प्रयागराज: महाकुंभ के आयोजन से पहले ही मेला क्षेत्र में बाबाओं के अनेकों रंग देखने को मिल रहे हैं. इन दिनों सोनभद्र से अमरजीत उर्फ अनाज वाले बाबा सुर्खियां बटोर रहे हैं. बता दें कि अनाज वाले बाबा पिछले 5 सालों से अपने सिर पर कई तरह के अनाज उगा रहे हैं. इसी वजह से इनका नाम अनाज वाले बाबा रखा गया है.
पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के साथ ही देश में शांति बनी रहे, इसके लिए बाबा ने अपने सिर पर ही खेती कर डाली. अनाज वाले बाबा ने बताया कि वह हठ योगी है. हठयोगी बनना आसान नहीं है. विश्व शांति, विश्व कल्याण के साथ ही जिस तरीके से पेड़ों की कटाई हो रही है, उससे आहत होकर उन्होंने यह संकल्प लिया. बाबा बताते है जहां कहीं भी वह जाते हैं हरियाली का संदेश देते हैं. इन्होंने अपने सिर पर चना, गेहूं, बाजरा फसलों को लगाया है.
सिर पर फसल उगाने वाले बाबा का कहना है कि वह मटर, धान ,गेहूं भी उगा चुके हैं. समय-समय पर वह सिर पर पानी डाल कर फसल को मजबूती देते हैं. जो भी श्रद्धालु उनके पास आता है वह चावल देकर उनको आशीर्वाद देते हैं. मेला क्षेत्र में आ रहे श्रद्धालु भी अनाज वाले बाबा को देख कर हैरान है कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति अपने सिर पर फसल उगा सकता है.
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अनाज वाले बाबा का कहना है कि वह बैठे-बैठे ही सो जाते हैं. वह पिछले 5 सालों से वह लेट कर नहीं सोए हैं. अगर लेट जाएंगे तो उनकी फसल खराब हो जाएगी. बहरहाल, बाबा किला घाट के पास एकांत में कल्पवास कर रहे हैं. मेला खत्म होने के बाद वह सोनभद्र वापस लौट जाएंगे.
आपको बता दें कि इस बार कुंभ 2000 महाकुंभ 2025 को लेकर शासन प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारी की है. लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं की यहां आने की उम्मीद है. इसको लेकर शहर हो या कुंभ मेला क्षेत्र तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. जिससे देश और दुनिया में महाकुंभ का नाम फैल सके.
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