अयोध्या : रामनगरी के मठ मन्दिरों में गुरु शिष्य पारंपरिक महोत्सव गुरु पूर्णिमा को बड़े ही भव्यता के साथ मनाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है. अयोध्या के संत महंतों के द्वारा शिष्यों को गुरु पूर्णिमा का आमंत्रण पत्र भी घर-घर पहुंचाया जा रहा है.
अयोध्या के मठ मंदिरों को फूलों से सजाए जाने के लिए कई कुंतल से अधिक फूलों का ऑर्डर भी संतों ने दे दिया है. 21 जुलाई को अयोध्या के हर मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा तो वहीं इस उत्सव में शामिल होने के लिए इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद भी जताई जा रही है, जिसको लेकर सभी मंदिरों के द्वारा यात्रियों के रुकने और भोजन की व्यवस्था बनाई जा रही है.
अयोध्या में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है. यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है, जिसे आज भी बड़े विधि विधान पूर्वक निभाया जाता है. इस मौके पर लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु सुबह नदी में स्नान करते हैं. उसके बाद मठ मंदिरों में पूजन-अर्चन कर अपने गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वाह करते हैं. गुरु पूर्णिमा के दिन हर भक्त अपने गुरु की पूजा करने के लिए दूर दराज से अयोध्या पहुंचते हैं और अपने साथ आरती की थाली, फल, मिष्ठान और अंग वस्त्र को अपने गुरु को समर्पित करते हैं.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो इस वर्ष यह उत्सव और भी भव्य होने वाला है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए हैं और इस उत्सव के माध्यम से बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि भक्तों को इस उत्सव की जानकारी देने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा गया है. बहुत से भक्त इस उत्सव से वंचित रह जाते हैं, लेकिन इस बार यह उत्सव बड़े ही भव्यता के साथ हो इसके लिए पहले से ही शिष्यों को इसकी जानकारी दी जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंच सकें.
बाबू मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े ही भव्यता के साथ मंदिर में मनाया जाता है. मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जाएगा और आने वाले भक्तों को प्रसाद का वितरण होगा.
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