हजारीबाग: जिले के इचाक प्रखंड को आलू उत्पादन के लिए पूरे देश में जाना जाता है. यहां किसान बड़े पैमाने पर आलू उगाते हैं. आलू की फसल तैयार होने पर व्यापारी खुद ही खेतों तक पहुंचते हैं. इस बार जिले में ज्यादा बारिश के कारण इचाक प्रखंड में आलू और धनिया पत्ता की फसल को भारी नुकसान हुआ है. लाखों रुपए का बिहन किसानों ने लगाया था, जो कि बरसात में खराब हो गया है.
हजारीबाग में आलू की खेती बर्बाद (ईटीवी भारत) हजारीबाग के इचाक के उपजाए हुए आलू और धनिया पत्ता का स्वाद देश के कोने कोने के लोग चखते हैं. यहां आलू का व्यापार लगभग 70 से 80 करोड़ रुपए का है. इस बार भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों का लगाया हुआ बिहन भी बर्बाद हो चुका है. इचाक में किसानों ने करीब 60 हजार पॉकेट से अधिक आलू का बीज उत्तर प्रदेश के कानपुर, बंगाल एवं बिहार से लाकर खेतों में लगाया था. पिछले वर्ष भी इसी तरह किसान आलू लगाकर पूरी तरह से डूब चुके थे. प्रखंड के कलाद्वार, फुफंदी, दरिया, जोगीडीह, बरकाखुर्द, बरककला, अंबाटांड़, डॉय, पोखरिया, मोक्तमा, फुरुका, मंगूरा, चंदवारा, जलौंध समेत दर्जनों गांवों के किसानों का उपजाया हुआ आलू और धनियां के खेत बर्बाद हो गए हैं.किसानों ने बताया कि लाखों की पूंजी लगाकर उन्होंने आलू की खेती की, लेकिन प्रकृति के कहर ने सबकी कमर तोड़ कर रख दी. 75 प्रतिशत फसल पूरी तरह नष्ट हो गया. किसानों का यह भी कहना है कि बाजार से कर्ज लेकर खेती करते हैं. फसल बेचकर कर्ज तोड़ते हैं. लेकिन इस बार 36 घंटे से अधिक लगातार बारिश ने किसानों को सबसे अधिक प्रभावित किया है. अब किसान को सरकार से उम्मीद है कि वह उनके दुख के समय खड़ी होगी, तभी किसानों को राहत मिलेगी. क्षति हुई फसल की भरपाई कैसे कर पाएंगे यह सोच कर किसान परेशान हैं.
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