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महाशिवरात्रि पर नए रूप में दिखेगा प्राचीन गौरी शंकर मंदिर, दरवाजों पर चांदी चढ़ाने के साथ की जा रही ये व्यवस्थाएं

Ancient Gauri Shankar Temple Delhi: दिल्ली के प्राचीन गौरी शंकर मंदिर में महाशिवरात्रि पर भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. इस बार महाशिवरात्रि के पहले मंदिर को नया कलेवर देने की तैयारी चल रही है. इस बारे में मंदिर कमेटी के प्रबंधक ने विस्तार से बताया. आइए जानते हैं इन खास तैयारियों के बारे में..

ancient gauri shankar temple delhi
ancient gauri shankar temple delhi
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 7, 2024, 6:14 AM IST

प्राचीन गौरी शंकर मंदिर महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू

नई दिल्ली: आगामी आठ मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व के मद्देनजर देशभर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसी कड़ी में दिल्ली के चांदनी चौक स्थित पुराने गौरी शंकर मंदिर को महाशिवरात्रि के पहले नया रूप दिया जा रहा है. इसके तहत मंदिर में लगे लोहे के जालों को हटाकर संगमरमर की सुंदर बड़े जाल लगाए जा रहे हैं. साथ ही मंदिर के आठ दरवाजों पर चांदी भी चढ़ाई गई है.

इस बारे में मंदिर की मैनेजिंग कमेटी 'दि मैनेजिंग कमेटी शिवाला आपा गंगाधर' के मैनेजर तेज प्रकाश ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी यहां धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. इससे पहले मंदिर की साज-सज्जा का काम चल रहा है. गुरुवार देर रात दो बजे से भक्तों के लिए मंदिर खुल जाएगा. वहीं, शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर में पूरे दिन भजन, कीर्तन आदि का आयोजन किया जाएगा. वहीं, चार पहर के चार अलग-अलग श्रृंगार किए जाएंगे और शिवालय को विभिन्न प्रकार के मेवे से भी सजाया जाएगा.

मंदिर में हर रोज लगता है भक्तों का तांता
मंदिर में हर रोज लगता है भक्तों का तांता

उन्होंने आगे बताया कि मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग तैयार किए जा रहे हैं, जिससे भक्त एक ही स्थान पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे. महाशिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर रात तक भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा. मंदिर में आने वाले दान का मैनेजिंग कमेटी सही इस्तेमाल कर रही है. कमेटी के प्रधान गोपाल सेठ, महामंत्री सुभाष गोयल और मेंबर बलराम गर्ग तन मन धन से मंदिर के विकास में जुटे हुए हैं.

मंदिर का इतिहास: गौरी शंकर मंदिर दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां शिवजी का अर्धनारीश्वर रूप देखने को मिलता है. मान्यता है कि मंदिर में कोई भक्त सच्चे मन से मनोकामना लेकर जाता है, तो वह जरूर पूरी होती है. सन् 1761 में मराठा सैनिक आपा गंगाधर ने इसके भवन का निर्माण करवाया था. इसके ऊपर एक पिरामिड बना हुआ है, जिसके नीचे मंदिर का नाम लिखा है. इसके बनने के कई दशक बाद, सेठ जयपुर द्वारा सन् 1959 में इसका पुनर्निर्माण करवाया गया. इस मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा के साथ माता पार्वती और उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं.

यह भी पढ़ें-महाशिवरात्रि 2024: श्री दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में विशेष तैयारी, मंदिर को फूल महल बनाने में जुटे वृंदावन के कारीगर

कैसे पहुंचे: अगर आप बस से चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर जाना चाहते है तो रूट 159, 166, 78, 901 समेत अनेक बसें जाती हैं. गूगल मैप के जरिए इन बसों की जानकारी ले सकते हैं. वहीं, मेट्रो से भी यहां पहुंचना आसान है. यह मंदिर लालकिला मेट्रो स्टेशन से कुछ कदम की दूरी पर ही है. इसके अलावा चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन से भी लोग आराम से यहां पहुंच सकते हैं. अगर ट्रेन से यात्रा करते हुए दिल्ली आ रहे हैं और गौरी शंकर मंदिर जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली है, जो मंदिर से मात्र 1.2 किलोमीटर दूर है.

यह भी पढ़ें-दिल्ली की सफाई के मुद्दे पर CM और LG आमने-सामने, मुख्य सचिव को तुरंत समाधान करने का आदेश

प्राचीन गौरी शंकर मंदिर महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू

नई दिल्ली: आगामी आठ मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व के मद्देनजर देशभर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसी कड़ी में दिल्ली के चांदनी चौक स्थित पुराने गौरी शंकर मंदिर को महाशिवरात्रि के पहले नया रूप दिया जा रहा है. इसके तहत मंदिर में लगे लोहे के जालों को हटाकर संगमरमर की सुंदर बड़े जाल लगाए जा रहे हैं. साथ ही मंदिर के आठ दरवाजों पर चांदी भी चढ़ाई गई है.

इस बारे में मंदिर की मैनेजिंग कमेटी 'दि मैनेजिंग कमेटी शिवाला आपा गंगाधर' के मैनेजर तेज प्रकाश ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी यहां धूमधाम से महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. इससे पहले मंदिर की साज-सज्जा का काम चल रहा है. गुरुवार देर रात दो बजे से भक्तों के लिए मंदिर खुल जाएगा. वहीं, शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर में पूरे दिन भजन, कीर्तन आदि का आयोजन किया जाएगा. वहीं, चार पहर के चार अलग-अलग श्रृंगार किए जाएंगे और शिवालय को विभिन्न प्रकार के मेवे से भी सजाया जाएगा.

मंदिर में हर रोज लगता है भक्तों का तांता
मंदिर में हर रोज लगता है भक्तों का तांता

उन्होंने आगे बताया कि मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग तैयार किए जा रहे हैं, जिससे भक्त एक ही स्थान पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे. महाशिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर रात तक भक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा. मंदिर में आने वाले दान का मैनेजिंग कमेटी सही इस्तेमाल कर रही है. कमेटी के प्रधान गोपाल सेठ, महामंत्री सुभाष गोयल और मेंबर बलराम गर्ग तन मन धन से मंदिर के विकास में जुटे हुए हैं.

मंदिर का इतिहास: गौरी शंकर मंदिर दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां शिवजी का अर्धनारीश्वर रूप देखने को मिलता है. मान्यता है कि मंदिर में कोई भक्त सच्चे मन से मनोकामना लेकर जाता है, तो वह जरूर पूरी होती है. सन् 1761 में मराठा सैनिक आपा गंगाधर ने इसके भवन का निर्माण करवाया था. इसके ऊपर एक पिरामिड बना हुआ है, जिसके नीचे मंदिर का नाम लिखा है. इसके बनने के कई दशक बाद, सेठ जयपुर द्वारा सन् 1959 में इसका पुनर्निर्माण करवाया गया. इस मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा के साथ माता पार्वती और उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेय की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं.

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कैसे पहुंचे: अगर आप बस से चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर जाना चाहते है तो रूट 159, 166, 78, 901 समेत अनेक बसें जाती हैं. गूगल मैप के जरिए इन बसों की जानकारी ले सकते हैं. वहीं, मेट्रो से भी यहां पहुंचना आसान है. यह मंदिर लालकिला मेट्रो स्टेशन से कुछ कदम की दूरी पर ही है. इसके अलावा चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन से भी लोग आराम से यहां पहुंच सकते हैं. अगर ट्रेन से यात्रा करते हुए दिल्ली आ रहे हैं और गौरी शंकर मंदिर जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली है, जो मंदिर से मात्र 1.2 किलोमीटर दूर है.

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