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प्रयागराज में आयोजित किसान चिंतन शिविर में उठी लखनऊ में आंदोलन के लिए आवाज, जानिए वजह - राष्ट्रीय अधिवेशन किसान यूनियन

प्रयागराज में भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) अराजनैतिक का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सोमवार को संपन्न हुआ. इस दौरान किसानों की नौ सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई गई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 29, 2024, 9:00 PM IST

प्रयागराज में आयोजित किसान चिंतन शिविर में गूंजी किसानों की मांगें.

प्रयागराज : त्रिवेणी संगम तट पर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन सोमवार को संपन्न हो गया. राष्ट्रीय अधिवेशन में देश और उत्तर प्रदेश के किसानों की दशा और दिशा पर विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान किसानों ने नौ सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखीं और ऐलान किया कि 15 दिन के अंदर सरकार अगर हमारी मांग नहीं मानी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर राजेश सिंह चौहान ने कहा कि देश का किसान दिन रात मेहनत कर रहा है. लेकिन, उसकी उपज का उसे भुगतान या उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नौ सूत्री मांगों की चर्चा की. इसमें प्रमुख रूप से आवारा पशुओं के कारण किसानों को हो रही जानमाल की हानि, सभी ग्राम पंचायतों में पशु समिति का गठन कर पशु रजिस्टर बनाने, गौशाला निर्माण योजना, निजी नलकूपों में सामान्य योजना के तहत कनेक्शन, नए बिजलीघरों का निर्माण आदि हैं. इसके अलावा गन्ना किसानों को ₹50 प्रति क्विंटल का बोनस और सभी तरह की यूरिया सामान्य नीम कोटेड और सल्फर कोटेड आपूर्ति किसानों की मांग के आधार पर की जाए.

संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि चिंतन शिविर में किसानों की अन्य कई समस्याओं पर भी विमर्श किया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समस्याओं को सरकार के सामने रखकर उनसे निस्तारण करने का भरोसा दिलाया गया. चिंतन शिविर में नौ सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन सरकार को सौंपा गया है. अगर इन नौ मांगों को सरकार 15 दिन के अंदर नहीं मानती है या इस पर अपने विचार किसानों के बीच नहीं लाती है तो लखनऊ में किसानों का बड़ा आंदोलन होगा.

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संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर राजेश सिंह चौहान ने कहा कि देश का किसान दिन रात मेहनत कर रहा है. लेकिन, उसकी उपज का उसे भुगतान या उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नौ सूत्री मांगों की चर्चा की. इसमें प्रमुख रूप से आवारा पशुओं के कारण किसानों को हो रही जानमाल की हानि, सभी ग्राम पंचायतों में पशु समिति का गठन कर पशु रजिस्टर बनाने, गौशाला निर्माण योजना, निजी नलकूपों में सामान्य योजना के तहत कनेक्शन, नए बिजलीघरों का निर्माण आदि हैं. इसके अलावा गन्ना किसानों को ₹50 प्रति क्विंटल का बोनस और सभी तरह की यूरिया सामान्य नीम कोटेड और सल्फर कोटेड आपूर्ति किसानों की मांग के आधार पर की जाए.

संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि चिंतन शिविर में किसानों की अन्य कई समस्याओं पर भी विमर्श किया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समस्याओं को सरकार के सामने रखकर उनसे निस्तारण करने का भरोसा दिलाया गया. चिंतन शिविर में नौ सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन सरकार को सौंपा गया है. अगर इन नौ मांगों को सरकार 15 दिन के अंदर नहीं मानती है या इस पर अपने विचार किसानों के बीच नहीं लाती है तो लखनऊ में किसानों का बड़ा आंदोलन होगा.

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