लखनऊ : माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश लाने के लिए दो वर्षों तक रस्साकशी चली. आखिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे अप्रैल 2021 को यूपी लाया जा सका. अब मुख्तार की ही राह पर उसका चेला जुगनू वालिया चलता दिख रहा है, जो यूपी पुलिस की टॉप 65 अपराधियों की लिस्ट में शुमार है. लखनऊ में उसे कोर्ट ने एक मामले में सजा भी सुना दी है, बावजूद इसके वह महज आर्म्स एक्ट के तहत पंजाब की जेल में बंद है, इस बार लखनऊ पुलिस जुगनू को लाने के लिए मजबूत पैरवी करने की तैयारी कर रही है, ठीक उसी तरह जैसे मुख्तार को यूपी लाया गया था.
मुख्तार को अपना गुरु कहने वाला जुगनू वालिया यूपी पुलिस की टॉप 65 अपराधियों की लिस्ट में शामिल है. उसके खिलाफ लखनऊ के अलग-अलग थानों में हत्या, जानलेवा हमले, रंगदारी, लूट समेत करीब 20 मुकदमे दर्ज हैं. लखनऊ के आलमबाग स्थित एक होटल के मालिक जसविंदर सिंह रोमी की 27 अक्टूबर 2021 को हत्या कर दी गई थी. इस मामले में जुगनू आरोपी है और उसके बाद से ही वह फरार था. दो वर्ष तक पंजाब में छुपे रहने के बाद जब उसके सभी अड्डे लखनऊ पुलिस ने खंगाल लिए तब यूपी पुलिस की आंख में धूल झोंक आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार हो गया और पंजाब की पटियाला जेल में बंद है.
वर्ष 2011 के एक केस में बीते दिनों लखनऊ की एक कोर्ट ने जुगनू वालिया को दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने कई बार लखनऊ पुलिस को जुगनू को पेश करने के लिए आदेश दिए थे, जिसके बाद पुलिस कई बार पंजाब गई लेकिन हर बाद जेल प्रशासन ने तबीयत खराब का हवाला देते हुए जुगनू को भेजने से इंकार कर दिया, हालांकि अब जब जुगनू को इस मामले में सजा हो चुकी है और अन्य 10 से अधिक मामलों का ट्रायल चलाने के लिए लखनऊ पुलिस ने जुगनू वालिया को लखनऊ लाने के लिए विधिक राय लेने के साथ ही वरिष्ठ अफसरों की एक टीम बनाई है.
इस मामले में जुगनू को हुई है सजा : 9 मार्च 2011 को दीपेंद्र सिंह दीपा ने लखनऊ के आलमबाग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. जिसके अनुसार, वह रात साढ़े नौ बजे अपने घर के दरवाजे के पास खड़े होकर अपने पड़ोसी से बात कर रहे थे. उसी दौरान जुगनू वालिया स्कूटर से उसके घर के सामने आकर रुका और हाथ में लिए बंदूक से उसके ऊपर फायर कर दिया. हमले के बाद उन्होंने घर के अंदर भाग कर अपनी जान बचाई. हालांकि इस दौरान उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसी मामले में विशेष न्यायधीश पीसी एक्ट पंचम की कोर्ट ने जुगनू को रंगदारी मांगने पर न देने के चलते तोड़फोड़ करने पर दो वर्ष की कारावास और पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी.
पैसों को पानी की तरह बहाने का लगाया था आरोप : पंजाब में कैप्टन सरकार गिरने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुलासा किया था कि मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में ऐशो आराम देने और उसे यूपी न जाने देने के लिए तत्कालीन कैप्टन सरकार ने पैसों को पानी को तरह बहाया था, लेकिन खुद भगवंत मान की सरकार में यूपी के टॉप अपराधियों की लिस्ट में शुमार मुख्तार के गुर्गे जुगनू वालिया को वहां की जेल में पनाह देने का आरोप लग रहा है.
पंजाब की AGTF ने किया था जुगनू को गिरफ्तार : रेस्टोरेंट के संचालक जसविंदर सिंह रोमी की हत्या करने के बाद जुगनू वालिया लखनऊ पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर पंजाब भाग गया था. लखनऊ पुलिस ने कई बार पंजाब में छापेमारी की, लेकिन वह उनके हाथ नहीं लग सका. 6 मई 2023 को पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने उसे खार से गिरफ्तार किया था. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने यह माना था कि वह मुख्तार का गुर्गा है और यूपी पुलिस का मोस्टवांटेड अपराधी है. इसके बाद उसे पंजाब की रूप नगर जेल भेजा गया था, जिसके बाद सेटिंग कर जुगनू जेल बदलवाते हुए पटियाला जेल आ गया.
लखनऊ में 20 तो पंजाब में सिर्फ 1 मुकदमा दर्ज : राजधानी में हरविंद्र सिंह उर्फ जुगनू वालिया के खिलाफ 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि पंजाब में उसके खिलाफ 6 मई को गिरफ्तारी के वक्त अवैध पिस्टल और विदेशी मुद्रा रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस बी वारंट लेकर पटियाला सीजेएम कोर्ट पहुंची, जहां जुगनू वालिया को लखनऊ भेजने के लिए निर्देशित किया गया, लेकिन अब तक उसे लखनऊ नहीं भेजा गया. माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी व पटियाला जेल में बंद जुगनू वालिया ने आलमबाग के चंदर नगर में चिकचिक रेस्टोरेंट के संचालक जसविंदर सिंह उर्फ रोमी की हत्या की साजिश रची थी. 27 अक्टूबर 2021 की रात जुगनू वालिया के शूटरों ने जसविंदर को उनके रेस्टोरेंट में ही गोलियों से भून डाला था. पुलिस हत्या में प्रयुक्त असलहा भी बरामद कर चुकी है. चार्जशीट सिर्फ जुगनू वालिया के कारण कोर्ट में दाखिल नहीं हो पा रही थी. जुगनू वालिया का नाम हत्या में आते ही पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी थी. कुर्की की कार्रवाई भी की थी. उसके आलमबाग मकान की कुर्की हुई थी.
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जुगनू को भी अब कोर्ट की मदद से लखनऊ लाएगी पुलिस : डीसीपी ईस्ट लखनऊ शशांक सिंह ने बताया कि, जुगनू वालिया को कई बार लखनऊ लाने के लिए पंजाब पुलिस और जेल प्रशासन से पत्राचार किया गया था, लेकिन अलग-अलग कारणों के चलते जुगनू को लखनऊ पुलिस को सौंपा नहीं गया था. अब जब उसे एक केस में कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई है और हत्या समेत कई अहम मुकदमों में कोर्ट में ट्रायल होना है, तब इस स्थिति में जुगनू वालिया को पंजाब से लखनऊ लाने के लिए कोर्ट का सहारा लिया जा रहा है. डीसीपी ने बताया कि, लखनऊ पुलिस सर्वोच्च न्यायालय तक पैरवी कर अभियुक्त जुगनू को लखनऊ लाएगी.