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इस योजना के पूरा होते ही बदल जाएगी बनारस की तस्वीर, जानिए इसके बारे में - urban ropeway project Banaras

बनारस में देश की पहली अर्बन रोपवे परियोजना ने भी रफ्तार पकड़ ली है. फर्स्ट के बाद अब कैंट स्टेशन से नमो घाट तक जल्द ही रोपवे के सफर की भी तैयारी शुरू हो गई है. इससे बनारस की तस्वीर ही बदल जाएगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 1:45 PM IST

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में रोपवे का सपना देखा है. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हाल ही में बनारस लाई गई गोंडोला ट्राली को लॉन्च भी कर दिया है. इसका प्रचार प्रसार भी शुरू हो गया है. दशाश्वमेध घाट समेत अन्य पर इसे सेल्फी प्वाइंट के रूप में बनाया गया है, ताकि लोग इसके आगे खड़े होकर तस्वीर ले सकें. इन सब के अलावा देश की पहली अर्बन रोपवे परियोजना ने भी रफ्तार पकड़ ली है. फर्स्ट के बाद अब कैंट स्टेशन से नमो घाट तक जल्द ही रोपवे के सफर की भी तैयारी शुरू हो गई है. इससे बनारस की तस्वीर ही बदल जाएगी.

बनाए जाएंगे पांच रोपवे स्टेशन

रोपवे का काम कर रही कार्यदाई संस्था एनएचएलएमएल की तरफ से फर्स्ट फेज के काम को तो आगे बढ़ाया ही जा रहा है, दूसरे फेज के काम का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है. जिसमें पांच स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके डीपीआर का अध्ययन भी शुरू हो चुका है. इस बारे में कार्यकारी कंपनी की प्रबंधक पूजा मिश्रा का कहना है कि पहले चरण में दो अलग-अलग हिस्से में इसे विभाजित किया गया है. पहले हिस्से में कैंट से विद्यापीठ तक, जबकि दूसरे हिस्से में गोदौलिया से रथयात्रा तक का प्रोजेक्ट है. इसमें दो रोपवे स्टेशन बनाकर लगभग तैयार हो चुके हैं. टावर और रस्सी समेत कई कार्य शुरू होने वाले हैं. मई के अंत तक मोनोकेबल गोंडोला का ट्रायल लाइन भी किया जा सकता है. कहना है कि प्रथम चरण के दूसरे हिस्से में गोदौलिया से काम शुरू करने के लिए प्रशासन प्लानिंग कर रहा है.

अब यह है तैयारी

बताया कि टेक्निकल बेसिस पर पूरी डिटेल जुटाई जा रही है. जिसके लिए विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है. वाराणसी विकास प्राधिकरण और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के इंजीनियर सेकंड फेज के रूट का अध्ययन करने के साथ ही इसकी लागत भी बना रहे हैं. इसमें फर्स्ट पेज के पहले स्टेशन के रूप में कैंट रेलवे स्टेशन, सेकंड में वाराणसी का रोडवेज यानी बस अड्डा, थर्ड में चौकाघाट इसके बाद वाराणसी सिटी स्टेशन और फिर नमो घाट को शामिल किया जा सकता है. हालांकि यह अभी प्रारंभिक स्टेज का प्लान है और जल्द ही सर्वे के बाद इस पर काम भी शुरू हो सकता है.

ये होगा खास

-देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में काशी का रोपवे होगा खास.
-इसकी गोंडोला ट्राली से करीब 50 मीटर की ऊंचाई से यात्रा में काशी दर्शन होगा.
-ट्राली में यात्रियों को भजन भी सुनाई देगा.
- रोपवे की यात्रा कम समय संग पॉल्यूशन फ्री होगी रोपवे से वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर के पास गोदौलिया तक की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी.

यह है प्लान

-रोपवे का निर्माण 807 करोड़ से किया जा रहा है.
-रोप वे के पहले सेक्शन में कैंट, भारत माता मंदिर और रथयात्रा में प्लेटफार्म का काम अंतिम चरण में है
- हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गंडोला उपलब्ध रहेगा.
- एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे.
- गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुँचने में लगभग 16 मिनट लगेगा.
- लगभग 45 से 50 मीटर की ऊंचाई से क़रीब 150 ट्रॉली कार चलेगी.
- एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें : रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ और माता गौरा पहनेंगी बंगीय देवकिरीट, बंगाल के कारीगरों ने किया है तैयार

यह भी पढ़ें : शिक्षक निकला शैतान; अबॉर्शन करने से मना करने पर कोचिंग संचालक ने छात्रा को दी दर्दनाक मौत, ट्रेन में मिली लाश का सनसनीखेज खुलासा

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में रोपवे का सपना देखा है. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हाल ही में बनारस लाई गई गोंडोला ट्राली को लॉन्च भी कर दिया है. इसका प्रचार प्रसार भी शुरू हो गया है. दशाश्वमेध घाट समेत अन्य पर इसे सेल्फी प्वाइंट के रूप में बनाया गया है, ताकि लोग इसके आगे खड़े होकर तस्वीर ले सकें. इन सब के अलावा देश की पहली अर्बन रोपवे परियोजना ने भी रफ्तार पकड़ ली है. फर्स्ट के बाद अब कैंट स्टेशन से नमो घाट तक जल्द ही रोपवे के सफर की भी तैयारी शुरू हो गई है. इससे बनारस की तस्वीर ही बदल जाएगी.

बनाए जाएंगे पांच रोपवे स्टेशन

रोपवे का काम कर रही कार्यदाई संस्था एनएचएलएमएल की तरफ से फर्स्ट फेज के काम को तो आगे बढ़ाया ही जा रहा है, दूसरे फेज के काम का सर्वे भी शुरू कर दिया गया है. जिसमें पांच स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके डीपीआर का अध्ययन भी शुरू हो चुका है. इस बारे में कार्यकारी कंपनी की प्रबंधक पूजा मिश्रा का कहना है कि पहले चरण में दो अलग-अलग हिस्से में इसे विभाजित किया गया है. पहले हिस्से में कैंट से विद्यापीठ तक, जबकि दूसरे हिस्से में गोदौलिया से रथयात्रा तक का प्रोजेक्ट है. इसमें दो रोपवे स्टेशन बनाकर लगभग तैयार हो चुके हैं. टावर और रस्सी समेत कई कार्य शुरू होने वाले हैं. मई के अंत तक मोनोकेबल गोंडोला का ट्रायल लाइन भी किया जा सकता है. कहना है कि प्रथम चरण के दूसरे हिस्से में गोदौलिया से काम शुरू करने के लिए प्रशासन प्लानिंग कर रहा है.

अब यह है तैयारी

बताया कि टेक्निकल बेसिस पर पूरी डिटेल जुटाई जा रही है. जिसके लिए विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है. वाराणसी विकास प्राधिकरण और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के इंजीनियर सेकंड फेज के रूट का अध्ययन करने के साथ ही इसकी लागत भी बना रहे हैं. इसमें फर्स्ट पेज के पहले स्टेशन के रूप में कैंट रेलवे स्टेशन, सेकंड में वाराणसी का रोडवेज यानी बस अड्डा, थर्ड में चौकाघाट इसके बाद वाराणसी सिटी स्टेशन और फिर नमो घाट को शामिल किया जा सकता है. हालांकि यह अभी प्रारंभिक स्टेज का प्लान है और जल्द ही सर्वे के बाद इस पर काम भी शुरू हो सकता है.

ये होगा खास

-देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस के रूप में काशी का रोपवे होगा खास.
-इसकी गोंडोला ट्राली से करीब 50 मीटर की ऊंचाई से यात्रा में काशी दर्शन होगा.
-ट्राली में यात्रियों को भजन भी सुनाई देगा.
- रोपवे की यात्रा कम समय संग पॉल्यूशन फ्री होगी रोपवे से वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर के पास गोदौलिया तक की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी.

यह है प्लान

-रोपवे का निर्माण 807 करोड़ से किया जा रहा है.
-रोप वे के पहले सेक्शन में कैंट, भारत माता मंदिर और रथयात्रा में प्लेटफार्म का काम अंतिम चरण में है
- हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गंडोला उपलब्ध रहेगा.
- एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे.
- गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुँचने में लगभग 16 मिनट लगेगा.
- लगभग 45 से 50 मीटर की ऊंचाई से क़रीब 150 ट्रॉली कार चलेगी.
- एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं.

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