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प्रयागराज में खतरे के निशान से चंद मीटर दूर बह रहीं गंगा और यमुना, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट - Prayagraj Ganga Yamuna flood

प्रयागराज में गंगा यमुना उफान पर हैं. कई निचले इलाकों में लोगों को घरों में पानी घुस गया है. लोग पलायन करने को मजबूर हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है,

खतरे के निशान के पास पहुंची गंगा-यमुना.
खतरे के निशान के पास पहुंची गंगा-यमुना. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 8, 2024, 12:22 PM IST

प्रयागराज में गंगा-यमुना में उफान. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज : जिले में बारिश के बाद गंगा-यमुना का जलस्तर उफान पर है. पहाड़ों पर हो रही वर्षा के कारण जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बारिश के बाद शुक्रवार को तेजी के साथ दोनों नदियों उफान पर हैं. गुरुवार की सुबह 8 बजे गंगा नदी में फाफामऊ का जल स्तर 81.33 मीटर था. वहीं, छतनाग में 81.56 मीटर था. यमुना 82 मीटर पर पहुंच गई है जबकि खतरे का निशान 84 मीटर पर है.

गंगा 3 जबकि यमुना अभी खतरे के निशान से लगभग 2 मीटर नीचे बह रही है. 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो जल्द ही यह खतरे के निशान को पार कर सकता है. गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग डूब गए हैं. स्कूली बच्चों समेत अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा कॉलोनियों में भी पानी भर गया है.

बढ़ते जलस्तर के बीच जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. सभी को खास कर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है. प्रयागराज में बड़ी संख्या में तटीय इलाके में बने घरों में किराए के कमरे में छात्र रहते हैं. पानी बढ़ने से छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली कछार, दारागंज आदि इलाकों में 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. घाटों पर घाटियों ने अपना समान फिर से समेटना शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ें : वकील के उकसाने पर CM आवास पर महिला ने किया आत्मदाह; बोला था- जैसे ये करोगी, आफत मच जाएगी, SO-CO औकात में आ जाएंगे

प्रयागराज में गंगा-यमुना में उफान. (Video Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज : जिले में बारिश के बाद गंगा-यमुना का जलस्तर उफान पर है. पहाड़ों पर हो रही वर्षा के कारण जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बारिश के बाद शुक्रवार को तेजी के साथ दोनों नदियों उफान पर हैं. गुरुवार की सुबह 8 बजे गंगा नदी में फाफामऊ का जल स्तर 81.33 मीटर था. वहीं, छतनाग में 81.56 मीटर था. यमुना 82 मीटर पर पहुंच गई है जबकि खतरे का निशान 84 मीटर पर है.

गंगा 3 जबकि यमुना अभी खतरे के निशान से लगभग 2 मीटर नीचे बह रही है. 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो जल्द ही यह खतरे के निशान को पार कर सकता है. गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग डूब गए हैं. स्कूली बच्चों समेत अन्य लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा कॉलोनियों में भी पानी भर गया है.

बढ़ते जलस्तर के बीच जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. सभी को खास कर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है. प्रयागराज में बड़ी संख्या में तटीय इलाके में बने घरों में किराए के कमरे में छात्र रहते हैं. पानी बढ़ने से छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली कछार, दारागंज आदि इलाकों में 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. घाटों पर घाटियों ने अपना समान फिर से समेटना शुरू कर दिया है.

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