मथुराः वृंदावन में कांग्रेस नेता अजय राय प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लेने पहुंचे. इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने कहा कि निराश मत हों, एक न एक दिन विजय जरूर मिलेगी.
वृंदावन में कांग्रेस नेता अजय राय प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लेने पहुंचे. इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपने कर्तव्य में प्रधान बुद्धि रखें. राष्ट्र सेवा की भावना रखें. विश्वनाथ जी तो हैं ही. न कभी प्रलोभन न कभी भय, बस अपने राष्ट्र सेवा के पथ पर चलिए. विजय और पराजय इन दोनों से दूर होकर राष्ट्र सेवा के पथ पर चलिए. भाव में यदि पराजित हो गए तो सबकुछ पराजित हो जाएगा. आपका भाव यदि पराजित हो जाएगा तो आप पराजित हो जाएंगे. जो कभी टूटता नहीं, जो कभी उदास नहीं होता, अपने कर्तव्य पर दृढ़ रहता है उसे एक दिन विजयश्री जरूर मिलती है. विश्वनाथजी की फोटो निहारते हुए प्रेमानंद महाराज बोले विश्वनाथ जी तो हैं न.
फिर उन्होंने कहा कि ऐसा लगा कि आप ही विश्वनाथजी के पार्षद हैं. विश्वनाथ जी ने भेजा है आपको. कोई कामयाबी न मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कभी दिन है तो कभी रात आती है. रात है तो दिन आएगा. आप उस समय के चक्र में हताश मत होइए. एक समय होता है. वह समय जब घूमकर आपके सामने आएगा तो आपको कोई पराजित नहीं कर पाएगा. आप पुनः प्रयास कीजिए, हो सकता है प्रभु फिर कोई सेवा देना चाहते हैं. अंत में प्रेमानंद महाराज ने श्रीजी की चुनरी आशीर्वाद के रूप में अजय राय को दी. अजय राय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यह वीडियो साझा करते हुए स्वामी प्रेमानंद को शत-शत नमन किया.
मोदी के सामने तीसरी बार लड़ रहे राय
बताते चलें कि वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को प्रत्याशी बनाया है. राय को तीसरी बार यहां से टिकट दिया है. वह मोदी के खिलाफ साल 2014 और 2019 में वाराणसी से चुनाव लड़ चुके हैं. मोदी यहां से लगातार दो बार 2014 और 2019 में इस सीट से चुनाव लड़कर जीत चुके हैं. इससे पहले 1991 से ही बीजेपी वाराणसी में काबिज है. केवल 2004 में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार राजेश मिश्रा इस सीट पर चुनाव जीतने में सफल रहे थे.
इस बार सपा-कांग्रेस का गठबंधन
कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन होने से वाराणसी सीट पर प्रधानमंत्री मोदी को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा. इन नेताओं का कहना है कि मौजूदा समय में वाराणसी की जाति समीकरण की बात करें तो यहां कुर्मी समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. विशेष तौर पर रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा में कुर्मी मतदाता काफी संख्या में है. इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहारों की भी संख्या अच्छी खासी तादात में है. वाराणसी के लिए वैश्य, यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या जीत के लिए निर्णायक साबित होती है. यहां पर तीन लाख से ज्यादा गैर यादव वोटर है. दो लाख से ज्यादा वोटर कुर्मी जाति के हैं. दो लाख वैश्य वोटर है. डेढ़ लाख भूमिहार वोटर है. इसके अलावा वाराणसी में एक लाख यादव और एक लाख अनुसूचित जाति के वोटर है. ऐसे में कांग्रेस इस बार प्रधानमंत्री मोदी के सामने मजबूती से चुनाव लड़ेगी.