रायपुर : भगवान भोलेनाथ देवों के देव माने जाते हैं. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हम कई तरह के व्रत करते हैं.उन्हीं व्रतों में से एक व्रत है प्रदोष व्रत.जो हमारे भारतीय कैलेंडर के मुताबिक हर मास में आता है. जुलाई माह का दूसरा प्रदोष व्रत 19 जुलाई दिन शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. इससे पहले 3 जुलाई को प्रदोष व्रत पड़ा था. भगवान शिव की पूजन का पवित्र सावन महीना की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. सभी शिव मंदिरों में ओम नमः शिवाय के गूंज भी सुनाई देंगे.
व्रत से बरसती है भोलेनाथ की कृपा : आपको बता दें कि प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित माना गया है. इस दिन भगवान शिव की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है. शिवजी की विशेष कृपा पाने के लिए प्रदोष तिथि को बेहद शुभ माना गया है. आषाढ़ माह में आने वाले इस उपवास को सबसे खास माना जाता है. प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होता है. भगवान भोलेनाथ की कृपा जातक पर हमेशा बनी रहती है. प्रदोष व्रत को लेकर महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन भगवान वामन का अवतार हुआ था. इसलिए इसे वामन द्वादशी के नाम से जाना जाता है. वामन द्वादशी का पर्व 18 जुलाई को मनाया जाएगा. प्रदोष व्रत के बारे में उन्होंने बताया कि प्रदोष व्रत 19 जुलाई को रखा जाएगा.
प्रदोष व्रत में कैसे करें पूजा ?: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा आराधना की जाती है. प्रदोष व्रत के दिन जातक दिनभर भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं. सुबह स्नान ध्यान से निवृत होकर जातक इस उपवास को करते हैं. दोपहर के समय भगवान शिव की पूजा करते हैं.
''सायंकाल के समय सूर्यास्त के 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद के समय को प्रदोष काल कहा जाता है. प्रदोष व्रत की मुख्य पूजा प्रदोष काल में दीपदान करके की जाती है. इस समय भगवान शंकर कैलाश पर्वत में प्रसन्न मुद्रा में रहते हैं. ऐसे में प्रदोष काल में पूजा करने का फल भी जातक को जल्दी प्राप्त होता है." पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी महामाया मंदिर
प्रदोष व्रत में पूजन विधि : प्रदोष व्रत की पूजा विधि में सूर्योदय से पहले स्नान ध्यान से निवृत होने के बाद घर के पूजा वाले स्थान पर चौकी लगाकर उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति को रखें. इसके बाद गंगाजल, शहद, घी से अभिषेक करें. पूजा के दौरान महादेव को फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें. फिर दीपक जलाकर आरती उतारे. इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ माना गया है. इसलिए पाठ करें और बाद में महादेव को फल और मिठाई का भोग लगाए.
वैवाहिक जीवन में आती है समृद्धि : गुरु प्रदोष के दिन इस तरह के उपाय भी किए जा सकते हैं. जिसमें भगवान शिव को दही में शहद मिलाकर भोग लगाए. ऐसा करने पर वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है. प्रदोष व्रत के दिन दूध में थोड़ा सा केसर मिला लें. इसके बाद इस शिवलिंग पर चढ़ाए दूध चढ़ाते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से जातक को कार्यों में सफलता के योग बनते हैं. प्रदोष व्रत के दिन शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ करना बेहद शुभ माना गया है. इसका पाठ करने से मन से सभी प्रकार के डर और भय दूर हो जाते हैं.