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इलाहाबादी अमरूद नहीं अब आम बनेगा प्रयागराज की नई पहचान, फ्रूट बैगिंग तकनीक से किसान हो रहे मालामाल - prayagraj allahabadi mango demand - PRAYAGRAJ ALLAHABADI MANGO DEMAND

अब इलाहाबादी आम से प्रयागराज की नई पहचान होगी. फ्रूट बैगिंग तकनीकी ने किसानों की जिंदगी बदल दी है. पहली बार आम निर्यात के बाजार में आम की मांग बड़ी है. दुबई और ओमान में भी आम का निर्यात शुरू हुआ है. किसानों को इसकी उपज का डेढ़ से दो गुना अधिक मूल्य मिल रहा है.

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PRAYAGRAJ ALLAHABADI MANGO (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 8, 2024, 12:01 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 12:33 PM IST

प्रयागराज: किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार कृषि और बागवानी में नई तकनीकी का लगातार समावेश कर रही है. प्रयागराज में आम उत्पादक हजारों किसानों की लाइफ इस वर्ष आम के फलों में इस्तेमाल की गई नई तकनीकी ने बदलनी शुरू कर दी है. इसके प्रयोग से आम पैदा करने वाले किसानों की आम की उपज पहले से दो गुना तक बढ़ गई है. जिससे किसानों के चेहरे खिल गए हैं.

खुसरो बाग उद्यान प्रभारी बी. के सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

फ्रूट बैगिंग तकनीक रही असरदार, आम की बागवानी करने वाले प्रयागराज मंडल के किसानों के लिए फ्रूट बैगिंग तकनीकी वरदान साबित हो रही है. मंडल में आम की बागवानी करने वाले किसानों के आम के फल धूल, कीट पतंगों और तेज हवा की मार के चलते अक्सर निर्यात के मानकों पर खरे नहीं उतरते थे. जिससे फलों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ये अपनी जगह नहीं बना पा रहे थे. लेकिन, पहली बार मंडल में आम के फलों में फ्रूट बैगिंग तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है. इसके उत्साहित करने वाले नतीजे सामने आए हैं. आम के फलों में फ्रूट बैगिंग करने से आम के फल की चमक, कलर में जबरदस्त बदलाव आया है. कीट पतंगों का प्रकोप और तेज हवाओं की मार से भी इनकी बचत हुई है. इससे मंडल में इस बार पैदा हुई आम की उपज की कीमत पिछले साल की तुलना में डेढ़ से दो गुना बढ़ गई है.

किसानों को मिली दुगनी आय: मलीहाबाद की तरह प्रयागराज मंडल में भी आम की फल पट्टी है. जिसमें बड़ी तादाद में आम की बागवानी होती है. डीडीओ हॉर्टिकल्चर कृष्ण मोहन चौधरी के मुताबिक मंडल में कुल 2100 हेक्टेयर में आम की बागवानी की जा रही है. इसमें पहली बार आम के फलों पर अप्रैल के आखिर में एक लाख दस हजार से अधिक फ्रूट बैग उस समय बांधे गए. जब फल की साइज 50 ग्राम की थी. आंध्र प्रदेश की कंपनी फ्रूट टेक ने यह फ्रूट बैग उपलब्ध कराए थे. एक बैग की कीमत 2 रुपये 75 थी. उद्यान विभाग और एक आम निर्यातक कंपनी के सहयोग से आम के फलों में यह बैगिंग की गई. जिसके उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं. मंडल में इस नई तकनीकी से 50 हजार टन चौसा और दशहरी आम की उपज मिली है. उच्च गुणवत्ता वाली आम की इस उपज को माइस ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा दुबई और सलाला ओमान निर्यात किया जा रहा है.

इसे भी पढ़े-प्रयागराज: देश-दुनिया में मशहूर इलाहाबादी अमरूद, जानिए क्या है इसकी खास बात


प्रयागराज मंडल में आम की बागवानी की सबसे बड़ी फल पट्टी प्रतापगढ़ जिले में है. जहां अकेले 1100 हेक्टेयर में आम की बागवानी होती है. प्रयागराज में 600 हेक्टेयर में आम की उपज ली जाती है. इस साल प्रतापगढ़ में 16 हजार टन, कौशांबी में 11 हजार टन और प्रयागराज में 10 हजार टन आम जून के पहले हफ्ते तक टूटा है. अभी तक इस उपज को आसपास के जिलों में ही भेजा जाता था. लेकिन, इस बार आम की यह उपज निर्यात के मानकों पर खरा उतरने की वजह से विदेशों में निर्यात हो रही है.

आमो की होगी फ्रूट बैगिंग: आम के फलों में फ्रूट बैगिंग करने से आम के फल की चमक, कलर में जबरदस्त बदलाव आया है. कीट पतंगों का प्रकोप और तेज हवाओं की मार से भी इनकी बचत हुई है. इससे मंडल में इस बार पैदा हुई आम की उपज की कीमत पिछले साल की तुलना में डेढ़ से दो गुना बढ़ गई है.

मलीहाबाद की तरह प्रयागराज में भी होगी आम की पहचान: मलीहाबाद की तरह प्रयागराज मंडल में भी आम की फल पट्टी है. जिसमे बड़ी तादाद में आम की बागवानी होती है. उद्यान प्रभारी बीके सिंह के मुताबिक मंडल में कुल 2100 हेक्टेयर में आम की बागवानी की जा रही है. इसमें पहली बार आम के फलों पर अप्रैल के आखिर में एक लाख दस हजार से अधिक फ्रूट बैग में उस समय बांधे गए, जब फल की साइज 50 ग्राम की थी.

आंध्र प्रदेश की कंपनी फ्रूट टेक ने फ्रूट बैग उपलब्ध कराए: आंध्र प्रदेश की कंपनी फ्रूट टेक ने यह फ्रूट बैग उपलब्ध कराए है. एक बैग की कीमत 2 रुपये 75 थी. उद्यान विभाग और एक आम निर्यातक कंपनी के सहयोग से आम के फलों में यह बैगिंग की गई. जिसके उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं. मंडल में इस नई तकनीकी से 50 हजार टन चौसा और दशहरी आम की उपज मिली है.


दुबई और सलाला ओमान निर्यात किया जा रहा है: उच्च गुणवत्ता वाली आम की इस उपज को माइस ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा दुबई और सलाला ओमान निर्यात किया जा रहा है. प्रयागराज मंडल में आम की बागवानी की सबसे बड़ी फल पट्टी प्रतापगढ़ जिले में है. जहां अकेले 1100 हेक्टेयर में आम की बागवानी होती है. प्रयागराज में 600 हेक्टेयर में आम की उपज ली जाती है. इस साल प्रतापगढ़ में 16 हजार टन, कौशांबी में 11 हजार टन और प्रयागराज में 10 हजार टन आम जून के पहले हफ्ते तक टूटा है. अभी तक इस उपज को आसपास के जिलों में ही भेजा जाता था. लेकिन, इस बार आम की यह उपज निर्यात के मानकों पर खरा उतरने की वजह से विदेशों में निर्यात हो रही है.

यह भी पढ़े-अखिलेश का भाजपा सरकार पर तंज, 'इलाहाबादी प्रयागराजी अमरूद' हो गया क्या

प्रयागराज: किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार कृषि और बागवानी में नई तकनीकी का लगातार समावेश कर रही है. प्रयागराज में आम उत्पादक हजारों किसानों की लाइफ इस वर्ष आम के फलों में इस्तेमाल की गई नई तकनीकी ने बदलनी शुरू कर दी है. इसके प्रयोग से आम पैदा करने वाले किसानों की आम की उपज पहले से दो गुना तक बढ़ गई है. जिससे किसानों के चेहरे खिल गए हैं.

खुसरो बाग उद्यान प्रभारी बी. के सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

फ्रूट बैगिंग तकनीक रही असरदार, आम की बागवानी करने वाले प्रयागराज मंडल के किसानों के लिए फ्रूट बैगिंग तकनीकी वरदान साबित हो रही है. मंडल में आम की बागवानी करने वाले किसानों के आम के फल धूल, कीट पतंगों और तेज हवा की मार के चलते अक्सर निर्यात के मानकों पर खरे नहीं उतरते थे. जिससे फलों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ये अपनी जगह नहीं बना पा रहे थे. लेकिन, पहली बार मंडल में आम के फलों में फ्रूट बैगिंग तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है. इसके उत्साहित करने वाले नतीजे सामने आए हैं. आम के फलों में फ्रूट बैगिंग करने से आम के फल की चमक, कलर में जबरदस्त बदलाव आया है. कीट पतंगों का प्रकोप और तेज हवाओं की मार से भी इनकी बचत हुई है. इससे मंडल में इस बार पैदा हुई आम की उपज की कीमत पिछले साल की तुलना में डेढ़ से दो गुना बढ़ गई है.

किसानों को मिली दुगनी आय: मलीहाबाद की तरह प्रयागराज मंडल में भी आम की फल पट्टी है. जिसमें बड़ी तादाद में आम की बागवानी होती है. डीडीओ हॉर्टिकल्चर कृष्ण मोहन चौधरी के मुताबिक मंडल में कुल 2100 हेक्टेयर में आम की बागवानी की जा रही है. इसमें पहली बार आम के फलों पर अप्रैल के आखिर में एक लाख दस हजार से अधिक फ्रूट बैग उस समय बांधे गए. जब फल की साइज 50 ग्राम की थी. आंध्र प्रदेश की कंपनी फ्रूट टेक ने यह फ्रूट बैग उपलब्ध कराए थे. एक बैग की कीमत 2 रुपये 75 थी. उद्यान विभाग और एक आम निर्यातक कंपनी के सहयोग से आम के फलों में यह बैगिंग की गई. जिसके उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं. मंडल में इस नई तकनीकी से 50 हजार टन चौसा और दशहरी आम की उपज मिली है. उच्च गुणवत्ता वाली आम की इस उपज को माइस ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा दुबई और सलाला ओमान निर्यात किया जा रहा है.

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प्रयागराज मंडल में आम की बागवानी की सबसे बड़ी फल पट्टी प्रतापगढ़ जिले में है. जहां अकेले 1100 हेक्टेयर में आम की बागवानी होती है. प्रयागराज में 600 हेक्टेयर में आम की उपज ली जाती है. इस साल प्रतापगढ़ में 16 हजार टन, कौशांबी में 11 हजार टन और प्रयागराज में 10 हजार टन आम जून के पहले हफ्ते तक टूटा है. अभी तक इस उपज को आसपास के जिलों में ही भेजा जाता था. लेकिन, इस बार आम की यह उपज निर्यात के मानकों पर खरा उतरने की वजह से विदेशों में निर्यात हो रही है.

आमो की होगी फ्रूट बैगिंग: आम के फलों में फ्रूट बैगिंग करने से आम के फल की चमक, कलर में जबरदस्त बदलाव आया है. कीट पतंगों का प्रकोप और तेज हवाओं की मार से भी इनकी बचत हुई है. इससे मंडल में इस बार पैदा हुई आम की उपज की कीमत पिछले साल की तुलना में डेढ़ से दो गुना बढ़ गई है.

मलीहाबाद की तरह प्रयागराज में भी होगी आम की पहचान: मलीहाबाद की तरह प्रयागराज मंडल में भी आम की फल पट्टी है. जिसमे बड़ी तादाद में आम की बागवानी होती है. उद्यान प्रभारी बीके सिंह के मुताबिक मंडल में कुल 2100 हेक्टेयर में आम की बागवानी की जा रही है. इसमें पहली बार आम के फलों पर अप्रैल के आखिर में एक लाख दस हजार से अधिक फ्रूट बैग में उस समय बांधे गए, जब फल की साइज 50 ग्राम की थी.

आंध्र प्रदेश की कंपनी फ्रूट टेक ने फ्रूट बैग उपलब्ध कराए: आंध्र प्रदेश की कंपनी फ्रूट टेक ने यह फ्रूट बैग उपलब्ध कराए है. एक बैग की कीमत 2 रुपये 75 थी. उद्यान विभाग और एक आम निर्यातक कंपनी के सहयोग से आम के फलों में यह बैगिंग की गई. जिसके उत्साहवर्धक परिणाम सामने आए हैं. मंडल में इस नई तकनीकी से 50 हजार टन चौसा और दशहरी आम की उपज मिली है.


दुबई और सलाला ओमान निर्यात किया जा रहा है: उच्च गुणवत्ता वाली आम की इस उपज को माइस ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा दुबई और सलाला ओमान निर्यात किया जा रहा है. प्रयागराज मंडल में आम की बागवानी की सबसे बड़ी फल पट्टी प्रतापगढ़ जिले में है. जहां अकेले 1100 हेक्टेयर में आम की बागवानी होती है. प्रयागराज में 600 हेक्टेयर में आम की उपज ली जाती है. इस साल प्रतापगढ़ में 16 हजार टन, कौशांबी में 11 हजार टन और प्रयागराज में 10 हजार टन आम जून के पहले हफ्ते तक टूटा है. अभी तक इस उपज को आसपास के जिलों में ही भेजा जाता था. लेकिन, इस बार आम की यह उपज निर्यात के मानकों पर खरा उतरने की वजह से विदेशों में निर्यात हो रही है.

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Last Updated : Jul 8, 2024, 12:33 PM IST
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