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भोरमदेव महोत्सव का रंग रहेगा फीका, अनुमति मिलने में हुई देरी, ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में लगता है मेला - Bhoramdev Mahotsav 2024

कवर्धा भोरमदेव महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरणों में है.निर्वाचन आयोग से अनुमति मिलने में देरी के कारण कार्यक्रम की तैयारी तय समय में नहीं हो सकी.वहीं जब अनुमति मिली है तो आनन फानन में तैयारी पूरी की जा रही है.

Bhoramdev Mahotsav 2024
भोरमदेव महोत्सव का रंग रहेगा फीका
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 6, 2024, 6:21 PM IST

कवर्धा : छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक धरोहर में से एक ऐतिहासिक भोरमदेव मंदिर में निर्वाचन आयोग ने महोत्सव की अनुमति दे दी है. शुक्रवार को मिली अनुमति के बाद प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारी करनी शुरु कर दी है.ऐसा पहली बार हुआ जब आचार संहिता के कारण कार्यक्रम को अनुमति मिलने में देर हुई हो.आपको बता दें कि भोरमदेव महोत्सव के लिए जिला प्रशासन को 15 दिन पहले से ही तैयारी करनी पड़ती है.लेकिन अनुमति मिलने में देरी के कारण अब आनन-फानन में तैयारी की जा रही है.

कब हुई थी महोत्सव की शुरुआत : भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 2002 में तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि बोरा ने की थी. कार्यक्रम आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग भोरमदेव महोत्सव आयोजन समिति, जिला प्रशासन, भोरमदेव तीर्थ प्रबंधकारिणी समिति और जनसहयोग से होता है.शुरुआत के दिनों में इस कार्यक्रम को तीन दिनों तक किया जाता था. कार्यक्रम में बॉलीवुड के बड़े-बड़े सिंगर, कॉमेडियन और कत्थक नृत्य छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय कलाकार छत्तीसगढ़ी सिंगर स्कूली बच्चे और आदिवासी बैगा नृत्य स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देते थे. लेकिन धीरे-धीरे कार्यक्रम सिमटता गया. साल 2024 में आचार संहिता के कारण अनुमति मिलने में देरी हुई है.लिहाजा अब महज औपचारिकता निभाई जाएगी.

दो दिवसीय मेले का होता है आयोजन : भोरमदेव मंदिर में साल में दो बार मेला का आयोजन किया जाता है. पहला महाशिवरात्रि में और दूसरा चैत्र कृष्ण तेरस के दिन होता है. इस बार ये तिथि 06 और 07 अप्रैल को है. कहा जाता है इन दोनों दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और जल अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इसलिए यहां श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं. यही कारण है कि दिन में मेला का आयोजन किया जाता है.इसके बाद रात में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

''कार्यक्रम की अनुमति देर शाम मिली है, जिसके चलते बहुत कम समय में कार्यक्रम आयोजित कराना है. प्रशासन की पूरी टीम तैयारी में जुटी हुई है.कार्यक्रम प्रस्तुति को लेकर जैसे ही फाइनल होता है जानकारी दी जाएगी.'' जनमेजय महोबे,कलेक्टर


जिला प्रशासन को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जैसे ही कार्यक्रम कराने आशा की चिट्ठी मिली जिला कलेक्टर जनमेजय मोहबे एसपी अभिषेक पल्लव अपने टीम के साथ देर रात कार्यक्रम स्थल पहुंचे . इस दौरान सभी विभागों को काम बांटा गया. आनन-फानन में तैयारियां शुरु हुईं. हालांकि इस तैयारी के बाद कलाकारों का कार्यक्रम कब होगा ये स्पष्ट नहीं है.

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कब हुई थी महोत्सव की शुरुआत : भोरमदेव महोत्सव की शुरुआत 2002 में तत्कालीन कलेक्टर सोनमणि बोरा ने की थी. कार्यक्रम आयोजन छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग भोरमदेव महोत्सव आयोजन समिति, जिला प्रशासन, भोरमदेव तीर्थ प्रबंधकारिणी समिति और जनसहयोग से होता है.शुरुआत के दिनों में इस कार्यक्रम को तीन दिनों तक किया जाता था. कार्यक्रम में बॉलीवुड के बड़े-बड़े सिंगर, कॉमेडियन और कत्थक नृत्य छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय कलाकार छत्तीसगढ़ी सिंगर स्कूली बच्चे और आदिवासी बैगा नृत्य स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देते थे. लेकिन धीरे-धीरे कार्यक्रम सिमटता गया. साल 2024 में आचार संहिता के कारण अनुमति मिलने में देरी हुई है.लिहाजा अब महज औपचारिकता निभाई जाएगी.

दो दिवसीय मेले का होता है आयोजन : भोरमदेव मंदिर में साल में दो बार मेला का आयोजन किया जाता है. पहला महाशिवरात्रि में और दूसरा चैत्र कृष्ण तेरस के दिन होता है. इस बार ये तिथि 06 और 07 अप्रैल को है. कहा जाता है इन दोनों दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और जल अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इसलिए यहां श्रद्धालु दूर दूर से आते हैं. यही कारण है कि दिन में मेला का आयोजन किया जाता है.इसके बाद रात में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

''कार्यक्रम की अनुमति देर शाम मिली है, जिसके चलते बहुत कम समय में कार्यक्रम आयोजित कराना है. प्रशासन की पूरी टीम तैयारी में जुटी हुई है.कार्यक्रम प्रस्तुति को लेकर जैसे ही फाइनल होता है जानकारी दी जाएगी.'' जनमेजय महोबे,कलेक्टर


जिला प्रशासन को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जैसे ही कार्यक्रम कराने आशा की चिट्ठी मिली जिला कलेक्टर जनमेजय मोहबे एसपी अभिषेक पल्लव अपने टीम के साथ देर रात कार्यक्रम स्थल पहुंचे . इस दौरान सभी विभागों को काम बांटा गया. आनन-फानन में तैयारियां शुरु हुईं. हालांकि इस तैयारी के बाद कलाकारों का कार्यक्रम कब होगा ये स्पष्ट नहीं है.

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