रायपुर : छत्तीसगढ़ में राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की तैयारियों को लेकर ट्रेनिंग शुरु कर दी है. रायपुर ने न्यू रेस्ट हाउस में राज्य निर्वाचन आयोग ने काउंटिंग आब्जर्वर की ट्रेनिंग करवाई.इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने की. कंगाले ने कहा कि मतगणना प्रेक्षक (काउंटिंग ऑब्जर्वर) की भूमिका मतगणना के दौरान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है.
छत्तीसगढ़ के 56 अफसरों को मिली जिम्मेदारी : कंगाले ने ट्रेनिंग के दौरान बताया कि मतगणना संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया का अंतिम पड़ाव है. इसलिए सभी की नजर मतगणना की प्रक्रिया पर केंद्रित होती है. आपको बता दें कि आगामी 4 जून को होने वाली मतगणना के लिए छत्तीसगढ़ के 56 अधिकारियों को देश के निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना प्रेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के 20 और राज्य प्रशासनिक सेवा के 36 अफसर शामिल हैं.
''मतगणना के दौरान मतगणना प्रेक्षक की भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को मतगणना की सभी पहलुओं की बारीकी से जानकारी होनी चाहिए. मतगणना केंद्र पर पारदर्शी ढंग से मतगणना की प्रक्रिया पूर्ण हो, इसके लिए मतगणना प्रेक्षक को निष्पक्ष और सभी प्रक्रियाओं से संबंधित जानकारी से लैस होना चाहिए.''-रीना बाबासाहेब कंगाले, CEO, राज्य निर्वाचन आयोग
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर यू.एस. अग्रवाल, विनय अग्रवाल और रुपेश कुमार वर्मा ने मतगणना स्थल पर प्रेक्षक की भूमिका, ईटीपीबीएस एवं डाक मतपत्रों की गणना, ईवीएम से मतगणना संबंधी सभी बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी. मास्टर ट्रेनर्स ने मतगणना हॉल में कितने टेबल लगाए जाने हैं, टेबल किस प्रकार लगाए जाने हैं, प्रत्याशी, उनके अधिकृत प्रतिनिधि और मतगणना अभिकर्ता कितने होंगे, किन स्थानों पर बैठेंगे, वीवीपैट की गणना के लिए कौन सा टेबल निर्धारित किया जाए, डाक मतपत्रों की गणना कहां हो, कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है ऐसी कई बातों को साझा किया गया. ट्रेनिंग सेशन में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नीलेशकुमार महादेव क्षीरसागर और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ अफसर भी मौजूद थे.