उदयपुर: जिले में आदमखोर पैंथर का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पैंथर ने एक बार फिर हमला करने की कोशिश की है. इस बार एक मां और बेटी बाल-बाल बच गई. दोनों ने घर बंद करके अपनी जान बचाई. इसके बाद चिल्लाने पर आस-पड़ोस के लोग दौड़ कर पहुंचे. पैंथर घर के बाहर से मुर्गी का शिकार पर जंगल की ओर भाग निकला. ग्रामीणों ने पुलिस व वन विभाग को सूचना दी. अब पैंथर को शूट करने के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है.
पैंथर का कब होगा आतंक: 15 दिनों में 7 लोगों को मौत के घाट उतार चुके पैंथर को पकड़ने के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक सारी रणनीति विफल साबित हुई है. वन विभाग ने अब आदमखोर पैंथर को पकड़ने के लिए जयपुर से स्पेशल टीम बनाकर भेजी है, जिसमें जयपुर वाइल्ड लाइफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट टी मोहन राज, सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह कटियार और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा शामिल हैं. तीनों अधिकारियों ने शुक्रवार अलसुबह मौका निरीक्षण किया और रणनीति तैयार कर पुलिस के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया है.
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12 शूटर खंगाल रहे पूरे जंगल: आदमखोर पैंथर को शूट करने के लिए गोगुंदा वन विभाग कार्यालय की ओर से विशेष रणनीति बनाई जा रही है. सीसीएफ मूर्ति के नेतृत्व में हाई-लेवल की बैठक चल रही है. जयपुर से पहुंचे सीसीएफ मोहन राज व सुनील छिद्री समेत अन्य अधिकारी भी रणनीति बनाने में जुटे हैं. अधिकारी पैंथर के आतंक से निपटने के लिए विशेष ऑपरेशन का प्लान बना चुके हैं. वन विभाग की ओर से कई जिलों के DFO को मौके पर बुलाया गया है.
वहीं राठौड़ों का गुड़ा व केलवो का खेड़ा में आदमखोर पैंथर का मूवमेंट देखा गया है. मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय ने रिस्पांस टीम का गठन किया है. सीसीएफ मूर्ति ने बताया कि ऑपरेशन में वन विभाग, वाइल्डलाइफ, आर्मी, पुलिस के जवानों के साथ ग्रामीणों की मदद ली जा रही है. इसके अलावा 12 शूटर के साथ बड़ी संख्या में वनकर्मी और पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं.
कांग्रेस उतरी सड़कों पर: गोगुंदा में आदमखोर पैंथर के आतंक को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने उदयपुर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस पदाधिकारी का कहना है कि पैंथर को जल्द से जल्द पकड़ा जाए. कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. वहीं गोगुंदा इलाके में सात लोगों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई गई.