आगरा: दुनिया का आठवां अजूबा ताजमहल का हर कोई दीवाना है फिर चाहे भारतीय हो या विदेशी मेहमान. सभी के दिल में ताजमहल के दीदार की हसरत रहती है. देसी और विदेशी मेहमानों की इसी दीवानगी को भुनाकर अब आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) अपना खजाना भरना चाहता है. एडीए ने एक बार फिर ताजमहल की टिकट दर में इजाफे की तैयारी की है. इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है.
1966 से पहले थी फ्री एंट्री : दुनिया भर के देशों से जो भी पर्यटक भारत घूमने आते हैं, उनमें से 60 प्रतिशत से अधिक पर्यटक आगरा घूमने जरूर आते हैं. हर पर्यटक की ताजमहल दीदार की दिली हसरत रहती है. एएसआई के मुताबिक, सन् 1966 से पहले तक ताजमहल पर टिकट की कोई व्यवस्था नहीं थी. जब भारतीय और विदेशी पर्यटक बिना टिकट के ही ताजमहल का दीदार करते थे. सन् 1966 में पहली बार एएसआई ने ताजमहल के दीदार के लिए टिकट व्यवस्था लागू की. तब भारतीय और विदेशी पर्यटकों का ताजमहल में एंट्री टिकट 20 पैसे किया गया था. जो समय-समय पर बढता रहा. आज 59 साल में ताजमहल में एंट्री का टिकट 250 गुना बढ़ गया है. अब एडीए ने भारतीय पर्यटको के टिकट में 30 रुपये व विदेशी पर्यटकों के टिकट में 100 रुपये बढ़ाने की तैयारी की है, जबकि ताजमहल और उसके आस-पास सुविधाएं और व्यवस्थाएं बेहतर करने पर एडीए का कोई ध्यान नहीं है.
भारतीय और विदेशी पर्यटकों का ये था टिकट | |
साल | टिकट की कीमत |
1966 | 20 पैसे |
1969 | 50 पैसे |
1976 | 2 रुपये |
1995 | 10.50 रुपये |
1996 | 15 रुपये |
सन् 1976 तक देसी व विदेशी पर्यटक का टिकट दर था सामान्य : सन् 1966 के बाद समय-समय पर ताजमहल के टिकट के दर में बढ़ोतरी की गई. 20 पैसे से 50 पैसे की गई. सन् 1976 में टिकट दर बढ़कर 2 रुपये हो गई. लेकिन, दो रुपये के टिकट से तब भारतीय और विदेशी पर्यटक ताजमहल का दीदार करते थे. सन् 1995 और 1996 में ताजमहल की एंट्री टिकट में बदलाव किया गया. सन् 2000 तक ताजमहल में भारतीय और विदेशी पर्यटकों का टिकट एक सामान्य था.
2000 में टिकट की नई व्यवस्था लागू | ||
साल | भारतीय पर्यटक | विदेशी पर्यटक |
2000 | 15 रुपये | 505 रुपये |
2000 | 20 रुपये | 970 रुपये |
2001 | 20 रुपये | 750 रुपये |
2016 | 40 रुपये | 1000 रुपये |
2018 | 50 रुपये | 1100 रुपये |
2000 में बदली टिकट व्यवस्था : एएसआई ने सन् 2000 में ताजमहल की टिकटिंग व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया. एएसआई ने पहली बार भारतीय और विदेशी पर्यटकों की टिकट दर अलग-अलग की. एएसआई ने भारतीय पर्यटक के लिए एंट्री टिकट 15 रुपये रखा. मगर, विदेशी पर्यटक के लिए 505 रुपये का एंट्री टिकट किया था. इस तरह से भारतीय पर्यटकों की टिकट के मुकाबले विदेशी पर्यटकों की टिकट कई गुना बढ़ी. जिससे एएसआई के साथ ही आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) की कमाई भी बढ़ी. 28 अक्टूबर 2000 को एएसआई ने दोबारा से ताजमहल की टिकट व्यवस्था में बदलाव किया. तब भारतीय पर्यटकों का एंट्री टिकट 20 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए एंट्री टिकट 970 रुपये किया.
ताजमहल से कमाई | |
सन् | कमाई |
2016-17 | 49.16 करोड़ |
2017-18 | 56.56 करोड़ |
2018-19 | 77.90 करोड़ |
2019-20 | 97.11 करोड़ |
2020-21 | 9.53 करोड़ |
2021-22 | 25.61 करोड़ |
ताजमहल पर स्टेप टिकटिंग लागू : एएसआई ने 10 दिसंबर 2018 में ताजमहल के मुख्य मकबरे पर क्राउंड मैनेजमेंट के लिए स्टेप टिकटिंग की व्यवस्था लागू की. जिसके तहत पहली बार ताजमहल के मुख्य मकबरे पर जाने के लिए भारतीय व विदेशी पर्यटकों पर 200 रुपये का अतिरिक्त टिकट खरीदना पड़ता है. इसकी वजह से भारतीय पर्यटक अब 250 रुपये के टिकट पर ही मुख्य मकबरे तक जा सकते हैं. ऐसे ही विदेशी पर्यटकों की टिकट 1300 रुपये की है.
सुविधाएं और व्यवस्थाएं बेहतर की जाएं : वरिष्ठ टूरिस्ट गाइड नितिन सिंह ने बताया कि, ताजमहल का टिकट महंगा करने के साथ ही ताजमहल के आसपास के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं करनी चाहिए. पर्यटक जब सुबह ताजमहल देखने जाते हैं तो ताजगंज क्षेत्र में आवारा पशुओं की सबसे बड़ी समस्या रहती है. सड़कों पर गोबर पड़ा होता है. सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं है. बंदरों का भी उत्पात रहता है. ऐसे में पर्यटकों की बेहतर सुविधा के लिए ताजगंज प्रोजेक्ट के क्षतिग्रस्त रोड को बेहतर किया जाए. सफाई की बेहतर व्यवस्था की जाए. क्योंकि, ताजमहल के साथ ही ताजगंज क्षेत्र भी बेहद खास है. यहां पर बेहतर व्यवस्था और सुविधाएं होनी चाहिए.
टिकट का दाम बढ़ रहा, सुविधाएं कम हो रहीं : एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन बताते हैं कि पहले ताजमहल में फ्री एंट्री थी. बचपन में बिना टिकट ताजमहल घूमे. एएसआई ने सबसे पहले ताजमहल के गार्डन रख रखाव के लिए लगाया गया था. धीरे-धीरे ताजमहल का टिकट बढ़ता गया. इसके बाद भी हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. एएसआई के लिए ये सोने की अंडा देनी वाली मुर्गी है. देश में एकमात्र स्मारक ताजमहल है, जहां पर स्थानीय अथॉरिटी भी टिकट ले रही है. ताजमहल पर कैंटीन थी, वो बंद हो गई. स्मारक छोटा होता चला जा रहा है. शाही मस्जिद में एंट्री बंद कर दी. मुसाफिरखाना पर पाबंदी लगा दी. शाहजहां की दो पत्नी पफतेहपुरी बेगम और कंधारी बेगम के स्मारक बंद कर दिए. पर्यटकों के लिए सुविधाएं कम होती गईं. अभी तक ताजमहल को वन वे व्यवस्था नहीं की गई है. जिससे भी पर्यटकों को परेशानी होती है.
कंपोजिट टिकट व्यवस्था लागू करें : टूरिज्म गिल्ड के अध्यक्ष राजीव सक्सेना बताते हैं कि, एएसआई और एडीए को वीकएंड या पब्लिक होली डे पर ताजमहल पर विजिटर क्राउंड मैंनेजमेंट को लेकर काम करना चाहिए. वीकएंड पर विजिटर्स की संख्या अधिक होती है. ऐसे में विजिटर्स की सुविधा के लिए एक ही स्मारक पर दूसरे स्मारक के टिकट मिले. जिससे उन्हें हर स्मारक पर टिकट के लिए लाइन में नहीं लगना होगा, जिससे समय की बचत होगी. इसके लिए हर स्मारक पर कंपोजिट एंट्री टिकट की व्यवस्था लागू की जाए. इसके साथ ही एंट्री गेटों पर भी बेहतर सुविधाएं की जाएं. इसके साथ ही हर स्मारक पर सुविधाजनक पार्किंग की व्यवस्था की जाए.
शासन की अनुमति पर लागू होंगी नई दरें : एडीए सचिव श्रद्धा शांडिल्यायन का कहना है कि, ताजमहल और अन्य स्मारकों पर पर्यटकों की सुविधा के लिए तमाम कार्य किए जा रहे हैं. इसके चलते ही पथकर वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजा है. शासन से प्रस्ताव पर सहमति मिली तो ताजमहल पर एंट्री टिकट की नई दरें लागू होंगी. इसके साथ ही शासन से फतेहपुर सीकरी, एत्माउद्दौला, सिकंदरा व आगरा किला पर भी एकल टिकट व्यवस्था लागू करने की अनुमति मांगी है.
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