ETV Bharat / state

भीषण गर्मी के बीच सीएम योगी को बाढ़ की चिंता; यूपी के 29 अतिसंवेदनशील जिलों पर पैनी नजर - Floods in UP

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक कर मानूसन की सक्रियता के बाद बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को खाका तैयार करने का आदेश दिया था ताकि प्रदेशवासियों और उनके मवेशियों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके.

Etv Bharat
भीषण गर्मी के बीच सीएम योगी को बाढ़ की चिंता. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 5:11 PM IST

लखनऊ: भीषण गर्मी और लू से परेशान प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश में 20 से 25 जून के बीच मानसून आने की संभावना है. ऐसे में योगी सरकार मानसून को लेकर अलर्ट हो गई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक कर मानूसन की सक्रियता के बाद बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को खाका तैयार करने का आदेश दिया था ताकि प्रदेशवासियों और उनके मवेशियों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके.

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इन्हाेंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रदेश को तीन भागों में बांटा गया है. इसमें अतिसंवेदनशील श्रेणी में 29, संवेदनशील श्रेणी में 11 और सामान्य श्रेणी में 35 जनपद शामिल हैं.

इन जिलों में विशेष निगरानी के लिए टीमों का गठन कर अलर्ट कर दिया गया है, जिसमें सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी के साथ कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पीएसी और मौसम विभाग भी अलर्ट मोड पर है.

राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 7 टीमें, एसडीआरएफ की 18 टीमें और पीएसी की 17 टीमों की प्रीपोजीशनिंग की जा चुकी है. इसके साथ ही राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा बाढ़ की अवधि में मौसम विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और केंद्रीय जल आयोग से रिपोट्स प्राप्त कर दैनिक समीक्षा का रोस्टर तैयार कर लिया गया है ताकि बाढ़ प्रबंधन के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा सके.

बाढ़ से निपटने के लिए राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को भी एक्टिव कर दिया गया है, जहां 24 घंटे राहत हेल्पलाइन 1070 के लिए 20 सीटर कॉल सेंटर संचालित कर दिया गया है. इमरजेंसी सेंटर के माध्यम से प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में फील्ड में तैनात अधिकारियों को एसएमएस और वॉयस कॉल के माध्यम से वास्तविक स्थिति से अपडेट किया जाएगा. ताकि समय रहते स्थिति से निपटा जा सके.

इतना ही नहीं सभी जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा समेत 24 घंटे डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं. साथ ही इन्हें राज्य स्तरीय राहत कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है. वहीं बाढ़ की तैयारी के लिए सभी जनपदों को बाढ़ पूर्व तैयारी चेक लिस्ट भेजी जा चुकी है.

योगी सरकार ने प्रदेश में बाढ़ समेत अन्य आपदा से निपटने के लिए 400 आपदा मित्रों की तैनाती की है. इन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग के साथ यूनीफार्म, आईडी कार्ड, सर्टिफिकेट तथा इमरजेंसी रिस्पांडर किट उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा 10500 वालेंटियर्स को प्रशिक्षण दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी से बिना मुलाकात किए ही दिल्ली रवाना हुए मोहन भागवत, लग रहीं अटकलें

लखनऊ: भीषण गर्मी और लू से परेशान प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश में 20 से 25 जून के बीच मानसून आने की संभावना है. ऐसे में योगी सरकार मानसून को लेकर अलर्ट हो गई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक कर मानूसन की सक्रियता के बाद बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को खाका तैयार करने का आदेश दिया था ताकि प्रदेशवासियों और उनके मवेशियों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके.

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इन्हाेंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रदेश को तीन भागों में बांटा गया है. इसमें अतिसंवेदनशील श्रेणी में 29, संवेदनशील श्रेणी में 11 और सामान्य श्रेणी में 35 जनपद शामिल हैं.

इन जिलों में विशेष निगरानी के लिए टीमों का गठन कर अलर्ट कर दिया गया है, जिसमें सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी के साथ कर्मचारी शामिल हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पीएसी और मौसम विभाग भी अलर्ट मोड पर है.

राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 7 टीमें, एसडीआरएफ की 18 टीमें और पीएसी की 17 टीमों की प्रीपोजीशनिंग की जा चुकी है. इसके साथ ही राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा बाढ़ की अवधि में मौसम विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और केंद्रीय जल आयोग से रिपोट्स प्राप्त कर दैनिक समीक्षा का रोस्टर तैयार कर लिया गया है ताकि बाढ़ प्रबंधन के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा सके.

बाढ़ से निपटने के लिए राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को भी एक्टिव कर दिया गया है, जहां 24 घंटे राहत हेल्पलाइन 1070 के लिए 20 सीटर कॉल सेंटर संचालित कर दिया गया है. इमरजेंसी सेंटर के माध्यम से प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में फील्ड में तैनात अधिकारियों को एसएमएस और वॉयस कॉल के माध्यम से वास्तविक स्थिति से अपडेट किया जाएगा. ताकि समय रहते स्थिति से निपटा जा सके.

इतना ही नहीं सभी जिलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा समेत 24 घंटे डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं. साथ ही इन्हें राज्य स्तरीय राहत कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है. वहीं बाढ़ की तैयारी के लिए सभी जनपदों को बाढ़ पूर्व तैयारी चेक लिस्ट भेजी जा चुकी है.

योगी सरकार ने प्रदेश में बाढ़ समेत अन्य आपदा से निपटने के लिए 400 आपदा मित्रों की तैनाती की है. इन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग के साथ यूनीफार्म, आईडी कार्ड, सर्टिफिकेट तथा इमरजेंसी रिस्पांडर किट उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा 10500 वालेंटियर्स को प्रशिक्षण दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी से बिना मुलाकात किए ही दिल्ली रवाना हुए मोहन भागवत, लग रहीं अटकलें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.