इसका विशेष लाभ मिल रहा है. इसके अलावा राज्यपाल ने ड्रोन सेवा के माध्यम से चारधाम यात्रा मार्गों पर आपात दवाओं को पहुंचाने के लिए एम्स ऋषिकेश के प्रोजेक्ट को तीर्थयात्रियों के लिए जीवन रेखा बताया.
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