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कांकेर में गरीबों को आशियाने का इंतजार, किराये के साथ हितग्राही भर रहे कर्ज की किस्त - PM Awash in Kankar

सपनों का आशियाना बनाने के लिए कांकेर नगर के गरीब तबके के लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में आवास बुक कराए थे. आवास बुक कराने के लिए कई हितग्राहियों ने कर्ज लेकर नगरपालिका में पैसा जमा कराया था. लेकिन नगर पालिका के अफसर की लापरवाही के कारण कई लोग आवास से वंचित हैं.गरीबों को पांच साल बाद भी हितग्राहियों को समय पर मकान नहीं मिला.जिसके कारण अब सभी किराए के मकान में रहने के साथ कर्ज की ईएमआई भी चुका रहे हैं.

PM AWASH IN KANKAR
कांकेर में गरीबों को आशियाने का इंतजार (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 17, 2024, 8:43 PM IST

कांकेर : कांकेर शहर में गरीबों के लिए 128 मकान बनाने का काम 2018 में शुरू हुआ था. इस काम को 2019 में पूरा हो जाना था. नगर पालिका ने गरीबों को आवास आवंटित करते अंशदान की राशि भी जमा करा ली. लेकिन पांच साल गुजर चुके हैं, अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है.मकान आवंटित होने के बाद पैसे जमा करा चुके गरीब परिवार परेशान हो रहे हैं.

कांकेर में गरीबों को आशियाने का इंतजार (ETV Bharat Chhattisgarh)

मकान का सपना हुआ चकनाचूर : कर्ज लेकर मकान बनाने का सपना देख रही सीमा दुबे की माने तो उन्होंने मकान के लिए कर्ज लिया था.सोचा था जिस किराये के पैसों से मकान की किस्त भरेंगे.लेकिन अब तक मकान नहीं मिला.जिसके कारण किराया के साथ किस्त भी देनी पड़ रही है. ऐसे ही किराए के मकान में रह रहे सब्बीर खान का हाल है. चार साल पहले समूह से 60 हजार कर्ज लेकर नगरपालिका में जमा किया. लेकिन अभी तक मकान पूरा नहीं बन पाया है.अब समूह को किश्त अदा करने के साथ मकान का किराया भी देना पड़ रहा है.

''5 साल पहले आबंटन की प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ी हुई थी.हमने एसडीएम और नगरपालिका सीएमओ का जांच टीम गठित किया है. जल्द हितग्राहियों को आवास मिल जाएगा.'' नीलेश क्षीरसागर,कलेक्टर

इंतजार हुआ लंबा: फरवरी 2018 में आवास निर्माण के लिए कार्यआदेश जारी हुआ था.18 माह यानि अगस्त 2019 तक दोनों परियोजनाओं का काम पूरा होना था.समय पूरा होने के बाद अब पांच साल बीत चुके हैं.लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है. वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर की अलग दलील है.अब जब मामला सामने आया है तो एक बार फिर हितग्राहियों के मन में घर मिलने की आस है.

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