प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रक्षा प्रतिष्ठानों के बाहर लगाए जाने वाले चेतावनी साइन बोर्ड पर आपत्ति जताई है. कोर्ट ने कहा कि इन बोर्ड पर 'देखते ही गोली मार दी जाएगी', 'अतिक्रमण करने वालों को गोली मार दी जाएगी' जैसे वाक्य लिखना उचित नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के संदेश बच्चों पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं. लिहाजा सरकार को सख्त चेतानियों के लिए हल्के शब्दों का प्रयोग करना चहिए. नेपाली नागरिक एतवीर लिम्बू की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने यह टिप्पणी की.
याची 23 फरवरी 2024 को सुबह 4.30 बजे प्रयागराज के वायुसेना स्टेशन मनौरी में लोहे की ग्रिल पारकर सेना क्षेत्र में घुस रहा था. वह पकड़ा गया. उस पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची का स्थायी पता पचरुखी, जिला इटहरी, नेपाल है. वह बहुत गरीब परिवार से है और अनपढ़ है. वह अपने पड़ोसी सूरज मांझी के कहने पर नौकरी के उद्देश्य से भारत आया था. नैनी स्टेशन के पास रुका हुआ था. अनजाने में, बिना किसी दुर्भावना के वह प्रयागराज के मनौरी वायुसेना स्टेशन पहुंच गया. नशे की हालत में वह वायुसेना स्टेशन में घुस गया.
उन्होंने आगे कहा कि याची का मनौरी वायुसेना स्टेशन परिसर में प्रवेश करने का कोई गलत इरादा नहीं था. उसके पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई है. उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. वह 24 फरवरी 2024 से जेल में है. सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि याची प्रतिबंधित क्षेत्र में चुपके से घुस रहा था. उसने चेतावनी बोर्ड की अनदेखी की. इस पर कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के चेतावनी बोर्ड अपत्तिजनक हैं, जिनमें देखते ही गोली मारने की चेतावनी लिखी है. कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन व दलील सुनने के बाद जमानत पर सशर्त रिहा करने का आदेश दिया.
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